भूमि सुधार व मेढबंदी से अर्जुन की फसल हुई दोगुनी

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बलरामपुर : विकासखण्ड वाड्रफनगर के ग्राम पंचायत कोल्हुआ में रहने वाले आदिवासी किसान 50 वर्षीय अर्जुन सिंह मराबी का मूल आजीविका का साधन खेती-बाड़ी व मनरेगा कार्य है। 05 सदस्यों वाले परिवार के भरण-पोषण की लम्बे समय से जिम्मेदारी संभालने वाले अर्जुन के खेत के लिए तब बरदान साबित हुआ जब मनरेगा योजनांतर्गत उसके ढालुनूमा 1.5 एकड़ भूमि में मेढ़बंदी व भूमिसुधार का कार्य स्वीकृत हुआ तथा निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण भी हो गया। इनके भूमि में जहां पहले एक फसल लेना मुश्किल होता था, अब मेढ़बंदी के द्वारा खरीफ सीजन में 08 क्विंटल धान का उत्पादन हुआ तथा दोहरी फसल के रूप में इस रबी सीजन में 50 किग्रा गेहूं लगाया गया है।

चूंकि नरवा उपचार के तहत अनेकानेक संरचनाओं के साथ-साथ अर्जुन के खेत के पास सामुदायिक कूप का भी निर्माण मनरेगा के माध्यम से कराया गया है जिससे सिंचाई की भी पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। हितग्राही अर्जुन ने बताया कि इस खेत में कभी कोई फसल नहीं होता था किन्तु मनरेगा की योजनांतर्गत मेढ़बंदी व भूमिसुधार हो जाने से हम आसानी से दो फसली की खेती कर पा रहे हैं खेती किसानी के साथ-साथ अर्जून मनरेगा कार्यों में मेट का भी कार्य सफलतापूर्वक कर रहा है। अर्जून के साथ-साथ आज की स्थिति में वाड्रफनगर के सैकड़ों किसान मनरेगा से मेढ़बंदी व भूमिसुधार कर कृषि उत्पादकता को बढ़ा रहे हैं।

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