Wakf Amendment Act: संवैधानिक रूप से अल्पसंख्यकों को संरक्षित करने का अधिकार

लव इंडिया मुरादाबाद। भाजपा महानगर मुरादाबाद द्वारा दिल्ली रोड स्थित टिमिट सभागार में वक्फ सुधार जनजागरण अभियान-2025 के तहत संगोष्ठी का आयेाजन हुआ। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में केंद्रीय राज्य मंत्री उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय बीएल वर्मा ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम बिल पारित होने के बाद वक्फ के नाम पर संपत्ति पर अवैध कब्जे, वक्फ संपत्ति की बंदरबांट और दुरुपयोग पर रोक लगेगी। वक्फ की संपत्ति से होने वाली आय का उपयोग गरीब मुस्लिमों के कल्याण के लिए किया जा सकेगा। इसलिए इस बिल का व्यापक स्तर पर स्वागत किया जा रहा है।

केंद्रीय राज्यमंत्री ने आगे कहा कि पहले वक्फ बोर्ड किसी की भी जमीन पर अपना दावा कर सकता था और यह साबित करना जमीन मालिक की जिम्मेदारी होती थी कि वह जमीन उसकी है। यदि वह ऐसा नहीं कर पाता था, तो जमीन पर वक्फ बोर्ड का कब्जा हो जाता था। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ संशोधन कानून में पारदर्शिता, महिला सशक्तिकरण और गरीब मुसलमानों के हित की भावना है। उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले विपक्षी दल अब इस कानून का विरोध कर रहे हैं, जबकि इसका असली उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की बंदरबांट रोकना है।
केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने आगे कहा कि विपक्ष की आलोचना का मुख्य तथ्य है कि विधेयक सरकार को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को विनियमित करने तथा यह तय करने की अनुमति देता है कि कोई संपति वक्फ है या नहीं हैं। उनका आरोप है कि सरकार वक्फ के शासन की नींव को कमजोर करके मुसलमानों के अधिकार समापत कर देगी। जबकि सरकार का स्पष्ट मत है कि वक्फ संशोधन विधेयक 2025 वक्फ प्रशासन के लिए एक धर्मनिरपेक्ष, पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था तय करता है। जहां वक्फ संपत्तियां धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों की पूर्ति करती हैं, उनके प्रबंधन में कानूनी, वित्तीय और प्रशासनिक जिम्मेदारियां शामिल होती हैं जिनके लिए सुव्यवस्थित शासन की आवश्यकता होती है। वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद सीडब्ल्यूसी की भूमिका धार्मिक नहीं बल्कि नियामक है, जो कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करके सार्वजनिक हितों की रक्षा करती है। यह विधेयक हितधारकों को सशक्त बनाकर और शासन में सुधार करके वक्फ प्रशासन के लिए एक निष्पक्ष ढांचा तैयार करता है।

केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने आगे कहा कि भाजपा सरकार द्वारा लाये गये विधेयक को लेकर विपक्ष की आलोचना का एक मुद्दा ये है कि यह वक्फ बोर्डों के प्रतिनिधित्व को बदल देगा। जबकि विधेयक में स्पष्ट है कि, राज्य स्तर पर वक्फ बोर्डों में एक गैर मुस्लिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कम से कम दो गैर मुस्लिम सदस्यों को नियुक्त करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। विपक्ष का तर्क बेमानी है कि, विधेयक मुस्लिम समुदाय के अपने मामलों को स्वयं प्रतिबंधित करने के अधिकारों में हस्तक्षेप कर सकता है जो कि संवैधानिक रूप से अल्पसंख्यकों को संरक्षित करने का अधिकार है। अध्यक्षता करते हुए भाजपा महानगर अध्यक्ष गिरीश भंडूला ने नया कानून वक्फ बोर्ड को मजबूर नहीं, मजबूत बनाएगा। कांग्रेस ने वक्फ बोर्ड का दुरुपयोग अपने राजनीतिक हितों के लिए किया, लेकिन अब गरीब मुस्लिम समाज को इसका वास्तविक लाभ मिलेगा। संचालन महानगर उपाध्यक्ष राहुल शर्मा ने किया।

संगोष्ठी में भाजपा पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय महामंत्री हरिओम शर्मा, महापौर विनोद अग्रवाल, उप्र गौ सेवा आयोग के सदस्य दीपक गोयल, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के महानगर अध्यक्ष अजीम पाशा, जनजागरण अभियान नवदीप टंडन, सह संयोजक अजय वर्मा, कार्यक्रम संयोजक राजेष रस्तोगी, पदमश्री दिलशाद हुसैन, राहुल शर्मा, निमित जायसवाल, राजीव गुप्ता, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच सदस्य मुजाहिर खान, डॉ विशेष गुप्ता, धर्मेंद्र नाथ मिश्रा, कमल गुलाटी, दिनेश शीर्षवाल, रईस चौधरी, फरहा अंसारी, दीक्षांत चौधरी, हरिओम सैनी, बंटी सैनी, सर्वेश पटेल, शशिकिरण, हेमराज सैनी, चंदर प्रजापति, विशाल त्यागी, मनमोहन सैनी, अतुल सोती शशी किरण, मिथुन शर्मा, इला सिंह, कविता गुप्ता,पूनम सैनी, राहुल सेठी, अमित शर्मा, अनुराग सिंह, नफीस अहमद, रईस चौधरी, मजहर अली, मतलुफ वेग, अहसान फारूकी, सलमान अंसारी, महबूब अली, गुलजार अहमद, शहाबुद्दीन,जुबेर कुरेशी, मज़ाहीर हुसैन, सूफी तकरीर अहमद गुलजार अहमद, इमरान हमजा, मुकेश भारद्वाज मंडल अध्यक्ष विपिन प्रजापति,राजीव शर्मा,कपिल गुप्ता, विशाल रस्तोगी, संजीव चौहान, प्रमोद शर्मा अजय दिवाकर, गजेंद्र पाल, महेश सैनी,बंटी सैनी आदि सौरभ सक्सैना सुमित चौहान, अहसान फारूकी महानगर मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, प्रकोष्ठ के पदाधिकारी मंडल के पदाधिकारी एवं पार्षदगण शामिल रहे।