हाईकोर्ट का फैसला: SC-ST Act में रिपोर्ट दर्ज पर नहीं, दोष सिद्ध होने के बाद पीड़ित को दिया जाए मुआवजा

Uttar Pradesh अपराध-अपराधी

लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए कहा है कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में पीड़ित को अभियुक्त की दोषसिद्धि के उपरांत ही मुआवजा दिया जाए. न्यायालय ने कहा कि हम प्रतिदिन यह ट्रेंड देख रहे हैं कि एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में मुआवजा मिलने के बाद पीड़ित अभियुक्त से समझौता कर लेते हैं.

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने इसरार उर्फ इसरार अहमद व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया. याचियों ने उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत रायबरेली जनपद की विशेष अदालत में दाखिल चार्जशीट और पूरे मुकदमे को खारिज किए जाने की मांग की थी. याचियों का कहना था कि इस मामले में उनका वादी के साथ सुलह हो चुका है. वहीं मामले के वादी ने भी याचियों का समर्थन करते हुए सुलह हो जाने की बात कही.

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