गरुड़ के गोमती नदी के बीच में एकत्र आरबीएम से बदल सकता नदी का रुख
गरुड़ के गोमती नदी के बीच में एकत्र आरबीएम से बदल सकता नदी का रुख
गरुड़ (बागेश्वर)। रिवर ट्रेनिंग के तहत गोमती नदी में हुआ खनन अब कज्यूली के काश्तकारों के लिए खतरा बना हुआ है। तहसील प्रशासन ने नदी में एकत्र आरबीएम और सिल्ट को मानसून से पूर्व नहीं हटाया तो बरसात में सैकड़ों नाली जमीन नदी में समा सकती है।
खनन विभाग ने गत वर्ष रिवर ट्रेनिंग के तहत कज्यूली गांव में गोमती के पास आरबीएम और सिल्ट की खुली नीलामी की थी। कुछ कारणों से सर्वाधिक बोली दाता नदी से पूरा आरबीएम और सिल्ट नहीं उठा पाया। कज्यूली के पूर्व प्रधान दिगपाल भंडारी और अन्य काश्तकारों का कहना है आरबीएम और सिल्ट नदी के बीच में ढेर लगा है। मानसून सक्रिय होते ही नदी का रुख बदलने की पूर्ण संभावना है। नदी के बीच में एकत्र आरबीएम नदी उफान भरने से नदी का रुख बदल सकता है। उन्होंने आपदा से बचने के लिए नदी के बीच में एकत्र आरबीएम और सिल्ट को शीघ्र हटाने की मांग की है।
कज्यूली गांव के पास गोमती नदी में एकत्र आरबीएस और सिल्ट के बहुत बड़े ढेर लगे है। आरबीएम से नदी का रुख बदल सकता है। आपदा प्रबंधन विभाग को इस संबंध में लिखा जाएगा। स्टोन क्रशरों और खनन भंडारणों में कांटा और सीसीटीवी कैमरा लगाने के संबंध में डीएम को लिखा गया है।