स्वास्थ्य विभाग का कड़वा सच: कार्यवाही के नाम ‘धंधा’

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लव इंडिया, मुरादाबाद। जैसे ही स्वास्थ्य विभाग के मुखिया (सीएमओ) ने कुर्सी संभाली तो जिले भर के झोलाछाप डॉक्टरों और अस्पतालों में हड़कम मच गया था। अवैध अस्पताल, पैथोलॉजी लैब और क्लीनिक को टारगेट किया जा रहा था। ताबड़तोड़ कार्यवाही से सीएमओ ने कुछ ही दिनों में अपनी बेहतरीन साख बना ली थी लेकिन अब इसी साख पर दाग लगाया जा रहा है। यह दाग कोई और नहीं बल्कि विभाग के अधिकारी लगा रहे हैं जिन पर झोलाछाप अस्पताल और डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही करने की जिम्मेदारी है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टर- पैथोलॉजी लैब और क्लिनिक संचालक कह रहे हैं। उनका कहना है कि जब सील ही करने है तो फिर सील किये जा रहे अस्पताल, क्लीनिक और पेथोलोजी लैबों को सीएमओ साहब क्यो खुलवा रहे है। क्या ये साहब का धंधा है?

जिले में पंजीकृत अस्पतालों की संख्या 400 और पैथोलॉजी लैब मात्र 60 हैं जिनका रजिस्ट्रेशन सीएमओ कार्यालय में है। बाकी करीब 8 हजार पैथोलॉजी लैब और 10 हजार से अधिक अवैध अस्पताल खुले हैं जहां पर झोलाछाप डाक्टर संचालक हैं। जिन पर प्रशिक्षित डाक्टर नहीं बल्कि टैक्नीशियन बड़े ऑप्रेशन करके मरीजों की जिंदगी से खेल रहे है या यू कहिए कि अपना धंधा स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से चला रहें है। इन पर कार्यवाही कब होगी ये स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डा. कुलदीप सिंह ही जाने? फिलहाल, साहब के निर्देश पर एसीएमओ डा. संजीव बेलवाल ताबड़तोड़ छापेमारी करके अवैध अस्पताल, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी लैब और क्लीनिकों को सील भी कर रहे है और एफआईआर भी करवाने का दम भर रहें है। इसके बावजूद, सील हो रहे अस्पताल, लैब एक दिन बाद खुल भी रहे है जो चिंता का विषय है जिसका सीधा असर सीएमओ की उस बेहतरीन साख पर पड़ रहा है, जो कुछ दिन बनी थी और अब दागदार हो रही है।

बताते चले कि पिछले दिनों डा.संजीव बेलवाल ने प्रिंस रोड़ स्थित भूड़े का चौराहा सिटी हेल्थ केयर, सिस्सवां दोराहा स्थित राजा हॉस्पिटल, करुला स्थित अमेरिकन पैथोलॉजी लैब, ट्रस्ट पैथोलॉजी, जयंतीपुर डा. साइन जच्चा बच्चा केंद्र, प्राइप पैथोलॉजी लैब शरीफनगर, नेशनल पैथोलॉजी लैब ठाकुरद्वारा, सिटी मेडिकेयर सेंटर ठाकुरद्वारा, गांगन स्थित पैथोलॉजी लैब आदि ऐसे उदाहरण है जो सीएमओ साहब की बेहतरीन साख पर सवाल उठा रहें है। ये वहीं संचालक है जो ये कहते है कि सील करना और खोलने का धंधा बना लिया है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने? सुबह सील किये, दोपहर को फोन पर चेतावनी दी और शाम को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सरेंडर कर देते है ऐसा क्यो?

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