Digital Arrest से न घबराएं तत्काल लें पुलिस की मदद

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज़ के फॉरेंसिक विभाग की ओर से इन्नोवेशन इन साइबर सुरक्षा एंड रोल ऑफ आईटी एक्टः प्रोटेक्टिंग टुडे एंड टुमारो पर एक्सपर्ट टॉक कम वर्कशॉप, एक्सपर्ट्स ने दिए साइबर सुरक्षा के टिप्स

लव इंडिया, मुरादाबाद। साइबर एक्सपर्ट्स मनोज परमार और प्रशान्त सिंह बोले, दिनों-दिन साइबर क्राइम का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। साइबर हैल्प लाइन 1930 पर रोजाना 65 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। ऐसे में इन्होंने फॉरेंसिक और लॉ स्टुडेंट्स को टिप्स देते हुए कहा, यदि आपके या आपके किसी साथी के संग साइबर फ्रॉड होता है तो तुरंत साइबर हैल्प लाइन 1930, एनसीआरपी पोर्टल, साइबरक्राइम डॉट जीओवी डॉट इन, पुलिस स्टेशन, संचार साथी एप पर शिकायत दर्ज कराइएगा।

साइबर एक्सपर्ट्स ने यह बातें तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज़ के फॉरेंसिक विभाग की ओर से इन्नोवेशन इन साइबर सुरक्षा एंड रोल ऑफ आईटी एक्टः प्रोटेक्टिंग टुडे एंड टुमारो पर आयोजित एक्सपर्ट टॉक कम वर्कशॉप में कहीं। कहा कि साइबर अपराधी बेहद चालाक होते हैं, यह रोजाना चार हजार से अधिक म्यूल खाते ऑपरेट कर रहे हैं। ऐसे खातों के जरिए साइबर अपराधी लोगों को करीब 60 करोड़ रुपए की चपत रोज जनता को लगा रहे हैं। साइबर फ्रॉड से बचने के लिए किसी भी अज्ञान कॉल को रिसीव न करें। अननॉन लिंक को ओपन न करें। साथ ही सोशल मीडिया पर दिखाए गए शॉपिंग विज्ञापनों से भी बचें।

साइबर एक्सपर्ट्स मनोज परमार और प्रशान्त सिंह ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट साइबर क्राइम का खौफनाक चेहरा है। डिजिटल अरेस्ट होने पर घबराएं नहीं, बल्कि पुलिस को जल्द से जल्द सूचित करें। मोबाइल में फोन लॉ, आधार कार्ड लॉक के संग-संग सिम लॉक की समझ भी होनी चाहिए। सभी उपयोगी एप्स पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन को ऑन रखना चाहिए। किसी भी अनजान एपीके एप को इंस्टाल नहीं करना चाहिए। समय-समय पर अपने सभी पासवर्ड को अपटेड करते रहना चाहिए। इससे पूर्व साइबर एक्सपर्ट्स मनोज परमार और प्रशान्त सिंह, लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित बतौर मुख्य अतिथि, पैरामेडिकल के प्रिंसिपल प्रो. नवनीत कुमार, एचओडीज़- डॉ. रूचि कांत, रवि कुमार, राकेश यादव, अमित बिष्ट आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके ऑडी में एक्सपर्ट टॉक कम वर्कशॉप का शुभारम्भ किया।

सभी अतिथियों और वक्ताओं को बुके देकर स्वागत किया गया। अंत में स्मृति चिन्ह और सर्टिफिकेट्स देकर सम्मानित किया गया। वर्कशॉप के दौरान स्टुडेंट्स ने एक्सपर्ट्स से अपने मोबाइल से ऑपरेट हो रहे खातों को जानने, फोन में मालवेयर अटैक को पहचाने, फ्रॉड एप्लीकेशन्स और वेबसाइट की पहचान करने के बारे में जाना। एक्सपर्ट टॉक कम वर्कशॉप में फैकल्टीज़- श्री योगेश कुमार, श्री सौरभ बटार, श्री योगेश गुप्ता, श्री आकाश चौहान, सुश्री अपूर्वा सिंह, सुश्री अंशिका सिंह, सुश्री साक्षी बिष्ट, श्रीमती प्रियंका सिंह के संग-संग पैरामेडिकल और लॉ के 500 से अधिक छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। संचालन फैकल्टी सुश्री सौम्या त्रिपाठी ने किया।


आईटी एक्ट से अदालतों में प्रबल परोकारी: प्रो. दीक्षित


लॉ एंड लीगल स्टडीज़ के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित बतौर मुख्य अतिथि बोले, साइबर क्राइम आज ज्वलंत मुद्दा है। कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज़ के फॉरेंसिक विभाग की ओर से इन्नोवेशन इन साइबर सुरक्षा एंड रोल ऑफ आईटी एक्टः प्रोटेक्टिंग टुडे एंड टुमारो पर एक्सपर्ट टॉक कम वर्कशॉप में प्रो. दीक्षित ने साइबर धोखाधड़ी और अपराधों से निपटने में आईटी एक्ट की भूमिका पर विस्तार से चर्चा करते हुए इसके प्रभावी नियंत्रित के लिए सख्त साइबर कानूनों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, जैसे-जैसे हम साइबर स्पेस जैसी तकनीक पर काम करेंगे वैसे ही साइबर क्राइम का दायरा और तरीका भी एडवांस होता रहेगा। आईटी एक्ट साइबर अपराधियों के खिलाफ अदालतों में प्रबल परोकारी करता है। उन्होंने सुझाव दिया, प्रेवेंशन इन बैटर दैन क्योर यानी बचाव ही सबसे बेहतर तरीका है। हमें तकनीक से सुसज्जित और मजबूत बनना है।

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