गांव की संस्कृत में भी घूला पश्चिम का प्रदूषण: ज्योति बाबा

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लव इंडिया, फतेहपुर । गांव की सदियों पुरानी पर्यावरण संरक्षण की संस्कृत में पश्चिमी सोच हावी होने के कारण उत्पन्न दूषित वातावरण को बेहतर बनाने के लिए ही स्वच्छ गांव हरित गांव के मिशन को भारत सरकार ने शुरू किया है।

उपरोक्त बात नेहरू युवा केंद्र के तत्वाधान में सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के सहयोग से नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल का के तहत स्वच्छ गांव हरित गांव अभियान के अंतर्गत मधुबन गार्डन देवमई फतेहपुर में आयोजित युवाओं की प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख व आंदोलन के नेशनल ब्रांड एंबेसडर योग गुरु ज्योति बाबा ने कही,ज्योति बाबा ने कहा कि जहां पहले हर गांव में 1,2 फलों के बाग जरूर होते थे और पीपल,नीम,बरगद,इमली और कैथा के पेड़ बहुतायत से मिलते थे वहीं अब 24 घंटे ऑक्सीजन देने वाले पेड़ पौधे भी ना के बराबर दिखते हैं परिणाम स्वरूप गांव की हवा में भी जहर घुल रहा है इसीलिए गांव के युवा अस्वच्छ जीवन शैली के चलते अब दिल दमा डायबिटीज और कैंसर के रोगी भी मिल रहे हैं ज्योति बाबा ने जोर देकर कहा कि तनाव चिंता निराशा व कुंठा का हल युवा नशे में ना खोजकर बल्कि धर्म व ध्यान में स्वयं को समर्पित कर प्रेम व शांति के दूत बन सकते हैं स्वास्थ्य प्रश्नोत्तरी में छात्राओं ने ज्योति बाबा से प्रतिदिन की व्यक्तिगत समस्याओं व गांव की खुशहाली के संबंध में विभिन्न प्रश्न पूछे। इससे पूर्व नेहरू युवा केंद्र के सुशील बाजपेई व उनकी टीम ने ज्योति बाबा व ग्राम प्रधान दिनेश कुमार का स्वागत माल्यार्पण व अंग वस्त्र पहनाकर किया। कार्यशाला का भव्य संचालन ज्ञान प्रकाश तिवारी संयोजन आशीष कुमार यादव व धन्यवाद सुशील बाजपेई ने दिया। अन्य प्रमुख प्रदेश संयोजिका अंजू सिंह, कृतिका उमराव,आकांक्षा अवस्थी, पूजा देवी इत्यादि थी।

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