कांग्रेस कुछ तो शर्म करो…21 दरकिनार, मात्र दो के सहारे खुद को नेता विपक्ष घोषित करने पर संग्राम

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लव इंडिया, मुरादाबाद। हाल ही में संपन्न हुए निकाय चुनाव में मुरादाबाद नगर निगम में कांग्रेस के 23 पार्षद चुने गए हैं। इनमें 21 मुस्लिम हैं और दो हिंदू। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि लगभग 25 साल के बाद मुसलमान समाजवादी पार्टी से हटा और कांग्रेस पर विश्वास करते हुए वोटिंग की और मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी का सफाया हो गया और दूसरे स्थान पर कांग्रेस पार्टी रही। इसके चलते मुरादाबाद की आवाम को भरोसा था कि मुरादाबाद नगर निगम में विपक्ष का नेता कोई मुस्लिम पार्षद ही बनेगा लेकिन इसका उल्टा हो गया और कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष अनुभव मेहरोत्रा नगर निगम मुरादाबाद में विपक्ष के नेता हो गए और यही बात अब मुसलमानों को खटक रही है इस संबंध में जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट सलीम बैग ने कांग्रेस कुछ तो शर्म करो की होती इक्कीस को दरकिनार कर मात्र दो के सहारे खुद को ही नेता विपक्ष घोषित कर लिया… शीर्षक से पत्र जारी कर विरोध जताया है और कहा है…

आखिर क्या है पूरा मामला यह जानने के लिए आइए देखते हैं आरटीआई एक्टिविटी सलीम बेग का पत्र, इस पत्र को शुरू से आखिर तक आपको गंभीरता से पढ़ना है और यह भी निर्णय करना है क्या वास्तव में सलीम बैग द्वारा की गई बात सही है या फिर नहीं क्योंकि कांग्रेस इस पत्र के विपरीत है और वह सलीम बैग की वाणी से हां में हां मिलाने की बात नहीं करती बल्कि कहती है नगर निगम के लिए पार्टी स्तर से कोई भी व्हिप जारी नहीं होता।

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बाहरी मुरादाबाद की दक़ियानुसी पुरानी गुनहगार कांग्रेस कुछ तो शर्म की होती इक्कीस को दरकिनार कर मात्र दो के सहारे खुद को ही नेता विपक्ष घोषित कर लिया

पुरानी कहावत है कुत्ते की दुम किसी ने बारह बरस नलकी मे रक्खी ये सोचकर के ये टेढ़ी दुम सीधी हो जाएगी लेकिन जब नलकी से दुम को निकाल कर देखा तो वोह टेढ़ी की टेढ़ी ही निकली। यही हाल है मुरादाबाद के कुछ स्वयंभू कांग्रेसी नेताओं का, जिन्हे निजी स्वार्थ सिद्धि, खुद को ऊंचा दिखाने और अपनी ही पार्टी के आलाकमान के मुहब्बत का पैग़मा और प्यार बाँटने के प्रयासों को, जोकि देश विदेशों मे खूब भाषणो के ज़रिये लोगों तक पहुंचाया जा रहा है, उन महत्व पूर्ण संदेशो की धज्जियाँ मुरादाबाद के कुछ कोंग्रेस नेताओं ने उस वक़्त उड़ा दी जब मुरादाबाद कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष अनुभव मेहरोत्रा ने दिखावटी खानापुरी (लोबिंग) करके खुद को नगर निगम का नेता विपक्षी नेता घोषित कर लिया और इक्कीस जीते हुये नगर निगम सदस्यों को लालीपॉप पकड़ा दिया जिसका जनता मे विरोध शुरु हो गया है।

