Shivsena का प्रदर्शन, कहा- निजी स्कूलों में अभिभावकों एवं शिक्षकों का शोषण रोक जाए

लव इंडिया, मुरादाबाद। शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में कहा है कि निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों एवं शिक्षको के निरन्तर शोषण किया जा रहा है। इसे तत्काल रोका जाए।

इस संबंध में दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों से पब्लिक / निजी स्कूलों द्वारा मनमानी करते हुये अभिभावकों का जमकर आर्थिक शोषण किया जा रहा है। एक ओर पब्लिक/निजी स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावको को भारी भरकम फीस एवं एडमिशन फीस आदि के नाम पर खुलेआम लूटा जा रहा हैं वही दूसरी ओर पब्लिकेशन कम्पनियों से भी 60 प्रतिशत तक का कमीशन लेकर अभिभावकों को कई गुना महंगे दामों पर पाठयक्रम खरीदने के लिये बाध्य किया जा रहा है जिसमें मुख्य रूप से इण्डियन बुक डिपो मुरादाबाद के मालिक की सहभागिता व सहयोग पब्लिक/निजी स्कूलों से बना हुआ है।

अपने बच्चे का एडमिशन कराने के उपरान्त पब्लिक / निजी स्कूल संचालको द्वारा अभिभावक को एक निश्चित दुकान से पाठयक्रम, ड्रेस आदि खरीदने के लिये बाध्य किया जाता है जहाँ से अभिभावकों को तीन-तीन गुना अधिक दामों पर पाठयक्रम खरीदना पड़ता हैं। इसके अलावा पिछले कुछ वर्षों से पब्लिक / निजी स्कूल संचालको द्वारा अभिभावकों से उगाही का एक नया तरीका भी अपनाया जा रहा है यानि कि एक बार स्कूल में एडमिशन के होने के उपरान्त प्रत्येक कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अगली कक्षा में शिक्षा देने से पूर्व बच्चे को पुनः एडमिशन के नाम पर अभिभावकों से पुनः वही एडमिशन फीस वसूली जा रही है जिससे सम्पूर्ण प्रदेश का अभिभावक वर्ग जूझ रहा है।

अभिभावकों से महंगी फीस और महंगे पाठ्यक्रम के नाम पर मोटी कमाई करने वाले पब्लिक / निजी स्कूल संचालक अपने संस्थान में शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षकों का भी शोषण कर रहे है उक्त शिक्षकों को वेतन देने के नाम पर दोहरा मापदण्ड अपनाया जा रहा है शिक्षिकों से वेतन की रिसीविंग तो 18-20 हजार रूपये मासिक की करायी जाती है और उन्हें महज 5 से 7 हजार रूपये मासिक ही वेतन प्रदान किया जा रहा है यानि पब्लिक / निजी स्कूलों के संचालको द्वारा शिक्षा का पूरी तरह से व्यापारीकरण कर दिया गया है और इनके द्वारा शिक्षा के नाम पर हर तरह की लूट मचायी जा रही है। पब्लिक / निजी स्कूलों के संचालको की इस लूट पर किसी भी तरह का कोई अंकुश नहीं है। शासन प्रशासन की नाक के नीचे पब्लिक/निजी स्कूल संचालकों की धाँधली लम्बे समय से जारी है। इस संदर्भ में शिवसेना जनपद व महानगर मुरादाबाद इकाई जनहित में इस ज्ञापन के माध्यम से निम्न मांगे करती है:-

1-पब्लिक स्कूलों द्वारा अभिभावकों के निरन्तर किये जा रहे शोषण पर रोक लगाने के लिये सभी पब्लिक / निजी स्कूलों में एक समाज एन०सी०आर०टी० का पाठ्यक्रम अनिवार्य किया जाये तथा अभिभावकों को खुले बाजार में किसी भी दुकान से पाठयक्रम / ड्रेस आदि की लेने की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाये।

2-एक बार स्कूल में छात्र/छात्रा के प्रवेश लेने के उपरान्त जब तक छात्र/छात्रा उक्त विद्यालय से निरन्तर शिक्षा अर्जित करते है उनके प्रत्येक कक्षा में प्रवेश के नाम प्रत्येक वर्ष वसूले जा रहे पुनः प्रवेश शुल्क पर रोक लगायी जाये।

3- राज्य में सरकारी स्कूलों का स्तर सुधारा जाये तथा उन्हें आधुनिक शिक्षा पद्धति से लैस किया जाये ताकि अभिभावकों की अपने बच्चों की शिक्षा हेतु पब्लिक/निजी स्कूल पर निर्भरता पर अंकुश लग सके।

4- पब्लिक/निजी स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षकों का वेतन शासनादेश के अनुरूप निर्धारित किया जाये व यह भी सुनिश्चित किया जाये कि कोई पब्लिक स्कूल शिक्षकों को मानदेय प्रदान करने में अनिमितता न बरत सके।

कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने के बाद एसीएस मनी अरोड़ा को ज्ञापन दिया। इस दौरान शिवसेना कार्यकर्ता महानगर प्रमुख मनोज कुमार, तिलक सैनी, कासिम मंसूरी, मुकेश वर्मा, कपिल देव, बाबू सैनी, राकेश प्रजापति, गोपाल, प्रमोद व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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