ट्रेन पटरी से हटी, रेलवे पर 15 हजार का जुर्माना
उमेश लव, संभल। ट्रेन के पटरी से हट जाने, ट्रेन संचालन बंद हों जाने तथा अन्य ट्रेन यात्री को धनराशि वापस ना करने के एक मामले मे जिला उपभोक्ता आयोग संभल ने भारत सरकार के रेलवे विभाग व मण्डलीय रेल प्रबंधक, मुरादाबाद को यात्री द्वारा टिकट खरीदने पर अदा की गयी धनराशि 15 हज़ार वाद व्यय व क्षितिपूर्ति सहित वापस करें।
मोलागढ़ चंदौसी निवासी धनेन्द्र सिंह पुत्र अमर सिंह को दिनाँक 28 दिसंबर,2016 को तीर्थयात्रा पर जग्गन्नाथ पुरी जाना था इसी उद्देश्य से उसने नन्दनकानन एक्सप्रेस से रेलवे के मुरादाबाद कार्यालय से रिजर्वेशन कराया यात्रा अलीगढ से प्रारम्भ होनी थी।
28 दिसम्बर 2016 को अलीगढ पंहुचा तो पता चला कि दिल्ली व अलीगढ के बीच अन्य ट्रेन पटरी से उतर गयी है इसलिए नन्दनकानन एक्सप्रेस रद्द हों गयी है जिस पर यात्री द्वारा अलीगढ स्टेशन पर ही अपना आवेदन देकर ट्रेन टिकट की धनराशि रूपये 18,410/-वापसी की मांग की तो उसे बताया गया कि टिकट की धनराशि यात्री के खाते मे आ जायेंगे लेकिन धनराशि काफ़ी प्रयासों के उपरान्त भी वापस नहीं आयी।
इस पर उसने उपभोक्ता मामलों के अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग संभल मे परिवाद योजित किया उपभोक्ता आयोग द्वारा रेलवे को नोटिस जारी कर पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया लेकिन रेलवे की ओर से धनराशि वापस नहीं की गयी।
इस पर जिला उपभोक्ता आयोग ने भारत सरकार के रेल सचिव व मण्डलीय रेल प्रबंधक मुरादाबाद को आदेश दिया कि वे उपभोक्ता को दो माह के अंदर टिकट धनराशि रुपए 18,410/- व उस पर 26 दिसंबर 2016 से भुगतान की तिथि तक 6% वार्षिक व्याज अदा करें तथा रुपए 10हज़ार क्षिति पूर्ति व 5 हज़ार वाद व्यय हेतु भी अदा करें।
वर्तमान मे देश मे चल रहे मुक़दमों में सबसे बड़ा मुक़दमेबाज़ केंद्र एवं राज्य सरकारें हैं। अगर सेवाओं मे सुधार हों जाये लापरवाह कर्मचारियों व अधिकारिओं के वेतन से वसूली जैसे आदेश हों जाएं तो निश्चित ही व्यवस्था परिवर्तन होगा। अगर रेल यात्री को धनराशि वापस मिल जाती तो मुक़दमेबाजी से बचा जा सकता था।
देवेंद्र वार्ष्णेय, उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता, मुरादाबाद।