मु्रादाबाद की खासकर वो जनता जिन्होंने कोंग्रेस के आलाकामन राहुलगाँधी, प्रियन्कागाँधी, मल्लिकार्जुन खरगे, शाहनवाज़आलम जैसे नेताओं के बयान नफ़रात के खिलाफ़ मुहब्बत परोसने और सभी धर्मो, समुदायों को बराबरी के साथ बिना किसी भेदभाव के हिस्सेदारी भागीदार दिये जाने की पुर्ज़ोर वकालत विभिन्न मौक़ो पर अपने मंचों से की थी नागरिकों ने इस तरह के बयानात सुनकर, उनसे प्रभावित होकर उन पर विश्वास करते हुए पिछले तमाम गीले शिकवे भुलाकर, एक बार फिर से कोंग्रेस की तरफ़ तवज्जोह यह कहते हुए की, कि अब यह नई कांग्रेस राहुल गांधी की कांग्रेस है।

इसमे काफ़ी कुछ बदल गया है अब कांग्रेस ही हमारे और मुल्क की सलामती के लिए मुफ़ीद रहेगी जिसका नतीजा यह रहा कि मुरादाबाद के वोटर्स ने बड़ी संख्या मे निकाय चुनावों मे लम्बे अरसे के बाद कोंग्रेस को एक तरफ़ा वोट किये जाने का फ़ैसला किया और निकाय चनावों मे मुरादाबाद की जानता ने कांग्रेस को बम्फ़र वोट किये जिसका असर प्रदेश के कई जनपदों की जानता पर हुआ। मुसलमानों का कोंग्रेस की तरफ़ बढ़ता आकर्षण देख योगी सरकार भी घबरा गई उसने आनन फानन मे 1980 मे हुए मुरादाबाद के ईदगाह जनसंहार की यादें ताज़ा करते हुए उक्त रिपोर्ट को विधान सभा के पटल पर रखने का फ़ैसला लिया जिससे मुरादाबाद के मुसलमानों को याद दिलाया जा सके कि 1980 मे कोंग्रेस की सरकार के कार्यकाल मे मुसलमानों के साथ क्या हुआ उन ज़ख्मो को ताज़ा करने के भरसक प्रयास किये। दरअसल, उक्त मामला यह है कि हाल ही मे मुरादाबाद महानगर के निकाय चुनाव मे एक मुद्दत के बाद कोंग्रेस को मुसलमानों का बम्फ़र वोट मिला जिसमे कोंग्रेस पार्टी के महापौर पद के उम्मीदवार दूसरे नम्बर रहे और कोंग्रेस के नगर निगम पार्षद तेइस जीत हासिल कर सके जिनमे इक्कीस विजयी पार्षद मुसलमान और दो विजयी पार्षद हिन्दु थे।

मुद्दा ये है कि कांग्रेस पार्टी के टिकट पर निगम पार्षद इक्कीस मुसलमान जीते और दो हिन्दू पार्षद जीते जिनमे पार्टी महानगर अध्यक्ष अनुभव मेहरोत्रा भी रहे। अब सवाल यह पैदा होता है कि नगर निगम मे कोंग्रेस की तरफ़ से विपक्ष का नेता इन्हीं तेइस मे से चुना जाना था लेकिन कोमग्रेस पार्टी के महानगर अध्यक्ष अनुभव मेहरोत्रा ने तिगड़म बिठाकर स्वयं को नेता विपक्ष घोषित कर लिया महानगर और ज़िला कांग्रेस पार्टी के ज़िम्मेदार अपनी पुरानी आदत के मुताबिक़ तमाशाई बने रहे। उन्हे क़तई यह ख़याल नही आया कि पार्टी आलाकामान अपने भाषण और सम्बोधन मे जानता से क्या वादे और आह्वाहन कर रहे है।

मुरादाबाद के अधिकांश मुस्लिम वोटर्स मे अनुभव मेहरोत्रा के इस कृत्य की आलोचना के स्वर तेज़ होने लगे है। लोगों का कहना है कि निकाय चुनावों मे इक्कीस मुसलमान पार्षदो ने जीत हासिल की और दो हिन्दू पार्षद जीत सके। इन आकड़ों के हिसाब से स्पष्ट रूपसे किसी मुस्लिम समुदाय के पार्षद को ही नेता विपक्ष चुना जाना चाहिए था, तभी सबको बराबरी के साथ हिस्सेदारी और भागीदारी की कवायद पूरी होती और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, शाहनवाज़ आलम व दीगर कांग्रेसीजनों के कथनो को बल मिलता, वोटर्स मुसलमानों को अपनी भागीदारी और हिस्सेदारी का एहसास भी होता कोंग्रेस पार्टी से रिश्ते मज़बूत होते। मुसलमानो का कांग्रेस के प्रति विश्वास क़ायम होता। आगामी लोकसभा चुनाव पर इसका बेहतर असर होता।

यह आश्चर्यजनक ही नही चिंतजानक भी है कि अनुभव मेहरोत्रा महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष होते हुए भी उन्होंने पार्टी हित, अपनी ही पार्टी के आलाकामन के प्रयासों और उनके जनता से किये वादों, जैसे, सबकी बराबरी के साथ हिस्सेदारी, भागीदारी के नारो को ही खोखला साबित करते हुए खुद को नगर निगम मे नेता विपक्ष घोषित कर दिया। अनुभव के इस घटिया और नफरती कृत्य ने अधिकांश मुस्लिम वोटर्स को निराश किया है और जानता मे कोंग्रेस की छवि धूमिल करने की कोशिश की है। मुरादाबाद के मुसलमानो ने राहुल गाँधी को जिस मुहब्बत और खुलुस के साथ खुलकर कांग्रेस को वोट किया उसका जवाब ज़िला कोंग्रेस कमेटी की तरफ़ से यह नही होना चाहिए था। कांग्रेस आलाकामन को अनुभव मेहरोत्रा जैसे लालची और खुदगर्ज़ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ खूण में रखना ही होगा नकेल कसनी होगी ताकि भविष्य मे पार्टी को ऐसे नौसिख्यों, पार्टी दुशमनो, आस्तीन के साँपों से छुटकारा मिल सके और पार्टी को किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाया जा सके। मुरादाबाद के इस ज्वलंत और अतिमहत्वपूर्ण मुद्दे पर कांग्रेस आलाकामन तुरंत संज्ञान ले और मुसलमानो का विश्वास बहाल करे। वरना इसका असर आगामी लोकसभा चुनाव पर कोंग्रेस को देखने को मिलेगा।

शुभचिन्तक सलीम बेग, निवासी – क़स्बा भोजपुर, ज़िला – मुरादाबाद ( उत्तर प्रदेश )

Mob :9717455303Mail: saleembaigmbd@gmail.com


आइए देखते हैं आरटीआई कार्यकर्ता सलीम बैग के सवालों पर क्या कह रहे हैं अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष

अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद अहमद

अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद अहमद कहते हैं कि ऐसा नहीं है बल्कि सच्चाई यह है कि लगभग 30 साल के बाद मुसलमानों का समाजवादी पार्टी से विश्वास उठ रहा है और मुसलमानों को अपना वर्तमान और भविष्य कांग्रेसमें सुरक्षित दिखाई दे रहा है इसी के तहत पहली बार नगर निगम चुनाव में मुरादाबाद की आवाम ने कांग्रेस को दिल खोलकर वोट दिया और कांग्रेस के 23 पार्षद बनाएं इनमें कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष अनुभव मेहरोत्रा व एक अन्य पार्षद हिंदू हैं बाकी 21 मुस्लिम और जीत के बाद समस्त पार्षदों की बैठक हुई और इसमें महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष अनुभव मल्होत्रा को नगर निगम में नेता विपक्ष के लिए चुना गया इसमें पार्टी स्तर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है दूसरी तरफ अब कांग्रेस जिला और महानगर में भी जल्द ही बदलाव करने के भी मूड में है।

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