श्रद्धांजलि के बाद BJP की चर्चा: एकात्म, मानववाद और ‘अंत्योदय’ के सिद्धांत पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसा कोई नहीं

बरेली । भारतीय जनता पार्टी कार्यालय एवं महानगर के सभी नौ मंडलों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि अर्पित करके उनके एकात्म मानववाद और ‘अंत्योदय’ के सिद्धांतों को जीवन में उतारने पर जोर दिया गया।

महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना के दिशा निर्देशन मे भारतीय जनता पार्टी कार्यालय पर भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मनाई गई। मुख्य वक्ता पूरनलाल लोधी ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक और प्रखर राष्ट्रवादी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को याद कर उनके एकात्म मानव बाद की चर्चा की। जयंती के उपलक्ष्य में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने उनके सिद्धांतों को याद करते कहां हमें उनके बताएं मार्ग पर चलना चाहिए।


पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि अर्पित करना और उनके एकात्म मानववाद और ‘अंत्योदय’ के सिद्धांतों को पुनर्जीवित करना था, जिसका अर्थ है समाज के सबसे कमजोर और अंतिम व्यक्ति का उत्थान करना।

महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना के नेतृत्व में, सभी कार्यकर्ताओं ने पंडित जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया। यह केवल एक औपचारिक श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि उनकी विचारधारा के प्रति एक गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती थी, जिसने अपना पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा और समाज के हर वर्ग की उन्नति के लिए समर्पित कर दिया। पंडित राम गोपाल मिश्रा ने कहा पंडित दीन दयाल उपाध्याय के बताएं मार्ग पर चलना चाहिए।

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इस अवसर पर पंडित राम गोपाल मिश्रा, मनोज थापलियाल, डॉ तृप्ति गुप्ता गुप्ता, प्रभु दयाल लोधी, प्रत्तेश पांडे, रेखा श्रीवास्तव विष्णु शर्मा, मीडिया प्रभारी बंटी ठाकुर, प्रवेश वर्मा, रुपेंद्र पटेल, राजीव गुप्ता, रुप किशोर कश्यप,अजय चौहान, विपिन भास्कर, मंडल अध्यक्ष राजीव कश्यप, शिखा मल्होत्रा , कन्हैया राजपूत, अजय मौर्या, बृजेश प्रताप सिंह, मोहित अरोड़ा, नरेंद्र मौर्य, जयदीप चौधरी, मोहित तिवारी, शोभित अग्रवाल,पुष्पेंद्र शुक्ला, पार्षद सहित अन्य कई प्रमुख कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।

सभी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने यह साबित किया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की सोच और आदर्श आज भी पार्टी के प्रत्येक सदस्य के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। कार्यकर्ताओं को एकजुट करने और पंडित जी के सपनों के भारत के निर्माण के लिए उनके प्रयासों को नई दिशा देने में सफल रहा।

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