अल्पसंख्यक मामलों से जुड़े मुद्दों पर AIMIM का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
यह रहा आपका तैयार वेबसाइट फ़ॉर्मेट में समाचार, जिसमें “प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी को ज्ञापन दिया…” को सुचारु रूप से समायोजित किया गया है:
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वक़्फ़ संपत्तियों के पंजीकरण, ऑनलाइन अपडेट की समय-सीमा बढ़ाने और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की मांग उठी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) के जिला पदाधिकारियों ने सोमवार को विभिन्न वक़्फ़ संबंधी समस्याओं और प्रशासनिक देरी के विरोध में प्रदर्शन किया। इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी को विस्तारपूर्वक ज्ञापन सौंपा गया।
जिले में AIMIM पदाधिकारियों ने वक़्फ़ संपत्तियों के पंजीकरण, अपडेट और ऑनलाइन पोर्टल से जुड़ी समस्याओं को लेकर सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों को तत्काल संज्ञान में लेने की मांग की गई।
ज्ञापन में कहा गया कि भारत का संविधान अल्पसंख्यकों को धार्मिक संस्थाओं की देखरेख और प्रबंधन का अधिकार देता है, लेकिन वक़्फ़ संपत्तियों के अद्यतन पंजीकरण और दस्तावेज़ अपलोड करने में तकनीकी एवं प्रशासनिक कठिनाइयाँ लगातार सामने आ रही हैं। AIMIM जिला अध्यक्ष मोहिद फ़रग़ानी के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में निम्न प्रमुख बिंदु रखे गए:
मुख्य मांगें
- वक़्फ़ संपत्तियों के ऑनलाइन दस्तावेज़ अपलोड करने की अंतिम तिथि को बढ़ाया जाए।
ज्ञापन में मांग की गई है कि 5 दिसंबर 2025 की अंतिम तिथि को दो माह बढ़ाकर 8 फ़रवरी 2026 किया जाए, ताकि तमाम धार्मिक संस्थाएँ और इदारें समय पर दस्तावेज़ प्रस्तुत कर सकें। - जिला अल्पसंख्यक विभाग पर कार्यभार अधिक होने के कारण समय-सीमा में संशोधन की आवश्यकता।
वक़्फ़ संपत्तियों के दस्तावेज़ सत्यापन के लिए विभाग पर अत्यधिक दबाव होने की वजह से अपलोड प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। - ग्राउंड लेवल पर चल रही गलतफहमियों को दूर करने और सही सूचना उपलब्ध कराने की मांग।
AIMIM ने कहा कि कई इदारों को धारा 37 और 37-A के अंतर्गत दस्तावेज़ अपलोड की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल रही। - धार्मिक स्थलों की सुरक्षा का मुद्दा।
ज्ञापन में लाजपत नगर स्थित दरगाह पर बाहरी तत्वों की गतिविधियों को लेकर सुरक्षा बढ़ाने की मांग भी शामिल है।
AIMIM पदाधिकारियों ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई न हुई, तो संगठन व्यापक आंदोलन शुरू करेगा।
