हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान के लिए ‘सनातनियों’ को एकजुटता का संदेश दे गए बाबा सत्यनारायण मौर्य

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उमेश लव , लव इंडिया मुरादाबाद। महानगर में पहली बार नव संवत्सर स्वागत समिति के तत्वाधान में हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत 2080 के स्वागत के लिए नव संवत्सर का स्वागत समारोह एक शाम संस्कृति के नाम आयोजित किया गया। महानगर के कंपनी बाग स्थित पंचायत भवन में आयोजित एक शाम संस्कृति के नाम का उद्घाटन दीप जलाकर मंडलायुक्त अंजनी कुमार सिंह नगर पुलिस अधीक्षक अखिलेश भदौरिया डॉ राजकुमार गुप्ता पवन कुमार जैन आदि ने किया। पूरी तरह खचाखच भरे पंचायत भवन में एक शाम संस्कृति के नाम का शुभारंभ नगरी हो अयोध्या सी… से हुआ तो पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा क्योंकि अयोध्या स्थित भगवान श्री राम का भव्य मंदिर अब केंद्र की नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार की देखरेख में बन रहा है जबकि पूर्व सरकारों में भगवान श्री राम पंडाल में विराजमान थे। यही कारण था नगरी हो अयोध्या सी के साथ ही पूरा पंचायत भवन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज रहा था और और इसी के साथ पंचायत भवन में प्रवेश हुआ विश्व प्रसिद्ध गीतकार व चित्रकार और भारतीय संस्कृति का दुनिया भर में अलग जगाने वाले बाबा सत्यनारायण मौर्य का।

…और उन्होंने आते ही वंदे मातरम वंदे मातरम से बच्चे बूढ़े और जवान के साथ-साथ नारी शक्ति को भी स्वामी विवेकानंद का चित्र बनाकर देशभक्ति के लिए मरने मिटने का संदेश दे दिया। बाबा सत्यनारायण मौर्य ने भारत और भारत को भारत माता कहने का भी अर्थ बताया। साथ ही उन्होंने स्वच्छ होती गंगा अन्य नदियों को भी पूजनीय बताते हुए कहा किस सनातन ही वह धर्म है जो गाय की पूजा करता है यही कारण है कि हम गाय को माता कहते हैं और गाय दूध दे या नहीं दे वह हमारे लिए पूज्य होती है।

बाबा सत्यनारायण मौर्य ने बॉलीवुड पर भी कटाक्ष किया और फिल्म पोंगा पंडित का उदाहरण देते हुए कहा बॉलीवुड पर खान हावी है जो सनातन संस्कृति को बदनाम कर रहे हैं उन्होंने फिल्मी गीत चने के खेत में… मैं तुझसे मिलने आई मंदिर जाने के बहाने…. को भारतीय संस्कृति के विपरीत बताते हुए बातों ही बातों में इनका बहिष्कार किए जाने की तरफ इशारा करते हुए ऐसे बड़े कारोबारियों के उत्पादकों का भी बहिष्कार करने का संदेश दे दिया जो एम समाज द्वारा संचालित हैं। उन्होंने हिंदी हिंदू और हिंदुस्तान की बात करते हुए खुद को अमेरिका में जाने के दौरान अंग्रेजी को भी जीवन के लिए महत्वपूर्ण नहीं बताया।

कहा कि हिंदुस्तान में सोनिया गांधी को हिंदी आती है क्या…? इतना ही नहीं हिंदुत्व का अलख जगा रहे बाबा सत्यनारायण मौर्य ने जनवरी फरवरी-मार्च आदि अंग्रेजी महीनों को भी भारतीय होने का गणित लोगों को समझाया साथ ही कहा की क्या रात के 12 बजे सूरज उगता है अगर नहीं तो फिर नव वर्ष कैसा…? उन्होंने हिंदू नव वर्ष को मनाए जाने की अपील की और कहा ईसाई मुस्लिम जब अपना अपना नया साल मनाते हैं तो फिर बेगाने की शादी में सनातनी दीवाना क्यों…?

बाबा सत्यनारायण मौर्य ने देश में हिंदुओं की घटती आबादी पर भी चिंता जताई और उदाहरण दिया एक या दो बच्चे हैं, एक अमेरिका और दूसरा आस्ट्रेलिया में मां मर गई और मुंबई के घर में ही कंकाल हो गई बेटा आया तो लेकिन मां के अंतिम संस्कार में नहीं बल्कि कुछ महीने के बाद मकान को बेचने के लिए… साथ ही उन्होंने एक बड़े टीवी चैनल की महिला एंकर का नाम लेते हुए हिंदुओं के बच्चे पैदा करने पर आपत्ति को भी कटीले चुटकुले के माध्यम से हादसे में बदल दिया और यह सोचने के लिए लोगों को मजबूर कर दिया कि क्या बच्चे…. पैदा होते हैं।इतना ही नहीं पश्चिमी सभ्यता की तरह भागती युवा पीढ़ी को उन्होंने सनातनी रंग में रंगने के लिए भी अपने अंदाज में समझाया साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी कटाक्ष किया और लोगों को पप्पू और मोनी बाबा का मतलब भी समझाया।

उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी बातों ही बातों में बहुत कुछ कह दिया और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को कांग्रेसियों द्वारा अच्छा बुरा कहने के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री अमित शाह के बाद अब बुलडोजर बाबा योगी आदित्यनाथ की तरफ इशारा कर दिया की जो लोग प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के जाने की बात कर रहे हैं वह देख ले कि योगी बाबा तैयार हैं…!बाबा ने धर्म परिवर्तन लव जिहाद के प्रति भी लोगों को जागरूक किया और इशारों इशारों में कह दिया की चंगाई समारोह नहीं चलने चाहिए।

