उपराष्ट्रपति ने अमृत महोत्सव की खातिर टीएमयू की पीठ थपथपाई, तीन दिनी कल्चरल फेस्टिवल 13 जुलाई से

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उपराष्ट्रपति ने कुलाधिपति को भेजा संदेश- अमृत महोत्सव के लिए साधुवाद। पदम भूषण विजेता श्री भट्ट ने हवाइयन गिटार को मोहन वीणा में बदला। 50 से अधिक देशों में अपनी गायकी का जादू बिखेर चुके हैं पदमश्री उस्ताद अनवर। अमृत महोत्सव एवम् टीएमयू ग्रुप की 21वीं वर्षगांठ पर यह कल्चरल फेस्टिवल। कुलाधिपति, जीवीसी, ईडी के संग रजिस्ट्रार ने लिया बंदोबस्त का जायजा

लव इंडिया, मुरादाबाद । तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में तीन दिन तक संगीत, गायन और नृत्य का ‘अमृत‘ बरसेगा। दूसरी ओर उपराष्ट्रपति श्री एम. वैंकेया नायडू ने कुलाधिपति श्री सुरेश जैन को भेजे अपने संदेश में कहा- आजादी के भव्य अमृत महोत्सव मनाने के लिए आपको साधुवाद देता हूं। देश के नामचीन उस्तादों की इस महफिल का 13 जुलाई को आगाज होगा। मोहन वीणा- स्लाइड गिटार वादक, संगीत नाटक अकादमी, ग्रैमी अवार्ड एवम् पदम भूषण विजेता विश्व मोहन भट्ट और राजस्थानी एवम् सूफी गायकी के लिए बॉलीवुड में अद्वितीय छाप छोडने वाले पदमश्री से सम्मानित उस्ताद अनवर खां मंगणियार कल्चर फेस्टिवल- परम्परा 2022 का शंखनाद करेंगे। उल्लेखनीय हैं, पदम भूषण श्री भट्ट को हवाइयन गिटार को मोहन वीणा में बदलने के लिए और इसे भारतीय संगीत में प्रयोग के लिए जाना जाता है तो पदमश्री उस्ताद अनवर खान जाने-माने राजस्थानी फॉक सिंगर हैं। वह लगभग 50 से अधिक देशों में अपनी गायकी का जादू बिखेर चुके हैं। आजादी का भव्य अमृत महोत्सव वर्ष एवम् टीएमयू ग्रुप की 21वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में यह कल्चरल फेस्ट ऑडिटोरियम में प्रतिदिन 3.30 बजे से प्रारंभ होगा। कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन के संग-संग रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा ने कल्चरल फेस्ट- परम्परा के लिए ऑडिटोरियम में युद्धस्तर पर चल रही तैयारियों का जायजा लिया।

दूसरी ओर उपराष्ट्रपति श्री एम. वैकेया नायडू ने कुलाधिपति श्री सुरेश जैन को प्रेषित अपने पत्र में कहा, मैं यह जानकर खुश हूं कि तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी अपनी 21वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए 13 से 15 जुलाई तक वार्षिक कल्चरल फेस्टिवल- परम्परा का आयोजन कर रहा है। जैसा कि भारत आजादी का भव्य अमृत महोत्सव मना रहा है, हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का महान बलिदान याद रखना चाहिए। नई पीढ़ी को भी आजादी के वीर सपूतों के जीवन की प्रेरणात्मक कहानियों को याद करते रहना चाहिए ताकि वे उनके गुणों को आत्मसात करें और आने वाले कल के लीडर बनें। मुझे यह जानकर खुशी है कि अपनी स्थापना से ही तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी विभिन्न अनुशासनों जैसे- मैनेजमेंट, डेंटल, इंजीनियरिंग, फार्मेसी, नर्सिंग, मेडिकल आदि में शिक्षण और शोध कार्य को आगे बढ़ा रही है और 12,000 से अधिक स्टुडेंट्स की जरूरतों को पूरा कर रही है। मैं यूनिवर्सिटी के छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ सदस्यों को हार्दिक बधाई देता हूं। साथ ही इस आयोजन की सफलता की कामना करता हूं।

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