Bad cholesterol बन सकता है Dementia का कारण

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बैड कोलेस्ट्राल कई तरह की परेशानियां उत्पन्न कर सकता है। अगर इसकी मात्रा अधिक हो तो यह हार्ट संबंधी बीमारियों को बढ़ावा देने के साथ ही स्ट्रोक का भी खतरा पैदा करता है। लेकिन एक नए शोध में सामने आया है कि बैड कोलेस्ट्राल डिमेंशिया का भी कारण बना सकता है। यह अध्ययन लेंसेट कमीशन द्वारा किया गया है। डिमेंशिया सोच, याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों पर असर पड़ता है।

Bad cholesterol can cause many problems. If its quantity is high, it not only promotes heart related diseases but also creates the risk of stroke. But a new research has revealed that bad cholesterol can also cause dementia. This study has been done by the Lancet Commission. Dementia affects thinking, memory and decision making ability, which affects the daily activities of a person.

अल्जाइमर रोग डिमेंशिया का सबसे आम रूप है। डिमेंशिया के खतरों के नए कारणों का पता लगाने के लिए टीम की ओर से यह अध्ययन किया गया था। इसमें पाया गया कि विश्व भर के नौ प्रतिशत डिमेंशिया के मामलों के लिए नए खोजे गए कारक जिम्मेदार हैं। इसमें कहा गया है कि 40 वर्ष के आसपास अगर हाई बैड कोलेस्ट्राल की परेशानी हो जाए और उचित इलाज न हो तो इस तरह की समस्या आ सकती है।

Alzheimer’s disease is the most common form of dementia. This study was conducted by the team to find out new reasons for the risk of dementia. It was found that the newly discovered factors are responsible for nine percent of dementia cases worldwide. It says that if a person has high bad cholesterol around the age of 40 and does not get proper treatment, then this kind of problem can arise.

कहा गया है कि शुरुआती जीवन के दौरान निम्न शिक्षा का स्तर और बाद में सामाजिक अलगाव अन्य कारकों में शामिल हैं। शोध में कहा गया है कि बैड कोलेस्ट्राल की अधिक मात्रा का पता लगने के बाद अगर इसे नियंत्रित रखा जाए, तो मानसिक स्थिति पर पड़ने वाले प्रभाव को लंबे समय तक टाला जा सकता है। इनमें उच्च अनुवांशिक जोखिम वाले लोग भी शामिल हैं।

It is said that low education levels during early life and social isolation later in life are other factors. The research says that if high levels of bad cholesterol are controlled once detected, the long-term effects on mental health can be avoided. This also includes people with high genetic risk.

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