पीले वस्त्र धारण कर 51 महिलाओं ने सिर पर रखा कलश और रम गई भक्ति में

Uttar Pradesh

लव इंडिया, संभल। गोपाल धर्मशाला मोहल्ला ठेर पर आयोजित श्री मद्भागवत कथा के प्रथम दिन 51 महिलाओं द्वारा पीले वस्त्र धारण कर, सिर पर कलश रखकर कलश यात्रा हर्षोल्लास से निकाली गई।

On the first day of Shri Madbhagwat Katha organized at Gopal Dharamshala Mohalla Ther, 51 women wearing yellow clothes and carrying the Kalash Yatra on their heads took out the Kalash Yatra with great enthusiasm.

इस दौरान भक्त हरि नाम संकीर्तन करते हुए वाद्य यंत्रों और बैंड- बाजो की धुन पर नृत्य करते हुए भक्ति के भाव में चल रहे थे। ऐसा लग रहा था मानो समस्त माहौल भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन हो गया हो। यात्रा के दौरान जगह श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई। कलश यात्रा कथा स्थल गोपाल धर्मशाला से प्रारंभ होकर सर्राफा बाजार, सुनारों वाली गली, महिला मंडल मंदिर, गुरु मंदिर से बनखंडन मंदिर होते हुए पुनः कथा स्थल गोपाल धर्मशाला में पहुँची। जहां छप्पन भोग के साथ विधि- विधान से पूजा- अर्चना कर श्री मद्भागवत का ग्रंथ स्वरूप विराजमान किया गया। इस दौरान कथा वाचक परम पूजनीय श्री राम स्नेही मिश्रा जी ने कलश यात्रा का महत्व बताते हुए कहाकलश का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व हैं।

श्री मद्भागवत कथा का आरम्भ करने से पहले कलश यात्रा निकाली जाती है। क्योकि माना जाता है कि कलश में सारे देवता विराजमान होते हैं और कलश को महिलाओं के सिर पर रखकर भ्रमण करने से धरा सिद्ध होती है तथा साथ ही जो कलश को धारण करता है उसकी आत्मा भी पवित्र हो जाती है। इसीलिए कलश यात्रा निकाली जाती है।

कलश के ऊपर आम्रपत्र होता है, जिसके ऊपर मिट्टी के पात्र में केसर से रंगा हुआ अक्षत (चावल) रहता है। जिसका भाव यह होता है, कि परमात्मा यहां अवतरित होकर हम अक्षत अथवा अविनाशी आत्माओं एवं पंचतत्व की प्रकृति को शुद्ध करें। दिव्यज्ञान को धारण करने वाली आत्मा आम्रपत्र (पल्लव) के समान हमेशा हरियाली (सुखमय) युक्त रहे।

कलश में डाला जाने वाला दूर्वा-कुश, सुपारी, पुष्प इस भावना को दर्शाती है कि हमारी पात्रता में दूर्वा घास (दूब) के समान जीवनी-शक्ति, कुश जैसी प्रखरता, सुपारी के समान गुणयुक्त स्थिरता, फूल जैसा उल्लास एवं द्रव्य के समान सर्वग्राही गुण समाहित हो जाए।कथा के प्रथम दिन आज शाम 4 बजे विधि- विधान से पूजा -अर्चना कर श्री मद्भागवत का वाचन प्रारंभ किया। जिसे अनेकों भक्तों ने श्रवण किया और गीता में दिए गए वचनों पर चलने का संकल्प लिया गया।

इस दौरान मुख्य आयोजिका मीनू रस्तोगी, कथा व्यास श्री राम स्नेही मिश्र, सौरभ रस्तोगी, स्मृति रस्तोगी, अंकुर रस्तोगी, शेफाली रस्तोगी, कमलकांत तिवारी, शालिनी शर्मा, विकास रस्तोगी, सोनिका रस्तोगी, मनोज गुप्ता, सुनीता यादव, नीरू चाहल, अजय कुमार शर्मा, विनीत रस्तोगी, ममता, संगीता, लवीना रस्तोगी, सरिता गुप्ता, मंजू रावत आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *