AAP: अकाली-भाजपा गठबंधन की वापसी के आसार
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पंजाब में AAP के सामने मुश्किलें : अधूरे वादे, बढ़ता कर्ज और संभावित फेरबदल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा है। 2020 में 62 सीटें जीतने वाली AAP इस बार सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई। इस हार का सीधा असर पंजाब की राजनीति पर पड़ सकता है, जहां पार्टी को संगठनात्मक बदलाव करने पड़ सकते हैं। पंजाब सरकार के लिए महिलाओं को ₹1000 प्रतिमाह देने का अधूरा वादा, बढ़ता कर्ज और केंद्र से खराब रिश्ते बड़ी चुनौतियां हैं। सरकार को राजस्व बढ़ाने और संगठन को मजबूत करने पर जोर देना होगा। दिल्ली और हरियाणा के चुनावी नतीजों में दिलचस्प संयोग भी देखने को मिला—दोनों जगह 5 अक्टूबर को मतदान हुआ और 8 अक्टूबर को आए नतीजों में भाजपा को 48-48 सीटें मिलीं, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा जारी है।
दिल्ली के बाद अब पंजाब में चुनौती, केजरीवाल पर सियासी हमले तेज
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। 2020 में 62 सीटें जीतने वाली AAP इस बार सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई, जबकि भाजपा ने 48 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की। इस हार के बाद पंजाब की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। पंजाब भाजपा नेताओं ने AAP सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली के बाद अब पंजाब में भी बदलाव तय है। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने दावा किया कि पंजाब में AAP सरकार जनता से किए वादे पूरे नहीं कर पाई, जिससे जनता में रोष बढ़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और शिअद नेता सुखबीर बादल ने भी AAP पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब में भी इसका सफाया होगा। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने AAP नेतृत्व के अहंकार को हार की वजह बताया। इस बीच, केंद्रीय मंत्री बिट्टू ने दावा किया कि AAP पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कर रहे हैं। उनके हालिया बयान से साफ संकेत मिल रहे हैं कि पंजाब में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।
दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद पंजाब में सियासी हलचल, अकाली-भाजपा गठबंधन की वापसी के आसार
दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद अब पंजाब की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भाजपा प्रदेश में अपने ग्राफ को बढ़ाने के लिए नए समीकरण साधने की कोशिश में जुटी है। अकाली दल और भाजपा के 23 साल पुराने गठबंधन के टूटने का फायदा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को हुआ था, लेकिन अब गठबंधन की संभावनाएं फिर से चर्चा में हैं। किसान आंदोलन के चलते अलग हुए भाजपा-अकाली को नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 18.5% वोट शेयर हासिल कर अपनी स्थिति मजबूत की, जबकि अकाली दल का वोट प्रतिशत लगातार गिर रहा है। इधर, कांग्रेस मजबूत विपक्ष के रूप में उभर रही है। अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और प्रताप सिंह बाजवा के नेतृत्व में पार्टी दोबारा मजबूती पाने की कोशिश कर रही है। वहीं, खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह ने अपनी नई पार्टी का ऐलान कर सियासी समीकरणों को और उलझा दिया है।
दिल्ली विधानसभा के सबसे अमीर विधायक बने करनैल सिंह, 259 करोड़ की संपत्ति USA तक फैली
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी करते हुए 70 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) 22 सीटों पर सिमट गई है। इस चुनाव में भाजपा के करनैल सिंह ने शकूर बस्ती विधानसभा सीट से आप के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन को 20,998 वोटों के अंतर से हराया। करनैल सिंह को 56,869 वोट मिले, जबकि सत्येंद्र जैन को 35,871 वोट प्राप्त हुए। करनैल सिंह ने 1954 में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई की है। वह दिल्ली के सबसे अमीर विधायक हैं, जिनकी घोषित संपत्ति 259.67 करोड़ रुपये है। उनके पास भारत और अमेरिका में कई संपत्तियाँ हैं, जिनमें अमेरिका में चार घर शामिल हैं। इस चुनाव में आप के कई प्रमुख नेताओं को हार का सामना करना पड़ा, जबकि भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जीत के लिए दिल्ली की जनता का आभार व्यक्त किया है।