CM Yogi से लेकर Home Minister Amit Shah तक और फिर PMO…

उमेश लव लव इंडिया मुरादाबाद। IPL की तर्ज पर MCX सट्टे की आड़ में 1 किलो 229 ग्राम सोना और 562 चांदी के सिक्के हड़पने के मामले में भाजपा नेता समेत तीन पर रिपोर्ट दर्ज हुई लेकिन क्या आप जानते हैं… इस रिपोर्ट को दर्ज करने के लिए पीड़ित पक्ष को कितना संघर्ष करना पड़ा। साथ ही, वो सात सवाल जिन पर अंगुली उठाई और PMO के आदेश पर रिपोर्ट हुई और अब पुलिस को इन्हीं सवालों के जवाब भी अपनी जांच में खोजने होंगे। साथ ही, वह सात सवाल जिन पर अंगुली उठाई और PMO के आदेश पर रिपोर्ट हुई और अब पुलिस को इन्हीं सवालों के जवाब भी अपनी जांच में खोजने होंगे।

एक आरोपी ने तो खुद को बताया था प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्दोष

हम लव इंडिया के पाठकों को याद दिला दें कि महानगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस में किसी आरोपीय व मुद्दई को बुलाया तक नहीं लेकिन तीन आरोपियों में से एक भाजपा नेता ने खुद पत्रकार वार्ता बुलाई और अपने को निर्दोष करार देते हुए चेक बाउंस और लेनदेन का मामला बताया था।

थाने से डीआईजी और मुख्यमंत्री तक

थाने से डीआईजी और मुख्यमंत्री तक

मुरादाबाद में थाना पुलिस से लेकर डीआईजी तक शिकायत की गई लेकिन हर बार लेनदेन का मामला बात कर शिकायत की इति श्री कर दी गई मगर पीड़ित पक्ष चैन से नहीं बैठा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में गुहार लगाई इतना ही नहीं पीड़ित पक्ष ने लखनऊ के बाद दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से भी न्याय की गुहार लगाते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय अर्थात पीएमओ में शिकायत दर्ज कराई और इसके बाद मुरादाबाद पुलिस को सराफ नीरज रस्तोगी की रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी। यह अलग बात है कि रिपोर्ट को दर्ज कराने में स्थानीय स्तर पर एक उच्च अधिकारी की भूमिका भी रही।

पुलिस की जांच पर उठाए सवाल, इसलिए दर्ज हुई रिपोर्ट

सराफ नीरज रस्तोगी की शिकायत में आरोप है कि MCX डिब्बा सट्टा गिरोह (विभोर भटनागर, दीपक रस्तोगी, रूपेश बंसल) द्वारा की गई संगठित धोखाधड़ी, मानसिक प्रताड़ना और आर्थिक शोषण का शिकार हूँ। यह प्रकरण अत्यंत गंभीर है और मेरे परिवार का जीवन अस्त-व्यस्त कर चुका है। क्योंकि यह प्रकरण केवल चेक बाउंस नहीं, बल्कि स्पष्ट आपराधिक षड्यंत्र, ब्लैकमेलिंग और अवैध वित्तीय गतिविधि का है।

अब तक की जांचों को बताया पक्षपातपूर्ण और एकतरफा

शिकायतकर्ता नीरज रस्तोगी ने अब तक दी गई शिकायतों के निस्तारण को सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा है कि स्थानीय पुलिस, (विशेषकर CO सिविल लाइंस) द्वारा की गई जांचें घोर लापरवाह, पक्षपातपूर्ण और एकतरफा रही हैं। पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट को खारिज कर उनकी भूमिका की विभागीय जांच हो। मेरी शिकायतों को बिना पढ़े, बिना तहकीकात किए और विपक्षी पार्टी को बिना बुलाए ही बंद कर दिया गया।

दिए गए साक्ष्य शामिल नहीं किए जांच रिपोर्ट में

बकौल शिकायतकर्ता सराफ नीरज रस्तोगी के मुताबिक, यह प्रकरण MCX डिब्बा व्यापारियों द्वारा ब्लैकमेलिंग से संबंधित है, जिसमें स्थानीय पुलिस दोषियों के दबाव में काम कर रही है और हमारी सभी शिकायतें एकतरफा बंद कर दी जाती हैं। और सभी साक्ष्य कॉल रिकॉर्डिंग, GST बिल, पेन सभी पुलिस को सौंपे गए, परंतु ना सुनवाई ड्राइव, व्हाट्सएप चैट, महिला उत्पीड़न की शिकायत, MSEFC में लंबित केस सभी पुलिस को सौंपे गए, परंतु ना सुनवाई हुई. ना कार्रवाई। महत्वपूर्ण तथ्यों व साक्ष्यों को अनदेखा किया गया है।

ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए

बकौल शिकायतकर्ता सराफ नीरज रस्तोगी के मुताबिक, उन्होंने अपनी शिकायत में कुल ऐसे सात तथ्यों पर सवाल उठाए जिनके संबंध में डिजीटल साक्ष्य तक पैन ड्राइव तक में दिए मगर इन्हें विवेचना में शामिल नहीं किया गया और लेनदेन का तथाकथित मामला ठहराकर शिकायतों को खत्म कर दिया गया था मगर अब पुलिस को इन्हीं सवालों की भी तहकीकात करनी पड़ेगी ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।

कौन से हैं आपत्ति वाले 7 सवाल हम बताएंगे अपने पाठकों को

साथ ही, वह सात सवाल जिन पर अंगुली उठाई और PMO के आदेश पर रिपोर्ट हुई और अब पुलिस को इन्हीं सवालों के जवाब भी अपनी जांच में खोजने होंगे। क्या है वो सात सवाल जिन पर नीरज रस्तोगी ने पुलिस जांच पर उंगली उठाई है… ‘लव इंडिया नेशनल’ यह भी अपने ऑनलाइन पाठकों को जल्द बताएगा।

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