shab-e-baraat पर मुस्लिमों ने कब्रिस्तानों में चिराग जलाकर मांगी दुआ

शब-ए-बारात पर मुरादाबाद ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के विभिन्न भागों में रहने वाले मुस्लिम समुदाय ने कब्रिस्तानों में चिराग जलाकर और दुआ मांगकर अपने पूर्वजों को याद किया। यह दिन अल्लाह की इबादत और अपने पूर्वजों के लिए समर्पित होता है।

इस दिन, मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह जल्दी कब्रिस्तान जाते हैं और अपने पूर्वजों की कब्रों पर फूलों की चादर चढ़ाते हैं। वे अपने मरे हुए सगे संबंधियों की आत्माओं की शांति के लिए फतेहा पढ़ते हैं और अल्लाह से अपने पापों की माफी मांगते हैं।

शब-ए-बारात की रात को मुस्लिम समुदाय के लोग रात भर जागकर इबादत करते हैं और दुआएं मांगते हैं। वे अपने अल्लाह और पूर्वजों से अच्छा जीवन जीने के लिए मन्नत करते हैं।

इस मौके पर बृहस्पतिवार को मस्जिदों और कब्रिस्तानों को सजाया जाता है और लोग अपने प्रियजनों के नाम से उनकी आत्मा की शांति के लिए कपड़े, अनाज, पैसे इत्यादि का दान करते हैं ¹।

मुरादाबाद में शब ए बारात के मौके पर खिदमते खल्क कब्रिस्तान में अपने बुजुर्गों की कब्र पर दुआ मांगते हुए मासूम बच्चे भी नजर आए। इनमें दानिश अली, फुरकान, नदीम अख्तर, राशिद, नूर हसन, खालिद हुसैन, आसिम शकूर, सैयद एजाज मन्नान, आफताब नदीम आदि मौजूद रहे।

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