साहित्य और पत्रकारिता सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करे

India International Uttar Pradesh Uttarakhand टेक-नेट तीज-त्यौहार तेरी-मेरी कहानी नारी सशक्तिकरण युवा-राजनीति शिक्षा-जॉब

लव इंडिया, मुरादाबाद । उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग के पूर्व सदस्य एवं तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय में विधि विभाग के डीन प्रो हरवंश दीक्षित ने कहा कि सूचना क्रांति के इस दौर में प्रिंट मीडिया के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया भी जनमानस को प्रभावित कर रहे हैं। इनकी यह भूमिका यदि सकारात्मक दिशा में होगी तो वह राष्ट्र के निर्माण में एक निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगी। प्रो दीक्षित आज यहां पंचायत भवन सभागार में जिला कृषि विकास औद्योगिक एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी के तहत आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे।

राष्ट्र निर्माण में साहित्य एवं पत्रकारिता का योगदान विषय पर हुई इस गोष्ठी में मुख्य अभ्यागत के रूप में गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय नई दिल्ली में मास कम्युनिकेशन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ दुर्गेश त्रिपाठी ने कहा कि स्वतंत्रता से पूर्व पत्रकारिता देश को आजादी दिलाने के लिए मिशन था लेकिन आज भूमंडलीकरण के दौर में पत्रकारिता धीरे धीरे व्यवसाय की ओर अग्रसर हो रही है जिसका दुष्परिणाम हमें पेड न्यूज़ और इच्छानुसार न्यूज़ ट्रेडिंग के रूप में देखने को मिल रहा है।

मुख्य अभ्यागत के रूप में आईएफटीएम विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ राजेश कुमार शुक्ल ने कहा पत्रकारिता महज एक व्यवसाय नहीं है उसका कार्य केवल सूचना उपलब्ध कराना भी नहीं है उसका दायित्व जनचेतना जागृत करना है और यह जिम्मेदारी मीडिया को समझनी होगी।

गोष्ठी का संचालन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार एवं हिंदुस्तानी अकादमी के पूर्व कार्यकारिणी सदस्य डॉ मनोज रस्तोगी ने पत्रकारिता दिवस का उल्लेख करते हुए मुरादाबाद की पत्रकारिता के इतिहास और परंपरा के संदर्भ में प्रकाश डाला।

उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के पूर्व कार्यकारिणी सदस्य सैयद मोहम्मद हाशिम ने कहा कि साहित्य एवं पत्रकारिता का ध्येय है समाज को सकारात्मक दिशा देना जिससे राष्ट्र निर्माण हो सके।

सूफी फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं ग़ज़ल अकादमी के सचिव कशिश वारसी ने कहा कि मुरादाबाद के सूफी अंबा प्रसाद ने आजादी की लड़ाई में अपनी कलम को हथियार बनाया ।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अजय अनुपम ने मुरादाबाद के साहित्यकारों के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी दी। वरिष्ठ पत्रकार तरुण पाराशर ने कहा कि मीडिया को राष्ट्र धर्म को को सर्वोपरि रखकर अपना कार्य पूरी ईमानदारी से करना चाहिए ।

साहित्यकार एवं शोधार्थी दुष्यंत बाबा ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि पौराणिक काल से वर्तमान तक साहित्य और पत्रकारिता ने जनमानस की चित्त वृत्तियों को प्रभावित करते हुए राष्ट्र संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं कवयित्री हेमा तिवारी भट्ट द्वारा मां सरस्वती की वंदना से हुआ। प्रदर्शनी प्रभारी राहुल शर्मा ने प्रदर्शनी में आयोजित कार्यक्रमों की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। जिला सूचना अधिकारी आशीष सिंह ने पत्रकारिता दिवस पर आज की गोष्ठी के उद्देश्य व उपादेयता पर विचार व्यक्त किए।

गोष्ठी में मुख्य रूप से गोपीकृष्ण, योगेंद्र वर्मा व्योम, श्री कृष्ण शुक्ला, अशोक विश्नोई, फक्कड़ मुरादाबादी, मनोज मनु, हरि प्रकाश शर्मा, डॉ प्रीति हुंकार, मीनाक्षी वर्मा, इंदु रानी, अशोक विद्रोही, डॉ नरेंद्र सिंह, संतोष गुप्ता, रईस शेख, डॉ प्रदीप शर्मा, राशिद सिद्दीकी, उमेश लव, एस एस नकवी, मनोज कुमार, योगेश तुरेहा, श्री पाल राणा, धवल दीक्षित, गौरव चक्रवर्ती, मुजाहिद चौधरी, वीरभान सिंह, राहुल श्रीवास्तव, इंद्रपाल, काजल सैनी, शुभम शर्मा, दीपक, अजय, मोहित, कौशल, ओपी रोडा ,कुमार देव, विनय गुप्ता आदि साहित्यकार एवं पत्रकार उपस्थित थे। आभार जिला कृषि अधिकारी एवं प्रदर्शनी सचिव ऋतुषा तिवारी ने व्यक्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *