अपग्रैड का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर दोगुना हुआ

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अक्‍टूबर से दिसंबर की तिमाही में सालाना आधार पर 100% की वृद्धि एशिया की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड लर्निंग, स्कूलिग और वर्कफोर्स डेवलपमेंट कंपनियों में से एक, अपग्रैड ने शेयर बाजार में लिस्ट होने की अपनी योजना को ध्यान में रखते हुए व्यापक रूप से स्वीकृत IndAS एकाउंटिग मानक को अपना लिया है। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का सकल राजस्‍व 1530 करोड़ रुपए रहा – वही, अगर IndAS एकाउंटिग मानक के हिसाब से देखें तो इस अवधि में कंपनी का सकल राजस्‍व 1,194 करोड़ रुपए दर्ज किया गया है।

एआरआर के आधार पर, कंपनी का रेवेन्यू ज्यादा

वित्त वर्ष 2023 में कंपनी के सकल राजस्‍व में सालाना आधार पर 96 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का सकल राजस्‍व 608 करोड़ रुपए था। एआरआर के आधार पर, कंपनी का रेवेन्यू ज्यादा होता क्योंकि कुछ एम एंड ए वित्त वर्ष 2023 के पूरे वित्तीय वर्ष के लिए नहीं जोड़े गए हैं। रेवेन्यू को रिअलाइन करने के लिए अपग्रेड ने 443 करोड़ रुपये के डेफर्ड कलेक्टेड रेवेन्यू को अगले साल के लिए कैरी फॉरवर्ड किया है।

कंपनी की फाइनेंस कॉस्ट 34 करोड़

वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का एडजस्टेड एबिटा घाटा (ऑपरेटिंग कैश लॉस) 558 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के 572 करोड़ रुपये के लगभग बराबर ही है। कंपनी के वित्त वर्ष 2023 के नान-कैश खर्चों में 410 करोड़ रुपये का एक्सीलरेटेड गुडविल राइट-डाउन और 140 करोड़ रुपये का डेप्रिसिएशन और अमॉर्टाइजेशन लागत भी शामिल है। इस अवधि में कंपनी की फाइनेंस कॉस्ट 34 करोड़ रुपये रही। जबकि, अन्य गैर-नकद लागत 584 करोड़ रुपये रही।

कुल लागत में सबसे बड़ा योगदान कर्मचारी लागत का

ऐसे में एबिटा घाटा, नान-कैश खर्चों और फाइनेंस लागत के कारण वित्त वर्ष 2023 में कंपनी को कुल 1142 करोड़ रुपये का कर पश्‍चात घाटा (पीएटी) हुआ है जो पिछले वित्त वर्ष में 648 करोड़ रुपये पर था। ज्यादा लागत वाली वस्तुओं में बड़े बदलाव के चलते वित्त वर्ष 2023 में कंपनी के मार्केटिंग खर्च में तेज गिरावट रही है और ये पिछले साल के 33 प्रतिशत (403 करोड़ रुपए) की तुलना में 19 प्रतिशत (371 करोड़ रुपए) रही है। कंपनी की कुल लागत में सबसे बड़ा योगदान कर्मचारी लागत का रहा। ये लागत कुल लागत के 36 फीसदी पर रही।

कंपनी की डायरेक्ट कॉस्ट में बढ़त देखने को मिली

वित्त वर्ष 2023 में कंपनी की कर्मचारी लागत 707 करोड़ रुपये रही। इसमें ब्लैक स्कोल्स मेथड के मुताबिक ईएसओपी एकाउंटिंग के लिए कुछ नॉन-कैश लागत भी शामिल है। इस अवधि में कंपनी की डायरेक्ट कॉस्ट पिछले वर्ष के 211 करोड़ रुपये के मुकाबले 1.8 गुना बढ़कर 382 करोड़ रुपये पर रही है। अपग्रेड ने इस अवधि में कॉन्टेंट डेवलपमेंट, कॉन्टेंट डिलिवरी और यूनिवर्सिटी फीस में काफी निवेश किया है। जिसकी वजह से कंपनी की डायरेक्ट कॉस्ट में ये बढ़त देखने को मिली है।

75 फीसदी ग्राहकों के कंपनी के साथ बने रहने की उम्मीद

अपग्रैड उन कुछ नई किफायती कंपनियों में से एक है जिन्होंने पिछले 12-18 महीनों में कोई बड़ी छंटनी नहीं की है। अपग्रेड का कुल लर्नर बेस 1 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। जबकि भुगतान करने वाले प्रशिक्षुओं की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 54 फीसदी की बढ़त हुई है। कई बड़ी कंपनियां अपग्रेड की ग्राहक सूची में शामिल हैं। कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में इस तरह के 1110 ग्राहकों को सेवा प्रदान की है और वित्त वर्ष 2024 में इनमें से कम से कम 75 फीसदी ग्राहकों के कंपनी के साथ बने रहने की उम्मीद है।

55,000 से ज्यादा लोगों को बेहतर नौकरी के अवसर मिले

कंपनी की एंटरप्राइज़ शाखा ने विदेशी बाजारों में भी अपना विस्तार किया है। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी के रेवेन्यू में विदेशी कारोबार का योगदान 10 फीसदी रहा। इसके वित्त वर्ष 2024 में 21 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया है। उपभोक्ताओं और एंटरप्राइज़ ग्राहकों को सेवा प्रदान करते समय कंपनी का फोकस परिणाम और प्लेसमेंट प्रदान करने पर रहता है। इस वजह से पिछले वित्त वर्ष में 55,000 से ज्यादा लोगों को बेहतर नौकरी के अवसर मिले हैं।

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