fake MLA: विधायकी गई और फिर भी ‘फर्जी रुतबा’

India Uttar Pradesh Uttarakhand अपराध-अपराधी टेक-नेट तेरी-मेरी कहानी युवा-राजनीति

उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता और पूर्व नगर विकास मंत्री (Senior leader and former urban development minister) आजम खान (Azam Khan)की हेट स्पीच (hate speech) और आचार संहिता के उल्लंघन (code of conduct violations) के मामले में विधायकी चली गई लेकिन सत्ता के नशे में चूर रहने वाले आजम खान का सत्ता का ‘फर्जी रुतबा’ बरकरार है क्योंकि एमपी एमएलए कोर्ट रामपुर (MP MLA Court Rampur) से सजा पाने वाले आजम खान अभी तक विधायकी का फर्जी रुतबा बनाए हुए हैं।

जी हां! हम बात कर रहे हैं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नगर विकास मंत्री के साथ-साथ कई बार के विधायक (MLA) और सांसद(MP) रहने वाले आजम खां की, जिन्हें 27 अक्टूबर को रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने 2019 की हेट स्पीच मामले में दोषी माना और तीन साल की सजा सुनाई थी। भड़काऊ भाषण मामले में रामपुर कोर्ट ने 27 अक्टूबर अर्थात गुरुवार को उन्हें तीन साल की सजा सुनाई है। सजा के दूसरे दिन आजम की विधायकी खत्म कर दी गई। इसी के बाद से यह सवाल राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं में गर्म हो गया था कि क्या सपा नेता की अब विधायकी जाएगी या नहीं? और सजा के एक ही दिन बाद 29 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा झटका दिया और भड़काऊ भाषण मामले में 3 साल की सजा होने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने शुक्रवार को आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द की है। इसी के साथ, रामपुर की विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है।

शासकीय सुविधाओं से वंचित मगर सत्ता का नशा अलग है आजम खान में

विधानसभा की सदस्यता रद्द होने के साथ ही आजम खां की विधायकी जाती रही और अधिकांश शासकीय सुविधाओं से भी वंचित हो गए मगर सत्ता का नशा अलग है और वंचित होने के बाद भी नेताजी का पीछा नहीं छोड़ते। कुछ ऐसा ही हो रहा है समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के साथ।

93 मुकदमे दर्ज हैं आजम खान पर विभिन्न थानों में

आजम खान पर 93 मुकदमे दर्ज हैं इनमें लूट, चोरी राहजनी, अमानत में ख्यानत, भड़काऊ भाषण देना आपत्तिजनक टिप्पणी करना के अलावा भ्रष्टाचार के मुकदमे हैं और इनमें से दो मुकदमे आजम खान के खिलाफ मुरादाबाद में एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहे हैं। इनमें एक मुकदमा रामपुर की पूर्व सपा सांसद हॉट जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री जयप्रदा के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी करने का है जबकि दूसरा मुकदमा साल 2008 का है। यह मुकदमा मुरादाबाद के छजलैट थाने में दर्ज है। रिपोर्ट के मुताबिक छजलैट क्षेत्र में 29 जनवरी 2008 को सपा नेता आजम खां की गाड़ी रोककर पुलिस ने चेकिंग की तो गाड़ी में लगी काली पन्नी हटाने को लेकर आजम खान का पुलिस से विवाद हो गया था। चेकिंग के विरोध में आजम खान सड़क पर बैठ गए और जमकर हंगामा किया था। आसपास के जनपदों से भी सपा नेता उनके समर्थक में आ गए थे।

आजम खान समेत नौ सपा नेता इस मामले में आरोपी

इस मामले में आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम समेत पूर्व सपा महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति, नूरपुर के पूर्व सपा विधायक नईम ऊल हसन, सपा जिला अध्यक्ष डी पी यादव, राजेश यादव, नगीना विधायक मनोज पारस, अमरोहा विधायक महबूब अली आरोपी हैं। इसी केस की सुनवाई एमएलए एमपी स्पेशल मजिस्ट्रेट कोर्ट स्मिता गोस्वामी की कोर्ट में चल रही है। एक नवंबर अर्थात मंगलवार को सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म कोर्ट में पेश हुए तो हेट स्पीच और आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में विधायकी जाने के बावजूद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खान का फर्जी रुतबा’ दिखाई दिया।

आजम की विदेशी कार पर उत्तर प्रदेश सचिवालय का लगा था पास

एक नवंबर को मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट में बेटे अब्दुल्ला आज़म के साथ जिस गाड़ी से आजम खान पहुंचे, वह आलीशान विदेशी गाड़ी वोल्वो थी। चमकदार काले रंग की वोल्वो की नंबर प्लेट UP22AK4224 थी। आरटीओ विभाग की माने तो यह गाड़ी आजम खान के ही नाम है। इसी वोल्वो पर सामने के शीशे पर विधानसभा सचिवालय का पास चिपका हुआ था और इस पास की वैधता दिसंबर 2022 तक है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब सपा नेता आजम खान को हेट स्पीच फॉर आचार संहिता उल्लंघन के मामले में 3 साल की सजा हो गई और उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश भड़ाना ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी तो फिर विधानसभा सचिवालय के पास को भी सजायाफ्ता आजम खां को हटा देना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया और कानून की दृष्टि में यह भी जुर्म है और इसमें जुर्माने के साथ-साथ सजा का भी प्रावधान हैं। लेकिन, सत्ता के नशे में चूर रहने वाले आजम खान का सत्ता का ‘फर्जी रुतबा’ बरकरार है क्योंकि एमपी एमएलए कोर्ट रामपुर से सजा पाने वाले आजम खान अभी तक विधायकी का ‘फर्जी रुतबा’ बनाए हुए हैं।

पंजाब राज्य में भी पकड़ा जा चुका है सचिवालय पास का मामला

अधिवक्ता देवेंद्र कुमार वार्ष्णेय बताते हैं कि कई कई साल पहले पंजाब राज्य के लुधियाना में ऐसा ही मामला पकड़ में आया था तो प्रशासन ने संबंधित विधायक के खिलाफ कार्रवाई की थी जबकि हाल ही में उत्तर प्रदेश के नोएडा में गालीबाज भाजपा नेता की गाड़ी पर भी सचिवालय का पास मिला था तो इसके खिलाफ भी पुलिस प्रशासन ने कार्यवाही की और ताजा मामला तो बेहद गंभीर है क्योंकि अदालत से सजा पाने बाले आजम खान कानून के पूरी तरह जानकार है। ऐसे में उनके सचिवालय पास का इस्तेमाल करना गंभीर अपराध है और इस मामले में पुलिस प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।

विधायकी जाने के बाद पास का इस्तेमाल करना अपराध

कोर्ट से सजा होने के बाद अगर सपा नेता आजम खान की विधायकी चली गई तो विधान सभा सचिवालय के पास का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था और यह अपराध की श्रेणी में है इसके तहत आजम खां पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हो सकता है और ₹5000 जुर्माने के साथ-साथ 2 साल की सजा भी हो सकती है।

देवेंद्र कुमार वार्ष्णेय, उपभोक्ता मामलों के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता, मुरादाबाद मंडल, मुरादाबाद।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *