15 दिन के शिशु को सर्जरी कर दिया नया जीवन
उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। 15 दिन के शिशु को सर्जरी (meningomyelocoele) कर एशियन विवेकानंद अस्पताल में नया जीवन शिशु को दिया गया। यह जटिल सर्जरी एशियन विवेकानंद अस्पताल के कुशल न्यूरोसर्जन डॉ. मयक नक्कीपुरिया, नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशात पांडे और कुशल एनेस्थेटिक डॉ. सलिल सिंह (विशेषज्ञों की टीम) द्वारा की गई।
आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त में की गई सर्जरी
शनिवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए एशियन विवेकानंद हॉस्पिटल के नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रशांत पाडे ने पत्रकारों को बताया कि यह Meningo myelocoele काफी बड़ा था। इसका साइज 3-3 सेंटीमीटर था और बच्चे के मां- बाप 15 दिन से कई अस्पतालों के चक्कर लग रहे थे और यह सर्जरी आयुष्मान योजना के तहत मरीज से बिना कोई खर्च लिए की गई है।
बच्चों में Meningo myelocoele बीमारी क्या होती है?
इस संबंध में एशियन विवेकानंद अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. मयंक नक्कीपुरिया ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि Meningo myelocoele एक जन्म दोष है जिसमे रीढ़ की हड्डी और मेनिजेस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को ढकने वाली झिल्ली) के बीच एक असामान्य कनेक्शन होला है। यह कनेक्शन रीढ़ की हड्डी के आसपास दबाव डाल सकता है, जिससे न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं।
क्यों आवश्यक है Meningo myelocoele सर्जरी ?
रीढ़ की हड्डी पर दबाव को कम करने और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक है। यह सर्जरी Meningo myelococle के कारण होने वाली जदनाओं को रोकने में मदद कर सकती है, जैसे कि पैरी का पक्षाघात, मूत्र असयम, मल असयम, सीखने की कठिनाइयां।
सर्जरी की प्रक्रिया ?
Meningo myelocoele सर्जरी एक जटिल प्रक्रिया है जो एक न्यूरोसर्जन द्वारा की जाती है। सर्जरी के दौरान, सर्जन रीढ़ की हड्डी और मेनिंजेस के बीच असामान्य कनेक्शन को ठीक करता है और रीढ़ की हड्डी पर दबाव को कम करता है।
सर्जरी के बाद क्या उम्मीद करें ?
सर्जरी के बाद, बच्चे को अस्पताल में रहना पड़ सकता है ताकि डॉक्टर उसकी स्थिति की निगरानी कर सकें। बच्चे को दर्द से राहत देने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं। सर्जरी के बाद, बच्चे को थेरेपी की आवश्यकता हो सकती है ताकि वह चलना, बात करना और अन्य गतिविधियाँ सीख सके।
Meningomyelocoele सर्जरी के लाभ ?
सर्जरी से कई लाभ हो सकते हैं, जैसे कि न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के जोखिम को कम करना, बच्चे के भविष्य की जीवन की गुणवत्ता में सुधार, बच्चे के विकास और सीखने में मदद करने में अहम योगदान होता है।
सेंटर हेड शोएब मलिक ने आभार व्यक्त किया
मेनिन्गोमीलो सील सर्जरी के माध्यम द्वारा सफल इलाज के लिए एशियन विवेकानंद अस्पताल मुरादाबाद के मेडिकल डायरेक्टर डॉ प्रशांत पाडे, रीजनल डायरेक्टर डॉक्टर हिलाल अहमद ने डॉ मयंक नक्कीपुरिया एवं टीम को शुभकामनाएं दी। सेंटर हेड शोएब मलिक ने आभार व्यक्त किया। साथ ही, बताया कि अस्पताल में न्यूरोसर्जरी विभाग में भविष्य में भी इसी प्रकार नई-नई तकनीक से मरीजों का इलाज किया जाता रहेगा।
सफल सर्जरी पर ताई और वालिद ने कहीं यह बात और जाते एशियन विवेकानंद हॉस्पिटल का आभार
इस मौके पर 15 दिन के शिशु को उसकी ताई गोद में लिए हुई थी और वालिद पास में बैठे हुए थे। दोनों ने सफल सर्जरी करने के लिए एशियन विवेकानंद हॉस्पिटल की पूरी टीम का शुक्रिया अदा किया और और ऐसे अभिभावकों से भी अपील की की जिनके बच्चे मेनिन्गोमीलो सील से पीड़ित है। ऐसे बच्चों के माता-पिता को दिल्ली या बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं है बल्कि वह एशियन विवेकानंद हॉस्पिटल में ही 100% गारंटी के साथ अपने बच्चों का इलाज कर सकते हैं।
लव इंडिया नेशनल ने भी अपने ऑनलाइन पाठकों से की यह अपील
ऐसे में लव इंडिया नेशनल (न्यूज वेबसाइट और पोर्टल) भी अपने ऑनलाइन पाठकों से निवेदन करता है कि अगर आपके बच्चे को meningomyelocoele है, तो डॉ. मयंक नक्कीपुरिया न्यूरोसर्जन और नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत पांडे एशियन विवेकानंद हॉस्पिटल मुरादाबाद से संपर्क कर सकते हैं।