विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर ज्योति बाबा ने दिया संदेश, कहा- मातृशक्ति द्वारा किसी भी रूप में तंबाकू सेवन नवजात शिशु को बनाता है बीमारियों का घर
लव इंडिया, कानपुर l जहां एक ओर सिगरेट के उत्पादन हेतु लगभग दुनिया में 60 करोड़ पेड़ काट दिए जाते हैं तथा 22 अरब लीटर पानी बर्बाद कर दिया जाता है। वहीं दूसरी ओर धूम्रपान से 84 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है। तंबाकू खाने वाले बार-बार जगह-जगह थूकते हैं जिससे कोरोना जैसे अन्य वायरस का प्रसार तीव्र हो जाता है और अकेले रेलवे को प्रतिवर्ष ₹12500 करोड़ पान मसाले तंबाकू की पीक सफाई में खर्च करने पड़ते हैं। जाहिर है तंबाकू से ना सिर्फ कैंसर के रोगी बहुतायत में मिल रहे हैं बल्कि उनका महंगा इलाज सबके बस की बात नहीं रह गई है इसीलिए तंबाकू को जीवन से निकालकर योगमय जीवन की राह अपनाएं और दिखाएं।
उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल का के तहत विश्व तंबाकू निषेध दिवस के परिप्रेक्ष्य में आयोजित वेबीनार शीर्षक क्या भारत के नौजवानों को तंबाकू मुक्त बनाना जरूरी है पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख व नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल के नेशनल ब्रांड एंबेसडर योग गुरु ज्योति बाबा ने कही।
ज्योति बाबा ने आगे कहा कि गांवों में महिलाओं के बीच तंबाकू निकोटिन युक्त गुल मंजन के प्रयोग के साथ बीड़ी का प्रचलन काफी बढ़ चुका है जबकि गांवों में हरियाली घटने व अस्पतालों के ना के बराबर होने के चलते उनका इलाज कठिनतम हो चुका है।
ज्योति बाबा ने बताया कि इसीलिए वर्ष 2022 के विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम है। पर्यावरण की सुरक्षा करें क्योंकि तंबाकू के बढ़ते प्रकोप से जल वायु और भू प्रदूषण बढ़ रहा है। नदी नाले चोक हो रहे हैं और बच्चों के जीवन पर जन्म से ही रोगों का खतरा मंडरा रहा है।
मोहनलालगंज के विधायक अमरीश रावत ने कहा कि तंबाकू के धुएं से 500 हानिकारक गैसें एवं 7000 अन्य रासायनिक पदार्थ निकलते हैं। इसीलिए सिख धर्म गुरु गोविंद सिंह जी का घोड़ा तंबाकू के खेत भी नहीं पार करता था।
आम्रपाली उन्नाव के डायरेक्टर डॉक्टर श्याम सिंह ने कहा कि बीड़ी और सिगरेट का धुआं उसको पीने वाले के फेफड़ों में केवल 30 फ़ीसदी जाता है जबकि बाकी 70 फ़ीसदी सेकंड हैंड स्मोकिंग के चलते ना पीने वालों को सीधे रोगी बनाता है। बछरावां रायबरेली से पंकज रावत ने कहा कि सम्मानित सरकार का यह कहना कि तंबाकू उत्पादों से हमें राजस्व मिलता है तो 2015-16 के आंकड़ों के अनुसार तंबाकू उत्पादों से ₹35600 करोड़ अर्जित हुए थे जबकि तंबाकू से उत्पन्न बीमारियों के इलाज में 104500 करोड़ रुपया खर्च किए गए।
लखनऊ से मोनू रावत ने कहा कि वर्तमान में अधिकांश बीमारियों की वजह तंबाकू है। इसके कारण 25 तरह की बीमारियां और लगभग 40 प्रकार का कैंसर हो सकता है। इसमें मुख् फेफड़े प्रोस्टेट और पेट का कैंसर प्रमुख है। अंत में ज्योति बाबा ने सभी को ऑनलाइन तंबाकू मुक्त जीवन यापन करने का संकल्प कराने के साथ उपाय भी बताएं। अन्य प्रमुख फतेहपुर से अंजू सिंह आगरा से भोला जैन झांसी से विनोद कुमार बहराइच से अनुराग श्रीवास्तव ऋषभ श्रीवास्तव इत्यादि थ।