प्रसिद्ध नवगीतकार माहेश्वर तिवारी को लखनऊ में चेतना गौरव सम्मान

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लखनऊ की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था चेतना साहित्य परिषद की ओर से आज लखनऊ में चारबाग स्थित रवींद्रालय सभागार के मंच पर आयोजित संस्था की स्वर्ण जयंती एवं भव्य सम्मान समारोह में मुरादाबाद निवासी देश के प्रसिद्ध नवगीतकार श्री माहेश्वर तिवारी को वर्ष ‘चेतना गौरव सम्मान’ प्रदान किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डा. हरि शंकर मिश्र, मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के भाषा विज्ञान विभाग की पूर्व अध्यक्ष डॉ. ऊषा सिन्हा तथा विशेष अतिथि चेतना साहित्य परिषद संस्था के संरक्षक रत्नेश गुप्त के कर कमलों से नवगीतकार माहेश्वर तिवारी को अंगवस्त्र, मानपत्र, प्रतीक चिह्न एवं सम्मान राशि भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन संस्था-चेतना साहित्य परिषद के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण मृदुल ने किया। कार्यक्रम में सम्मानित माहेश्वर तिवारी ने अपने नवगीत पढ़े-
“एक तुम्हारा होना क्या से क्या कर देता है
बेज़ुबान छत दीवारों को घर कर देता है
आरोहों अवरोहों से बतियाने लगती हैं
तुमसे जुड़कर चीज़ें भी बतियाने लगती हैं
एक तुम्हारा होना सपनों को स्वर देता है”
इस अवसर पर एक कवि सम्मेलन भी हुआ जिसमें बरेली से वरिष्ठ कवि देवेन्द्र देव, लखनऊ से वरिष्ठ गीतकार शिवभजन कमलेश, रमाशंकर सिंह, कवयित्री शोभा दीक्षित भावना, मुरादाबाद से डा. कृष्ण कुमार नाज, होशंगाबाद से वरिष्ठ गीतकार विनोद निगम आदि अनेक कवियों ने कविता पाठ किया।
मुरादाबाद के प्रसिद्ध गीतकार माहेश्वर तिवारी को चेतना गौरव सम्मान से सम्मानित किए जाने पर साहित्यिक संस्था अक्षरा, हस्ताक्षर एवं मुरादाबाद लिटरेरी क्लब की ओर से डॉ. अजय अनुपम, डॉ. मक्खन मुरादाबादी, योगेन्द्र वर्मा ‘व्योम’, ज़िया ज़मीर, राजीव प्रखर, हेमा तिवारी, डॉ. पूनम बंसल, डॉ. प्रेमवती उपाध्याय, डॉ. मनोज रस्तोगी, मनोज मनु, मयंक शर्मा, फरहत अली, राहुल शर्मा आदि ने बधाई दी।

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