Forest & Environment : घर के पास फलदार पौधे लगाएं, ताकि बच्चों का मन व स्वास्थ्य रहे अच्छा: मंत्री


बरेली। उत्तर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ0 अरुण कुमार के मुख्य आतिथ्य में आज विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर सीबी गंज व स्मार्ट सिटी के ऑडिटोरियम जी.आई.सी. में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
सर्वप्रथम वन मंत्री ने सीबी गंज में आर्बोरेटम (वनस्पति वाटिका) का उद्घाटन किया। तत्पश्चात वनस्पति वाटिका का भ्रमण भी किया। इसी क्रम में वनस्पति वाटिका में रुद्राक्ष कुन्ज का रोपण मंत्री अरुण कुमार एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी द्वारा किया गया।
वानिकी दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम का मुख्य आयोजन स्मार्ट सिटी ऑडिटोरियम जीआईसी में किया गया, जिसमें सर्वप्रथम मुख्य आतिथि व विशिष्ट अतिथियों द्वारा ऑडिटोरियम में लगाए गए स्टॉल, वानिकी एवं वन्य जीव संरक्षण से सम्बन्धित प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य आतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का मंच पर पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। तत्पश्चात मुख्य आतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर विश्व वानिकी दिवस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
इस अवसर वन मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि पेड लगाओं- पेड बचाओं अभियान, हर खेत पर मेड, हर मेड पर पेड के विषय में जानकारी दी गयी। उनके द्वारा बताया गया कि 20 मार्च को गौरया दिवस मनाया जाता है, क्योंकि जीव जंतु व पक्षी भी हमारे पारिस्थितिक तंत्र का ही हिस्सा है। पूरे देश में 80 करोड़ पौधारोपण किया गया जबकि उत्तर प्रदेश में 36.50 करोड़ पौधारोपण किया, जिसकी सराहना देश के प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात में भी की गयी।

उत्तर प्रदेश में 210 करोड़ पौधारोपण किया गया है, जिससे प्रदेश का ग्रीन एरिया 07 प्रतिशत से बढ़कर 9.96 प्रतिशत हो गया है जो कि देश में दूसरे स्थान पर है। वन मंत्री अरुण कुमार ने कहा कि भोजन के बिना हम लोग 07 दिन, पानी के बिना 03 दिन रह सकते हैं किन्तु ऑक्सीजन के बिना 03 मिनट भी जीना मुश्किल है। वन मंत्री ने ग्लोबल वार्मिग के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कॉर्बन डाई ऑक्साईड जो कि ग्लोबल वार्मिग के लिये जिम्मेदार है, को कम करने का सबसे आसान तरीका है कि हम अधिक से अधिक पौधारोपण करें। घर के आस-पास फलदार पौधे लगाये, जिससे कि बच्चों का मन व स्वास्थ्य अच्छा बना रहे। मा0 मंत्री जी ने अपील की कि नगर निगम के पार्कों, औद्योगिक इकाइयों के परिसरों, सडक के दोनों ओर व डिवाडर, स्कूल, अस्पताल, कॉलेज, तालाब, नदियों के किनारे आदि रिक्त स्थानों पर पौधारोपण किया जाये और उनकी सुरक्षा भी की जाये। वन मंत्री ने यह भी अपील करी कि प्रत्येक व्यक्ति एक पेड़ मॉ के नाम अवश्य लगाये और उसको पानी व उसकी सुरक्षा करें।
कार्यक्रम में वन मंत्री एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष उ प्र लखनऊ द्वारा वानिकी एवं वन्य जीव संरक्षण में विशेष योगदान देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही सीबीगंज के जंगल में पायी जाने वाली वनस्पतियों के ऊपर लिखी गयी किताब का विमोचन भी किया।
बरेली के महापौर डॉ उमेश गौतम ने अपने सम्बोधन में सुझाव दिया कि जनपद में हरित आवरण बढ़ाने के लिये सभी औद्योगिक इकाईयों एवं आवासीय परिसरों के सामने खाली रिक्त पड़ी भूमि पर उनके माध्यम से पौधारोपण कराया जाये और उन पौधों के संरक्षण की जिम्मेदारी भी सम्बन्धित इकाईयों व गृह स्वामियों को दी जाये। इस प्रकार बरेली में हम अधिक से अधिक हरित आवरण में वृद्धि कर सकते हैं।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष उ प्र लखनऊ सुनील चौधरी द्वारा बताया गया कि हमें प्रत्येक दिवस को वानिकी दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। वन प्राचीन काल से ही हमारे जीवन के अभिन्न अंग रहे है और इनके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। प्राचीन काल से ‘‘अरण्य‘‘ को वन देवी के रूप में जाना जाता है। उनके द्वारा बताया गया कि देश में उ प्र राज्य के अन्तर्गत सबसे अधिक वृक्षारोपण किया गया है और इस पौधारोपण की जानकारी एलॉन मस्क की कम्पनी द्वारा विकसित ग्रोथ एप में दी गयी है। प्रस्तुतिकरण के माध्यम 35 करोड़ पौधारोपण की चुनौतियों, प्रयास, रूपरेखा व कार्ययोजना आदि की जानकारी दी गयी। भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 3.50 लाख एकड़ हरित आवरण में वृद्धि हुयी है, जिससे प्रदेश पूरे भारत में छत्तीसगढ़ के बाद अग्रणी है। अंत में उनके द्वारा अपील की गयी कि सभी लोग अधिक से अधिक पौधारोपण करें और यदि इस सम्बन्ध में कोई और सुझाव हो तो हमें अवगत करायें।
प्रबन्ध निदेशक उ प्र वन निगम के के सिंह द्वारा बताया गया कि विश्व वानिकी दिवस हम क्यों मना रहे हैं और वनों का हमारे जीवन में क्या महत्व है। वन विभाग द्वारा प्रदेश को हरित से हरित करने का प्रयास किया जा रहा है। उनके द्वारा बताया गया कि खाद्य पदार्थों के लिये हम वनों पर ही निर्भर है यदि वन की सुरक्षा रहेगी तो खाद्य पदार्थ भी हमारे पास भरपूर रहेगें। सर्वप्रथम वनों से ही कैंसर की दवा की खोज की गयी।

जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व में हरित आवरण के विषय में विस्तार से अवगत कराते हुए बताया कि भारत में 25 प्रतिशत हरित आवरण है जबकि विश्व में 30-35 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश राज्य में लगभग 7-9 प्रतिशत हरित आवरण है। जनपद का 4120 वर्ग किमी0 क्षेत्रफल में लगभग 56 लाख आबादी रहती है, जिसमें 80 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर है। विगत 07 वर्षों में अधिक से अधिक पौधारोपण कर हरित आवरण बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। अंत में उनके द्वारा सभी से एक-एक पौधा अवश्य लगाने एवं उसकी सुरक्षा की अपील की गयी।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक/सचिव राज्य जैव विविधता बोर्ड उ प्र लखनऊ बी प्रभाकर द्वारा सभी अतिथियों व अधिकारियों धन्यावद व्यक्त किया गया। इसी क्रम में पीलीभीत टाइगर रिजर्व की टीम द्वारा मानव वन्य जीव संघर्ष के विषय पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया।
मुख्य वन संरक्षक रूहेलखण्ड जोन विजय सिंह द्वारा विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के विषय में अवगत कराया गया। इसी क्रम में उनके द्वारा बताया गया कि कार्बन क्रेडिट योजना, बैम्बू मिशन आदि योजनाओं में पौधारोपण कर किस प्रकार से किसानों की आय में वृद्धि कर सकते हैं। बरेली जनपद में कराये गये वानिकी कार्य जैसे मिशन छाया, मियावाकी पौधारोपण, एक मार्ग एक प्रजाति आदि के विषय में विस्तार से अवगत कराया गया।

कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों में जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल, सदस्य विधान परिषद कुंवर महाराज सिंह, एडवोकेट एवं वरिष्ठ समाज सेवी अनिल सक्सेना, अधिकारियों में प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष उ प्र लखनऊ सुनील चौधरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण ए के सिंह, प्रबन्ध निदेशक उ प्र वन निगम के0के0 सिंह, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय पाठक, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक/सचिव राज्य जैव विविधता बोर्ड उ प्र, लखनऊ बी प्रभाकर, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक कैम्प उ प्र, लखनऊ पी पी सिंह, जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार, मुख्य वन संरक्षक रूहेलखण्ड जोन विजय सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी दीक्षा भण्डारी, प्रभागीय वनाधिकारी पीलीभीत टाइगर रिजर्व मनीष सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी सम्भल वंदना फोगाट, प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी बिजनौर ज्ञान सिंह, उप प्रभागीय वनाधिकारी बरेली कमल कुमार, उप प्रभागीय वनाधिकारी आंवला एवं बरेली जोन अपूर्वा पाण्डेय, बरेली वन प्रभाग के क्षेत्रीय वनाधिकारी व अन्य स्टॉफ एवं कॉलेज के छात्र-छात्राएं, किसान, उद्यमी, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रहे।