उर्दू अनुवादकों को 4600 ग्रेड-पे का भुगतान गलत, अब होगी वसूली


बरेली। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग (आरईडी) में नियमों के उल्लंघन के चलते बरेली और बदायूं जिलों में तैनात तीन उर्दू अनुवादकों को तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन (एसीपी) के तहत 4200 ग्रेड-पे के बजाय 4600 ग्रेड-पे के हिसाब से वेतन का भुगतान किया गया। इसमें बदायूं जिले में कार्यरत एक महिला उर्दू अनुवादक भी शामिल हैं। अधीक्षण अभियंता रविकांत वर्मा ने दोनों जिलों के अधिशासी अभियंताओं को अक्टूबर 2022 से दिए गए अतिरिक्त वेतन और भत्तों की वसूली के निर्देश जारी किए हैं।


अधीक्षण अभियंता के आदेश में 2015 के शासनादेश और सितंबर 2024 में कोर्ट में दायर रिट के तहत दिए गए शासनादेश का हवाला दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उर्दू अनुवादकों को केवल दो एसीपी और एक पदोन्नति का प्रावधान है। तृतीय एसीपी का कोई उल्लेख नहीं है।


वर्तमान में 15 मई 2015 के शासनादेश के अनुसार बरेली जिले में तैनात उर्दू अनुवादक लईक अहमद और मेराजा फात्मा तथा बदायूं में तैनात रूबी कमर को दिया गया 4600 ग्रेड-पे निरस्त कर इसे 4200 ग्रेड-पे पर पूर्ववत किया जाएगा। दोनों जिलों के अधिशासी अभियंताओं को निर्देश दिया गया है कि वे अतिरिक्त भुगतान की धनराशि इन कर्मचारियों के वेतन और अन्य देयकों से वसूलें।


बरेली में तैनात उर्दू अनुवादक लईक अहमद ने बताया कि इस निर्णय से अन्याय हुआ है। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी शासनादेश की गलत व्याख्या कर हमारी तीसरी एसीपी को निरस्त कर रहे हैं और वेतन से वसूली की तैयारी कर रहे हैं।


बरेली के अधिशासी अभियंता विनय कुमार के अनुसार उर्दू अनुवादकों लईक अहमद और मेराजा फात्मा से वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उनके वेतन से अतिरिक्त दी गई धनराशि जल्द ही वापस ली जाएगी।

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