कामिका एकादशी आज, पूजा विधि विधान से करें…

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गुरुवार को कामिका एकादशी के दिन सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नानादि करें और साफ कपड़े पहन लें. इसके बाद घर के पूजा स्थान पर गंगाजल से छिड़काव करें और लकड़ी की चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं. चौकी में भगवान विष्‍णु की मूर्ति या तस्‍वीर स्‍थापित करें. भगवान को हल्दी या चंदन का तिलक करें और पंचामृत, फल, फूल, तुलसी, मेवा, भोग और नैवेद्य अर्पित कर विधि-विधान से पूजा करें।

पूजा में कामिका एकादशी की व्रत कथा जरूर पढ़ें या सुनें और आखिर में आरती करें.कामिका एकादशी व्रत कथायुधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा कि हे प्रभु श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में जो एकादशी आती है, वो कौन सी एकादशी है और उसकी क्या कथा है, कृपा करके मुझे बताएं।

श्रीकृष्ण ने कहा कि हे राजन सावन मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को कामिका एकादशी तथा पिवत्रा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के उपेंद्र स्वरुप की पूजा की जाती है। इस एकादशी का व्रत करने से पूर्वजन्म की समस्याएं दूर और हजार गौ दान के समान पुन्य फल की प्राप्ति होती है।

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