MDA भूमि अधिग्रहण के खिलाफ ढाई साल पुराने आंदोलन को मिली बड़ी सफलता, किसानों को राहत
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मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (MDA) द्वारा 11 गांवों की करीब 1250 हेक्टेयर भूमि व भूखंड अधिग्रहण के विरोध में चल रहा आंदोलन आखिरकार निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। लगभग ढाई वर्षों से संघर्ष कर रहे किसानों और भूखंड स्वामियों के प्रतिनिधियों की आज MDA उपाध्यक्ष (VC) से हुई वार्ता के बाद कई अहम बिंदुओं पर सहमति बनी है, जिससे आंदोलनकारियों को बड़ी राहत मिली है।

AIKKMS प्रतिनिधिमंडल की MDA-VC से सीधी वार्ता
AIKKMS (अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन) मुरादाबाद जिला इकाई के बैनर तले आंदोलनरत किसानों का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को MDA कार्यालय पहुंचा।
प्रतिनिधिमंडल में जिला अध्यक्ष अविनाश चंद्र, उपाध्यक्ष हर किशोर सिंह, नेतराम भारती, यशपाल शर्मा, सुरेश सिंह रवि, डी.एस. वोहरा और संजीव सैनी शामिल रहे।
वार्ता अपराह्न लगभग 1 बजे MDA उपाध्यक्ष श्री अनुभव सिंह के साथ हुई, जिसे दोनों पक्षों ने सकारात्मक और समाधानपरक बताया।

वार्ता में किन बिंदुओं पर बनी सहमति
बैठक के दौरान किसानों की प्रमुख मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई और निम्न अहम सहमतियां सामने आईं—
🔹 जबरन अधिग्रहण पर रोक
किसी भी किसान या भूखंड स्वामी की भूमि या प्लॉट का जबरन अधिग्रहण नहीं किया जाएगा।
🔹 बाउंड्री वॉल सुरक्षित
जहां 4 से 5 फीट ऊंची बाउंड्री वॉल पहले से मौजूद है, उसे नहीं तोड़ा जाएगा।
🔹 नई बाउंड्री वॉल के लिए प्रक्रिया
जो भूखंड स्वामी नई बाउंड्री वॉल बनाना चाहते हैं, वे लिखित प्रार्थना पत्र के माध्यम से MDA को सूचित करेंगे।
🔹 उत्पीड़न नहीं होगा
किसी भी किसान या प्लॉट मालिक के साथ दबाव, उत्पीड़न या अनुचित कार्रवाई नहीं की जाएगी।
🔹 12 दिसंबर की बुलडोजर कार्रवाई की जांच
12 दिसंबर को की गई बुलडोजर कार्रवाई और उससे हुए नुकसान की जांच कर प्रभावी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।

किसानों ने बताया आंदोलन की बड़ी जीत
AIKKMS नेताओं का कहना है कि यह सहमति ढाई साल से चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन की बड़ी सफलता है। संगठन ने इसे किसानों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में अहम कदम बताया।
MDA प्रशासन का रुख
MDA प्रशासन की ओर से कहा गया कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुना गया है और भविष्य में कोई भी कार्रवाई नियमों और आपसी सहमति के आधार पर ही की जाएगी।
आगे की रणनीति
AIKKMS ने स्पष्ट किया कि वह सहमति के पालन पर नजर रखेगा। यदि तय बिंदुओं से हटकर कोई कार्रवाई होती है तो संगठन आगे की रणनीति तय करेगा।
🔍 भविष्य में स्थायी समाधान की उम्मीद भी
मुरादाबाद में MDA भूमि अधिग्रहण के खिलाफ चला आंदोलन अब समाधान की दिशा में बढ़ता दिख रहा है। प्रशासन और किसानों के बीच संवाद से न सिर्फ टकराव कम हुआ है, बल्कि भविष्य में स्थायी समाधान की उम्मीद भी जगी है।
