बिटकॉइन से देश-विदेश में ऑनलाइन नशीली और प्रतिबंधित दवाओं की खरीद फ़रोख़्त करने वाला गिरोह पकड़ा

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UP STF has caught a gang of online drug and banned drugs in the country and abroad with bitcoin.The leader of the gang is Shahbaz of Bijnor. The means of their forgery was the call center.

यूपी STF ने बिटकॉइन से देश-विदेश में ऑनलाइन नशीली और प्रतिबंधित दवाओं की खरीद फ़रोख़्त करने वाले गिरोह को पकड़ा है। गिरोह का सरगना बिजनौर का शहबाज है। इनकी जालसाजी का ज़रिया कॉल सेंटर था। ये लोग ग्राहकों का डेटा डार्क वेब से लेकर वर्चुअल मनी (बिटकॉइन) से खरीद फ़रोख़्त करते थे। इनके पास से 154 स्ट्रिप नशीली दवा और तीन लग्जरी कार बरामद हुई है। STF ने इन्हें चंदरनगर और आलमबाग से पकड़ा है।

नशीली दवा को बेचने के लिए चला रहे थे कॉल सेंटर

STF के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि प्रतिबंधित दवाओं की अवैध रूप से सप्लाई करने वाले बिजनौर के शहबाज खान व जावेद खान, आलमबाग के गौतम लामा, गोसाईगंज के शारिब एजाज, ऐशबाग के सऊद अली और गोसाईगंज के आरिज एजाज व शारिब एजाज को गिरफ्तार किया गया है।

STF के मुताबिक इस गिरोह की धरपकड़ के लिए कई दिन से जानकारी जुटा रही थी। ये लोग नशीली दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पोर्टल चला रहे थे। चंदरनगर में किराये के मकान में इनका कॉल सेंटर चला रहा था। गिरोह नशीली काल सेंटर से लोगों को ऑर्डर पर दवाएं उपलब्ध करा रहा था। गिरोह के सरगना शहबाज खान ने पूछताछ में बताया कि इस व्यवसाय के लिए कस्टमर का डाटा वह डार्क वेब से प्राप्त करता था। ग्राहकों से वॉट्सऐप से उन्हें माल सप्लाई करते थे। पैसे के बदले बिटकाइन या पेपाल से रुपए प्राप्त करता था।

25% तक छूट का लालच देकर फंसा रहे थे ग्राहक
लखनऊ कैमिस्ट एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य विकास रस्तोगी बताते हैं कि ऑनलाइन दवा कारोबार को ड्रग एक्ट में मंजूरी नहीं है। ऐसे में यह अवैध कारोबार है। छूट के लालच में मरीज ऑनलाइन दवाएं खरीद रहे हैं। ऑनलाइन दवाओं की खरीद पर 20 से 25 फीसदी तक की छूट दी जा रही है। जबकि दुकान पर 10 फीसदी तक ही छूट मिलती थी।

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