एशियन विवेकानंद में मुफ्त में हुई बाईपास सर्जरी की चौतरफा पर हो रही प्रशंसा

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उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। एशियन विवेकानंद अस्पताल मुरादाबाद में हुआ पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड का पहला MICS CABG यामिनिमली इनवेसित कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग द्वारा सफल इलाज हुआ और वह भी आयुष्मान योजना के तहत बिल्कुल मुफ्त किया गया है। ऐसा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में पहली बार हुआ है।

13 अक्टूबर को एशियन विवेकानंद हॉस्पिटल में हुई पहली MICS CABG या मिलिमती इनवेसिव कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग पर आयोजित प्रेस वार्ता में ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ राज कपूर ने बताया कि भारत में सीएनजी या कोरोनरी बाईपास सर्जरी पारंपरिक रूप से स्तन की हड्डी या उरोस्थि को विभाजित करके या काटकर की जाती है। MICAS या MICS CABG सर्जरी को एक सुरक्षित और संपूर्ण ऑपरेशन माना जाता है और इसने कोरोनरी सर्जरी करने के तरीके न क्रांति ला दी है। एशियन स्टल फरीदाबाद ने भारत में 400 और अधिक MICS CABG सफलतापूर्वक पूरी की है।

डॉ अमित चौधरी (डायरेक्टर कार्डियक सर्जरी डिपार्टमेंट एशियाई फरीदाबाद) ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि MICS CABG या MICAS का मतलब मिनिमली इनवेसिव कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी है और यह भारत में हृदय बाईपास सर्जरी का एक नया रूप है। यह कोरोनरी बाईपास करने की अपेक्षाकृत नई और उनकी है। इस सकनीक में व सेमी के छोटे चोर के माध्यम से बराई छाती के किनारे ही हृदय तक पहुंचा जाता है। यह फेंट निधन के ठीक नीचे लगाया जाता है। किसी भी हड्डी को काटे बिना और मासपेशियों को विभाजित किए बिना पसलियों के काली में प्रवेश किया जाता है।

डॉ अनुभव कपूर (कार्डियक पारसिक सर्जन) ने बताया कि एक नियमित हृदय सर्जरी के समान, ऑपरेशन सभी धमनियों या पैर से निकालीगई धमनियों और नसों के संयोजन का उपयोग करके किया जाता है। इन ऑपरेशनों में पैर की त्वचा को काटे दिना भी पडोस्कोपिक तरीक से परसे वाहिका को हटा दिया जाता है। अत्यधिक उन्नत उपकरण, उन्नत तकनीक और कुशल चिकित्सकों के साथ, एशियन विवेकानंद अस्पतालजरी की बहुत सुरक्षित रूप से करता है, जिससे यह भारत में सोएबीजी सर्जरी के लिए सबसे अच्छे अस्पतालों में से एक बन जाता है।

डाॅ. गीतेश मानिक (इंटरर्वेशन कार्डियोलॉजिस्ट) ने MICS CABG के फायदे के बारे में बताया कि भारत में CABG सर्जरी के प्रकारपरिक तकनीक की तुलना में मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी के कई फायदे हैं। इसमें सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि कोई भी हड्डी नहीं काटी जाती है। दर्द को कम करने, कार्य को बनाए रखने और सांस लेने पर सकारात्मक प्रभाव डालने में इसके कई फायदे हैं। पारंपरिक दस सर्जरी के विपरीत, ड्राइविंग या अन्य गतिविधियों सहित सामान्य जीवन में बाधित नहीं होती है और इसे लगभग तुरंत शुरू किया जा सकता है। रक्त की हानि लगभग नगण्य है। अधिकाश में रक्त आधान समाप्तहो जाता है और रक्त जनित संक्रमण समाप्त हो जाता है।सभी संक्रमण कम हो जाते हैं चाहे यह घाव का संक्रमण हो या सर्जरी के बाद फेफड़ों का संक्रमण हो। यह प्रक्रिया को मधुमेह रोगियों और वृद्धरोगियों के लिए आदर्श बनाता है जिनकी संक्रमण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। चीरा इतना कॉस्मेटिक है और केवल 2-3 इंच का है कि यह बताना व्यावहारिक रूप से असंभव है कि हृदय का ऑपरेशन किया गया है।यह प्रक्रिया पारंपरिक हृदय सर्जरी के विपरीत सिर्फ केवल 4 दिनों तक चलती है जबकि इसके विपरीत पारंपरिक हृदय सर्जरी ने 9 दिन लगते है। ये सभी लाभ मिलकर बहुत कम समय के लिए अस्पताल में भर्ती होने और ठीक होने में मदद करते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि हृदय में चाहे कोई भी स्थान हो, सभी अवरोधों को सुरक्षित और पूर्वानुमानित तरीके से बाईपास किया जा सकता है।

इस प्रक्रिया के द्वारा सफल कार्डिया बाईपास ऑपरेशन के लिए एशियन विवेकानंद अस्पताल मुरादाबाद के सी. एम. डी. पद्मश्री डॉ एनके पांडे, मेडिकल डायरेक्टर डॉ प्रशांत पांडे,जायरेक्टर डॉक्टर हिलाल अहमद ने कार्डियक विभाग की टीम को शुभकामनाएं दी। सेंटर हेड शोएब मलिक ने आभार व्यक्त किया। साथ ही यह भी कहा कि अस्पताल द्वारा भविष्य में भी इसी प्रकार नई-नई तकनीकों से मरीजों का इलाज किया जाता रहेगा।

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