Townhall: किराया बढ़ाने के विरोध में होली से पहले व्यापारियों ने दुकानें बंद की

लव इंडिया, मुरादाबाद। नगर निगम द्वारा दुकानों का किराया बढ़ाने को लेकर टाउनहॉल बाजार की दुकान बंद कर व्यापारियों ने विरोध जताया है और अनिश्चितकालीन के लिए दुकान बंद कर दी है।

नगर निगम द्वारा दुकानों का किराया बढ़ाने को लेकर टाउनहॉल बाजार व बुधबाजार की दुकान बंद कर व्यापारियों ने विरोध जताया है और अनिश्चितकालीन के लिए दुकान बंद कर दी है। बुधबाजार में दुकानें बंद कर धरना प्रदर्शन करते व्यापारी रतन भाटिया, गिरधर गोपाल, संजीव सक्सेना, सुरेंद्र सिंह,ऋषि वासन, मनोज पाल,अशोक कुमार, हिमांशु सचदेवा, सुनील कुमार, धर्मेंद्र मेहरोत्रा व अन्य व्यापारी आदि रहे।

टाउन हॉल के व्यापारियों की मुख्य माँगेः-

1- नगर निगम द्वारा पक्की दुकानों के नामान्तरण मामलों में अनावश्यक और अनाप-शनाप 30 से 40 गुना किरायें में बढोत्तरी की वापसी।

2- नगर निगम द्वारा पक्की दुकानों के नामान्तरण मामलों में ट्रान्सफर फीस के साथ अनावश्यक प्रीमियम राशि की अपेक्षा की वापसी। ट्रान्सफर फीस के साथ प्रीमियम राशि का कोई मतलब नहीं। जबकि अनेक दुकानदारो से पहले भी ली गयी प्रीमियम राशि।

3- नगर निगम द्वारा पूर्व में रजिस्टर्ड अनिश्चितकालीन एग्रीमेन्ट के बावजूद 15 वर्ष के एग्रीमेन्ट का प्रस्ताव पूरी तरह असंवैधानिक और अस्वीकार्य।

4- नगर निगम द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना/नोटिस के दुकानदारों के कारोबार को सील करने का कोई औचित्य नहीं है और अस्वीकार्य है।

5- मा० उच्च न्यायालय इलाहाबाद में लम्बित मामलों के अनुपालन में खोखो के मामलो में खोखा धारकों के लिये आरक्षित पक्की दुकानों की एवज में 7-8 लाख रुपये प्रीमियम राशि और 6000-6500 रुपये मासिक किरायों की डिमाण्ड की वापिसी।

6- तत्कालीन नगर पालिका बोर्ड द्वारा 8-2-1990 को अखिलेश सिनेमा के सामने स्थित 13 खोखा धारकों को अम्बेडकर मार्केट के सामने नगर पालिका (वर्तमान नगर निगम) परिसर में ट्यूबवैल के पास पक्की दुकाने बनाने और उनको बिना नीलामी के, निर्धारित प्रीमियम रु० 30,000/- पर आवन्टित करने का प्रस्ताव पास किया गया।

7- तत्पश्चात् उक्त प्रस्ताव के अनुपालन में दिनांक 8-2-1990 को रु० 3,54,000/- फण्ड भी स्वीकृत किया गया लेकिन अज्ञात कारणों से निर्माण नहीं किया गया।

8- तत्पश्चात् दिनांक 6-9-1993 को तत्कालीन अध्यक्ष महोदय, नगर पालिका द्वारा पत्रांक मैं मेो मु० का० – समादिव १३ एक मैमोमिएका० रा दिनांक 6-9-1993 के द्वारा मा० जिलाधिकारी, मुरादाबाद के माध्यम से मा० मण्डलायुत महोदय, मुरादाबाद को उक्त के अनुपालनार्थ संस्तुति प्रेषित की गयी। इन सब कार्यवाहियों के बावजूद भी गत करीब 35 सालों तक उक्त 13 खोखा धारकों को पुर्नस्थापित करने के लिए कोई भी सार्थक परिणाम नहीं निकलना।

9- अब मा० उच्च न्यायालय इलाहाबाद में लम्बित मामलों के अनुपालन में टाउन हाल स्थित पार्किगं के प्रथम तल पर उक्त खोखा धारकों को पुर्नस्थापित करने हेतु पक्की दुकाने बनाकर आरक्षित की गीं। लेकिन अनाप-शनाप प्रीमियम राशि और किरायों के डिमाण्ड नोटिस भेजकर सरासर उक्त वास्तविक तथ्यों के विरुद्ध खोखा धारकों का मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न किया जा रहा है। जो कदापि स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

10- नगर निगम द्वारा बिना किसी कारण से गत 2 वर्षों से खोखो के किराये जमा न करने का कोई कारण नहीं है, जबकि दूसरी ओर नगर निगम अपनी आय बढ़ाने की बात करता है इसलिये खोखा धारकों के लम्बित किराये तत्काल जमा किये जाने चाहिये।

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