अयोध्या में चौक पर गूंजेंगे लता मंगेशकर के गाए भजन
निर्भय सक्सेना। अयोध्या नया घाट को अब लता चौक का नाम दिया गया है। जिसका प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने लोकार्पण केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री कृष्ण रेड्डी की उपस्थिति में किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपना वीडियो संदेश में कहा करोड़ों लोगों में राम नाम की प्राण प्रतिष्ठा करने वाली लता मंगेशकर का नाम अयोध्या शहर के नवनिर्मित चौक के कारण हमेशा के लिए जुड़ गया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपने संदेश में कहा कि भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा दीदी लता मंगेशकर के साथ जुड़ी मेरी कितनी ही यादें हैं, कितनी ही भावुक और स्नेहिल स्मृतियाँ भी जहन में हैं। भगवान राम तो हमारी सभ्यता के प्रतीक पुरुष हैं। प्रभु राम हमारी नैतिकता, हमारे मूल्यों, हमारी मर्यादा, हमारे कर्तव्य के जीवंत आदर्श हैं। उन्होंने वीडियो संदेश में आगे कहा कि मुझे याद है, जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन संपन्न हुआ था, तो मेरे पास दीदी लता मंगेशकर का फोन आया था।
वह बहुत खुश थीं। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि आखिरकार अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो रहा है। अयोध्या के मंदिर में श्रीराम लला आने वाले हैं। आज लता मंगेशकर की 93वीं जयंती भी है। कार्यक्रम में लता जी के भतीजे आदित्य नाथ मंगेशकर, बहु श्रीमती कृष्णा भी उपस्थित रहीं। लता चौक पर लता जी के भजन भी गूंजेंगे। चोक पर 8.50 करोड़ लागत वाली 14 टन बजनी कांसे एवम स्टील की बनी वीणा लगाई गई है।
अब अयोध्या में भगवान श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण भी गति पकड़ चुका है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने मंदिर निर्माण की प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि राममंदिर के निर्माणाधीन अष्टकोणीय गर्भगृह में अब तक राजस्थान में भरतपुर के वंशीपहाड़पुर के पांच सौ से अधिक पत्थर लग चुके हैं। रामलला के गर्भगृह निर्माण में ही केवल 500 निर्माण कर्मी लगे हैं। राम मंदिर के गर्भगृह में लगने वाले मकराना के संगमरमर की भी आपूर्ति तेजी से हो रही है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महा सचिव चंपत राय ने बताया कि राममंदिर के गर्भगृह में महापीठ का काम लगभग पूर्ण हो चुका है। गूढ़मंडप से थोड़ा आगे तक करीब पांच सौ से अधिक पत्थर लग चुके हैं। अब यहां जल्द ही नक्काशीदार खंभों को जोड़ने का काम प्रारंभ होगा। राममंदिर के गर्भगृह में सर्वाधिक 160 स्तंभ लगाए जाने हैं, जिन पर मंदिर टिका होगा। इसी तरह मंदिर के प्रथम तल में 132 व दूसरे तल में 74 पत्थर के स्तंभ लगने हैं। राममंदिर में कुल 12 दरवाजे होंगे, जो कि सागौन की लकड़ी से बनेंगे। चंपत राय ने बताया कि राममंदिर का गर्भगृह मकराना के सफेद संगमरमर से सजेगा।