भगवान को भोग लगाने के बाद भोजन भी बन जाता है प्रसाद: रमेश भाई ओझा

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लव इंडिया, मुरादाबाद। बुद्धि विहार में राम कथा के अष्टम दिवस पर कथा के प्रारंभ में पं पूज्य श्री रमेश भाई जी ओझा ने अपने मुखारविंद से कहा प्रत्येक प्राणी को भूख लगती है और नींद भी सभी को आती है और भोग भी प्रकृति का नियम है, परंतु मनुष्य जब वही भोजन भगवान को भोग लगा कर खाते है, तो वह प्रसाद बन जाता है। यह सौभाग्य सिर्फ मनुष्य को प्राप्त है और धर्म के जो नियम है वह मात्र मनुष्य के लिए है पशु के लिए नहीं है।

अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास पूज्य श्री रमेश भाई जी ओझा ने लोहिया मानव कल्याण ट्रस्ट, श्री राम बालाजी धाम बाबा नीम करोली आश्रम ट्रस्ट, लाला ओम प्रकाश अग्रवाल मेमोरियल ट्रस्ट एवं श्री राम कथामृत महोत्सव समिति के तत्वावधान में आठवें दिन श्रीराम के संग आस्था की गंगा से हिंदू समाज को जाग्रत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केवल मनोरथ करने से सिद्धि प्राप्त नही होती तप करना पड़ता है कोई यदि यह सोच ले कि मैं शिवजी की तपस्या करूंगा जब तक तप करेंगे नहीं तपस्या नहीं कहलाएगी सोचने मात्र से तप तपस्या नहीं होती इच्छा पूर्ति के लिए पुरुषार्थ और मेहनत करनी पढ़ती है। यज्ञ, दान और तप मनुष्य को पवित्र करने वाले साधन है। इनका त्याग नहीं करना चाहिए। सत्य का मार्ग कभी नहीं छोड़ना चाहिए जिस प्रकार राजा हरिश्चंद्र ने सत्य का मार्ग नहीं छोड़ा कितना भी कष्ट सामने आया।

अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास पूज्य श्री रमेश भाई जी ओझा ने कहा कि मनुष्य को जीवन में व्रत और जगराता सात्विकता से करना चाहिए नहीं तो वह दिखावा बन कर रह जाता है। भय के साथ मनुष्य को धर्म को जोड़ना चाहिए भगवान मुझसे नाराज ना हो जाए यह भय मनुष्य के मन में होना चाहिए जो भगवान का भक्त है, उसको भगवान की नाराजगी ना हो जाए। इसका भय सदैव मन में होना चाहिए, जब जब धर्म की हानि होती है, तब दान पुरुष गाय और पृथ्वी दुखी होती। माता-पिता को जब देव नहीं मानते और वृद्धा आश्रम में भेज देते हैं, साधु से सेवा कराते हैं, कभी-कभी साधुओं की सेवा भी अपने स्वार्थ के लिए करते हैं यह बहुत ही दुखदाई होता है।

अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास पूज्य श्री रमेश भाई जी ओझा ने कहा कि बच्चों को बचपन से ही सत्संग के साथ जोड़ना चाहिए बच्चों को बहुत आनंद आता है। घर में इतिहास और पुराण की कथा को सुनाना चाहिए। आजकल तो टीवी में भी पौराणिक सीरियल बनाते हैं। कन्हैया के गणपति के हनुमान जी के बच्चे बड़े प्रेम से देखते हैं, बच्चों को हम क्या दिखा रहे हैं, हमारे लिए बहुत जरूरी है। बच्चों को हम क्या सीखा रहे हैं, यह हमारा कर्तव्य है, हम जब भी मंदिर में दान देते है। बच्चों से दान कराना चाहिए। भंडारे में कुछ भी बांटते हैं, बच्चों के हाथों से बटवाना चाहिए, ताकि बच्चों में बांटने की इच्छा जागृत हो और वह इस विचार से जीवन व्यतीत करें कि जो भी हमारे पास है, वह बांट कर खाने का अलग ही आनंद आता है।

अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास पूज्य श्री रमेश भाई जी ओझा ने कहा कि पुष्प की तरह कोमल प्रभु श्रीराम आवश्यकता पड़ने पर पत्थर से भी कठोर बन सकते हैं। वो कहते हैं कि प्रभु श्रीराम बेवजह सनातन धर्म प्रेमी किसी को छेड़ते नही और जब कोई नहीं मानता तो फिर उसे छोड़ते भी नहीं। शौर्य और धैर्य के साथ साथ कृपा भी देखिए। भगवान राम ने तीन महायज्ञ को सम्पन्न कराया है। प्रभु श्रीराम जब वीरान एक आश्रम में जाते है तो वहां देखते हैं कि एक शिला पड़ी हुई है जब प्रभु श्री राम शिला के बारे में गुरु विश्वामित्र से पूछते है। तब गुरु विश्वामित्र बताते है कि ऋषि गौतम और अहिल्या जी का ये आश्रम है। एक बार जब इंद्रा ऋषि गौतम का रूप धारण करके कुटिया में आ जाते हैं। जब ये ऋषि गौतम देखते हैं कि दोनों एक साथ गमगीन हैं उसके बाद वो अहिल्या को शिला का श्राप दे देते हैं और इंद्र को भी श्राप दे देते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास पूज्य श्री रमेश भाई जी ओझा ने कहा कि ऋषि विश्वामित्र ने भगवान राम से अहिल्या के बारे में बताते हुए कहा कि हे रघुवीर ये शिला आपके चरण कमल की रज चाहती है। विश्वामित्र जी की आज्ञा पाकर भगवान श्रीराम उस शिला को चरणों से स्पर्श करते हैं और अहिल्या का उद्धार करते हैं। राम के चरण में अहिल्या को छुआ एक दृष्टि से देखा जाए तो राम ने राम के चरण में अहिल्या को छुआ मतलब राम के आचरण ने शिला को छुआ।कौन है ऐसा दुनिया में संसार में जिसने कभी कोई अपराध ना किया हो। गलती से भी जब कुछ सीखता है तो गलती भी गुरु बन बैठती है और उसी गलती को फिर दोहराया ना जाए तो वो अपराध है।

आरती में विनीत कुमार गुप्ता लोहिया विभोर कुमार गुप्ता लोहिया विपिन कुमार गुप्ता लोहिया एवं समस्त लोहिया परिवार एवं राम कथामृत महोत्सव समिति के अध्यक्ष महेश चंद्र अग्रवाल महामंत्री प्रवीण कुमार कोषाध्यक्ष अंकुर अग्रवाल रहे जबकि आज के मुख्य अतिथि शैफाली सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष, डॉक्टर राजेश सिंह, सुरेश जैन, टीएमयू कुलाधिपति, मनीष जैन, बीना जैन, राकेश आहूजा, सतीश अरोड़ा, लता चंद्रा, गुरु मां तेजास्वानी जी कामाख्या, ओम प्रकाश सिंह, सर्वेश कुमार सिंह वरिष्ठ पत्रकार, सलाहकार, दूरदर्शन दिल्ली, अतुल सिंघल, मनन सिंघल( दिल्ली) प्रधानाचार्य कृष्णा बाल विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, विशेष गुप्ता पूर्व बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष, आचार्य विकास भाई, देवतीर्थ गुरुकुल, लक्ष्मी नारायण गोयल,चेयरमैन, ट्रस्ट बोर्ड, एकल भारत लोक शिक्षा परिषद्, डॉक्टर नंद किशोर गर्ग फाउंडर एंड चीफ एडिटर महाराजा अग्रसेन टेक्निकल एडिशन सोसाइटी, रंजीत सिंह संभाग प्रमुख, एकल अभियान नरेंद्रजी आरसी सेंटर इंचार्ज, धर्मपाल जोनल कोऑर्डिनेटर, विश्वराज सीआरसी सेंटर समिति समन्वयक आदि रहे।

इस दौरान, श्रीमती अवधेश लोहिया श्रीमती कुमकुम गुप्ता नयन तारा गुप्ता शिखा गुप्ता भारती गुप्ता अनुभव लोहिया अनमोल लोहिया आकर्ष लोहिया अनिल कुमार शर्मा विवेक शर्मा अजय नारंग शुभम भारद्वाज ज्ञानेंद्र शर्मा राम रतन शर्मा राजेश सक्सेना गौरव अग्रवाल पंकज सैक्सेना विनोद राय परिश सक्सेना राकेश गुप्ता शैलेंद्र प्रकाश गुप्ता श्याम सचिन गुप्ता विनीत गुप्ता राकेश अग्रवाल प्रदीप शुक्ला अजय नारंग विपिन कुमार सुमित शर्मा ज्योति बंसल हरी गोपाल शर्मा शशि अरोड़ा आदि उपस्थित रहे। मंच संचालन बाबा संजीव आकांक्षी और रितु नारंग ने किया।

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