उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2026: नामांकन शुल्क, जमानत राशि और खर्च सीमा तय
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों की तैयारियां तेज़ हो गई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर ग्राम प्रधान तक सभी पदों के लिए नामांकन शुल्क, जमानत राशि और चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा तय कर दी है।
अब कोई भी उम्मीदवार मनमाने ढंग से खर्च नहीं कर सकेगा। आयोग का कहना है कि यह कदम पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
🔹 नामांकन शुल्क और जमानत राशि तय
चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों के लिए राहत की बात यह है कि शुल्क बहुत ज़्यादा नहीं रखा गया है ताकि आम नागरिक भी आसानी से चुनाव मैदान में उतर सके।
➤ ग्राम पंचायत सदस्य पद
| उम्मीदवार श्रेणी | नामांकन शुल्क | जमानत राशि |
|---|---|---|
| सामान्य वर्ग | ₹200 | ₹800 |
| SC/ST/OBC/महिला | ₹100 | ₹400 |
➡ ग्राम पंचायत सदस्य का पद गांव के विकास की बुनियाद होता है।
महिलाओं और पिछड़े वर्गों को प्रोत्साहित करने के लिए शुल्क आधा रखा गया है।
➤ ग्राम प्रधान पद
| उम्मीदवार श्रेणी | नामांकन शुल्क | जमानत राशि |
|---|---|---|
| सामान्य वर्ग | ₹600 | ₹3000 |
| SC/ST/OBC/महिला | ₹300 | ₹1500 |
➡ ग्राम प्रधान गांव का मुखिया होता है, इसलिए जिम्मेदारी के अनुरूप शुल्क और जमानत राशि थोड़ी अधिक रखी गई है।
यह कदम समान अवसर और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
🔹 नामांकन प्रक्रिया और नियम
- उम्मीदवार को निर्धारित शुल्क के साथ नामांकन पत्र दाखिल करना होगा।
- जमानत राशि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि केवल गंभीर उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में उतरें।
- अगर उम्मीदवार नाम वापस लेता है या उसे न्यूनतम आवश्यक वोट नहीं मिलते, तो जमानत जब्त हो सकती है।
- ये नियम पूरे राज्य में एक समान लागू होंगे, चाहे गांव छोटा हो या बड़ा।
🔹 अधिकतम चुनावी खर्च सीमा ₹1,25,000
चुनाव आयोग ने तय किया है कि कोई भी उम्मीदवार अपने प्रचार पर ₹1.25 लाख से अधिक खर्च नहीं कर सकेगा।
इसमें पोस्टर, बैनर, रैली, वाहन और जनसंपर्क से जुड़ा पूरा खर्च शामिल होगा।
उल्लंघन की स्थिति में उम्मीदवारी रद्द की जा सकती है।
सभी उम्मीदवारों को अपने खर्च का पूरा हिसाब-किताब और रसीदें जमा करनी होंगी।
🔹 पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
इन नियमों से अमीर और गरीब उम्मीदवारों के बीच बराबरी का मौका मिलेगा।
महिलाओं, एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है।
आयोग ने कहा है कि ये नए नियम 2026 के पंचायत चुनावों से लागू होंगे।
पूरी जानकारी और दिशानिर्देश राज्य निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
🔹 निष्कर्ष
पंचायत चुनावों में ये बदलाव ग्रामीण राजनीति को साफ-सुथरा, पारदर्शी और सबके लिए सुलभ बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं। अगर आप भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, तो अभी से नए नियमों की जानकारी लेकर तैयारी शुरू करें।