हिंदू बाबाओं की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए बाबा सत्य प्रकाश मौर्य ने हिंदुओं से कहा कि तुम्हारी किस्मत में मुरारी बाबू लिखे हुए हैं। एक तरह से उन्होंने हिंदुओं को जागरूक करते हुए कहा स्टे आ गया तो हार जाओगे। इसके बाद मध्य प्रदेश से आए विश्व प्रसिद्ध कलाकार बाबा सत्यनारायण मौर्य ने अपनी टीम के साथ सुंदर संयोजन में अपने चुटकीले और हास्य व्यंग के बाणों के साथ साथ भगवान श्री राम के अस्तित्व को नकारने वाले राजनीतिक दलों के साथ-साथ ऐसे राजनीतिज्ञों से भी सनातनियों को सावधान किया जिनकी करनी और कथनी में अंतर है।

कार्यक्रम के आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पवन कुमार जैन प्रेम चुनरिया के सतीश अरोड़ा कपिल नारंग आदि का सहयोग रहा जबकि कार्यक्रम में शिक्षक विधायक डॉक्टर जयपाल सिंह व्यस्त, निवर्तमान महापौर विनोद अग्रवाल, केके शर्मा समेत तमाम भाजपाई और सनातन समाज के गणमान्य लोग शामिल थे।

श्री राम मंदिर आंदोलन के दौरान राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे का नारा देने वाले बाबा सत्यनारायण मौर्य ने मुगल और ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का संदेश देते हुए कहा मुरादाबाद का नाम भी बदलना चाहिए। साथ ही उन्होंने नई वीडियो को अखंड भारत का मानचित्र भी समझाया और बताया अफगानिस्तान पाकिस्तान बांग्लादेश समेत कई देश अखंड भारत का हिस्सा थे।

कार्यक्रम का संचालन सतीश अरोरा एवं कपिल नारंग ने किया इस अवसर पर ओम प्रकाश शास्त्री, वतन कुमार, पवन जैन, योगेंद्र चौहान, निवर्तमान मेयर विनोद अग्रवाल, एमएलसी डॉ जयपाल सिंह व्यस्त, डॉ विशेष गुप्ता, धर्मेंद्र नाथ मिश्रा, अमित गुप्ता, अजय नारंग, राजेश भारतीय, विशाल द्रविड़ प्रभात गोयल, वीपीएस लोचब, अश्विनी ठाकुर, आस्तिक गोयल, प्रनीत गुप्ता, गौरव गुप्ता, समीर जैन, सुभाष शर्मा, ऋतु नारंग, शिखा जैन, राशि जैन, डॉ मनोज रस्तोगी अजय कट्टा, अमन जैन एडवोकेट, डॉ राजकमल गुप्ता आदि महानगर के प्रमुख गणमान्य नागरिकों सहित हजारों लोग उपस्थित थे।

आइए जानिए बाबा सत्यनारायण मौर्य के बारे में

मैं दुनिया से ऐसी गंदी रीत मिटने आया हूं; जागो, जागो, जागो, जागो, तुम्हें जगाने आया हूं। बाबा सत्यनारायण मौर्य अपनी कविता से इस दोहे का पाठ करते हैं जब वे देश भर में सभाओं को संबोधित करते हैं, एक मिशनरी उत्साह में जनता को “जागृत” करने के लिए।वह लोगों से देश को भ्रष्टाचार, आतंकवाद, और अन्य “बीमारियों” जैसी बीमारियों से छुटकारा दिलाने का आग्रह करता है जो सिस्टम में घुस गए हैं।बाबा मौर्य, जो अपने ‘भारत मां की आरती’ कार्यक्रम के लिए जाने जाते हैं, आदिवासी बच्चों और समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए शैक्षिक अवसर पैदा करने के लिए अपने “एकल अभियान” अभियान पर हैं। स्वभाव से एक दार्शनिक, बाबा अपने अनूठे तरीके से भारतीय जनमानस में एक जागृति लाने का प्रयास करते हैं। 1965 में मध्य प्रदेश के ब्यावरा जिले के राजगढ़ में एक स्कूली शिक्षक के एक विनम्र परिवार में जन्मे, बाबा तूलिका के साथ अपनी असाधारण प्रतिभा से प्रसिद्ध हुए। पेंटिंग कम उम्र में और बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के एक शौक के रूप में आई। वाणिज्य में मास्टर्स डिग्री पूरी करने के बाद, बाबा ने विक्रम विश्व विद्यालय, उज्जैन से ड्राइंग और पेंटिंग में मास्टर्स ऑफ आर्ट्स में स्वर्ण पदक हासिल किया।संस्कार और भक्ति पर कार्यक्रमों के लिए बाबा ने छह साल से अधिक समय तक पटकथा लेखक के रूप में ज़ी टीवी के साथ काम किया। उन्होंने “जागरण” और “भक्ति भाव” श्रृंखला के दो हजार से अधिक एपिसोड का निर्माण किया है। उस शृंखला पर अनेक अच्छे संतों को पहचानने और प्रचारित करने का श्रेय उन्हें ही जाता है। अपने गहन शोध और भारतीय इतिहास, संस्कृति, शास्त्रों के अध्ययन के साथ, बाबा प्राचीन भारतीय विज्ञानों पर एक अधिकार रखते हैं। उन्होंने अपने ज्ञान को सभी के साथ साझा करने के लिए प्रदर्शनियों की एक विस्तृत श्रृंखला बनाई है। उनकी प्रदर्शनियों में एतिहासिक राम, स्वदेशी, गोरक्ष, वेद – प्रकाश का मार्ग, भारतीय धर्म को समझना, बाल, हिंदू रीति-रिवाज और परंपराएं, हमारे वनवासी शामिल हैं।

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