‘कुष्ठ रोग से संबंधित लक्षण दिखे तो तुरंत जांच करा लें’
लव इंडिया,मुरादाबाद। 31 जनवरी को गोकुलदास गर्ल्स हिंदू कॉलेज में कुष्ठ रोग पखवाडा के अन्तर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनो इकाई तथा साइंस क्लब द्वारा कुष्ठ रोग उन्मुलन पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती जी के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इसके बाद प्राचार्या प्रोफेसर चारु मेहरोत्रा ने छात्राओं को अपने संदेश में कहा कि महात्मा गांधी का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ, लेकिन उनके असाधारण कार्यों एवं अहिंसा वादी विचारों ने स्वतंत्रता आंदोलनों को एक नई दिशा प्रदान की । भारत में प्रत्येक वर्ष महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि को विश्व कुष्ठ दिवस के रूप में मनाया जाता है, और इस बार इसे कुष्ठ रोग पखवारा की तरह मनाया जा रहा है।
प्राचार्या ने कहा कि एक समय था जब कुष्ठ रोगियों को घृणा की दृष्टि से देखा जाता था। लेकिन धीरे-धीरे मेडिकल साइंस ने कुष्ठ रोग के कारणों का पता लगाकर यह सिद्ध कर दिया कि कुष्ठ रोग कोई कलंक नहीं है बल्कि इस रोग के उत्पन्न होने के चिकित्सकीय कारण है। यदि हम अंधविश्वास की तरफ ना जाकर कुष्ठ रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें तो इस रोग का उपचार संभव है।
उन्होंने कहा कि मानते हैं आज विश्व में कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता बढ़ी है लेकिन अभी भी भारत के पिछड़े इलाकों में जहां अभी भी अंधविश्वास है ,कुष्ठ रोग को एक कलंक के रूप में ही देखा जाता है । इसलिए महाविद्यालय की छात्राओं और हम सब का यह कर्तव्य है कि देश के हर क्षेत्र में कुष्ठ रोगों के प्रति जागरूकता फैलाएं।
इसके पश्चात छात्राओं के द्वारा कुष्ठ रोग के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए एक छोटी सी नाटिका प्रस्तुत की गई । जिसमें छात्राओं सूमा, बुशरा, नादिया,खुशी,एवं प्राची ने प्रतिभाग किया।जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ भास्कर अग्रवाल ने छात्राओं को कुष्ठ रोग के कारण उनके लक्षणों जैसे त्वचा के दाग धब्बों में संवेदनहीनता, हाथ या पैर में दर्द रहित घाव और उसके उपचारों के बारे में बता कर उनका ज्ञान बढाया।
उन्होंने बताया कि यह रोग कभी-कभी कान पर गांठों या ऐसे घावों के होने से होता है जिसमें रोगियों को दर्द नहीं होता यदि इसका उपचार नहीं किया जाता तो यही कुष्ठ रोग हो जाता है। यह रोग छूत का रोग नहीं है । यह माइकोबैक्टेरियम लैप्री और माइकोबैक्टेरियम लेप्रो मेट्रोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है । इसका उपचार संभव है ।
डॉक्टर भास्कर ने छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का समाधान भी किया । साथ ही यह भी बताया कि मल्टी ड्रग थेरेपी( एमडीटी) से इस रोग का उपचार पूर्णता संभव है । यह थैरेपी सभी सरकारी चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है ।यह उपचार बिल्कुल मुफ्त है । इसलिए जैसे ही कुष्ठ रोग से संबंधित लक्षण दिखे तो तुरंत जांच करा लें जिसका उपचार हो सके।
उप प्राचार्या डॉ अंजना दास जी ने छात्राओं को बताया हम सब में यह भ्रांति फैली हुई यह रोग कुष्ठ रोगियों को स्पर्श करने से फैलता है। छात्राओं को इसके प्रति जागरूक होना होगा कि यह रोग स्पर्श करने से नहीं फैलता है। कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा कुष्ठ रोग पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें सोनाली को प्रथम, प्राची को द्वितीय तथा तहूरा को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की समस्त प्रवक्ताओं ने प्रतिभाग किया और अधिक से अधिक छात्राओं ने प्रतिभाग कर के कुष्ठ रोग संबंधी अपने ज्ञान को बढ़ाया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी डॉ रेनू शर्मा, डॉ शैफाली अग्रवाल एवं रसायन विज्ञान प्रभारी डॉ सविता अग्रवाल तथा ने सयुक्त रूप से किया।