Ramlila: श्रीराम के राज्याभिषेक की तैयारियों के बीच मंथरा ने कैकेयी के मन में भरा जहर
बरेली। श्री रानी महालक्ष्मीबाई रामलीला समिति चौधरी मोहल्ला, बरेली के तत्वावधान में चल रही श्री रामलीला में अयोध्या में भगवान राम का राज्याभिषेक की तैयारी एवं मंथरा- कैकेयी संवाद का मंचन हुआ।

चौधरी तालाब पर 458 वर्ष पुरानी इस रामलीला में श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण अद्भुत दृश्य देखने को मिले। हजारों की भीड़ जयकारों से गूंज उठी जब मंच पर भगवान श्रीराम के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों का मंचन हुआ। अयोध्या में श्रीराम के राज्याभिषेक की तैयारी का मंचन हुआ।
..राजमहल दीपमालाओं से सजा दिखाई दिया, ढोल- नगाड़ों और बैंड-बाजों की ध्वनि से पूरा मंचन क्षेत्र गूंज उठा। नगरवासी और महाराज दशरथ स्वयं इस शुभ घड़ी के स्वागत में आनंद से झूमते दिखाए गए। रामलीला में दर्शकों ने इस प्रसंग पर जमकर तालियां बजाईं और जयकारों से वातावरण को भक्ति रस से भर दिया।

इसके बाद मंथरा और कैकेयी संवाद का मंचन हुआ जिसने दर्शकों का ध्यान खींच लिया। मंथरा की कुटिल बुद्धि और कैकेयी के मन में डाले गए संदेह के बीज को कलाकारों ने इतनी सजीवता से प्रस्तुत किया कि दर्शक भाव-विभोर हो गए। मंथरा का अभिनय दर्शकों की निंदा और हूटिंग के बीच यथार्थपूर्ण प्रतीत हुआ।
इसके पश्चात दशरथ और कैकेयी संवाद का करुण प्रसंग प्रस्तुत हुआ। महाराज दशरथ की विवशता और राम के प्रति उनका अगाध प्रेम दर्शकों को भावुक कर गया। जब दशरथ ने कैकेयी के सामने राम को वनवास भेजने की मजबूरी जताई तो पूरा पंडाल सन्नाटे में डूब गया।

शाम की सबसे भावपूर्ण झांकी रही श्रीराम का वन गमन। जब राम, लक्ष्मण और सीता राजमहल छोड़कर वन की ओर चले, तो मंच पर ही नहीं, दर्शकों के बीच भी आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। “जय श्रीराम” की गूंज ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। राम के वनगमन ने त्याग, धर्म और कर्तव्य का अनुपम संदेश दिया।
दर्शकों का उत्साह और श्रद्धा पूरे कार्यक्रम में भक्तों की भारी भीड़ रही। मंच सज्जा, वेशभूषा, संवाद और कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शकों को अयोध्या युग की झलक दिखलाई। श्रद्धालु बार- बार “जय श्रीराम” के उद्घोष करते रहे और मंचन के हर दृश्य पर पुष्पवर्षा करते दिखाई दिए।

श्री रामलीला समिति के अध्यक्ष पंडित राम गोपाल मिश्रा ने बताया कि आने वाले दिनों में भी और महत्वपूर्ण एवं रोचक प्रसंग मंचित किए जाएंगे जिनका सभी भक्तगण आनंद ले सकेंगे। समिति के पदाधिकारी पं. रामगोपाल मिश्रा (अध्यक्ष), हरीश शुक्ल, घनश्याम मिश्रा, प्रदीप बाजपेयी, नीरज शुक्ला, महामंत्री शिव नारायण दीक्षित, श्रेयांश बाजपेयी, धीरेंद्र शुक्ला, बृजेश प्रताप सिंह, आदित्य शुक्ल, शशिकांत गौतम, विनोद राजपूत, यश चौधरी, आकाश गंगवार, शिवम वर्मा, प्रतीक अरोड़ा आदि उपस्थित रहे।
