18 वें रोज़े पर नन्हे-मुन्ने बच्चों को कराया गया रोजा इफ्तार

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लव इंडिया, मुरादाबाद । सोमवार को शहर के मशहूर और मारूफ शायर मरहूम ज़िया शादानी के यहां बीते कई सालों से रमज़ान के 18वे रोज़े पर नन्हे मुन्ने बच्चों का रोजा इफ्तार व खाना कराया जाता है जिसमें काफी संख्या में मासूम बच्चे शिरकत करते हैं और देश के अमनो अमान के लिए दुआएं मांगते हैं। कहा जाता है कि मासूम बच्चों की दुआ कभी खाली नहीं जाती है।

मरहूम शायर ज़िया शादानी के छोटे बेटे अदनान ज़िया ने बताया कि तकरीबन 20 सालो से उनके यहां 18 वे रोज़े पर छोटे बच्चों का इफ्तार कराया जा रहा है और उनकी पूरी कोशिश है कि यह सिलसिला आने वाले सालों में भी बदस्तूर जारी रहेगा।

इफ्तार से करीब आधा घंटा पहले बच्चे दस्तरखान पर इकट्ठा हो जाते हैं और हाथ उठाकर दुवाएं मांगते है और साथ ही मरहूम ज़िया शादानी और उनकी अहेलिया मरहूमा सईदा ज़िया की मगफिरत की भी दुआ करते है।
रोज़ा इफ्तार कराने वालो में युवा समाजसेवी कामरान ज़िया ,अदनान हैदर, रूबा कामरान, सादिया ज़िया, फज़ायला, उतरुबा आदि मौजूद रहे।

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