Rang Ekadashi पर भव्य 87 वीं शोभायात्रा के साथ ही Moradabad में Holi का हुड़दंग शुरू, देखिए फोटो भी…

उमेश लव लव इंडिया मुरादाबाद। 10 मार्च को राष्ट्रीय पर्व होली समिति ( रजिस्टर्ड) के तत्वावधान में विगत 86 वर्षों की भांति इस वर्ष भी परंपरागत रंग एकादशी शोभा यात्रा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार खत्री धर्मशाला बाजीगरान से प्रारंभ हुई। शोभा यात्रा का शुभारंभ नगर विधायक रितेश कुमार गुप्ता ने नारियल फोड़ कर एवं शोभा यात्रा में शामिल स्वरूप की वंदना से किया।

उमेश लव इंडिया मुरादाबाद 10 मार्च 2025 राष्ट्रीय पर्व होली समिति ( रजिस्टर्ड) मुरादाबाद के तत्वाधान में विगत 86 वर्षों की भांति इस वर्ष भी 87वी परंपरागत रंग एकादशी शोभा यात्रा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार खत्री धर्मशाला बाजीगरान से प्रारंभ हुई शोभा यात्रा का शुभारंभ माननीय नगर विधायक श्री रितेश कुमार गुप्ता ने नारियल फोड़ कर एवं शोभा यात्रा में शामिल स्वरूप की वंदना से किया।

खत्री धर्मशाला से आरंभ हुई शोभा यात्रा में लोग ढोल नगाड़ों की थाप पर एवं झांकियां पर बजने वाले होली के गीतों पर झूमते नाचते नजर आए कान्हा और राधिका की हुरियारी मस्ती में शहर वासी सराबोर हो उठे शोभा यात्रा में रंगो के पर्व की भव्य छाटा छाई हुई थी। शोभायात्रा जिस जिस मार्ग से होकर गुजरी वहां की सड़कें फूलों रंगो एवं गुलाल अबीर से सराबोर हो गई। सुरक्षा की दृष्टि से साथ चल रहे हैं पुलिस बल का भी अबीर एवं चंदन के तिलक लगाकर स्वागत किया गया।

शोभा यात्रा में शामिल राधा कृष्ण की फूलों वाली होली एवं ब्रज की लठमार होली की झांकी तथा होली के गीतों पर नृत्य प्रस्तुति तथा संगम की झांकी शोभा यात्रा का मुख्य आकर्षण रही। इसके अतिरिक्त काली माता की झांकी गणेश जी की झांकी शंकर पार्वती की झांकी राम दरबार की झाकी संस्थापक की बागी ढोल एवं बैंडों की मधुर धुनों ने शोभायात्रा को भव्यता प्रदान की। शोभायात्रा का मार्ग में अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं व्यापारियों तथा संस्थाओं द्वारा स्वागत किया गया नागरिकों ने छात्रों से फूलों की बरसात की।

शहर की सबसे पुरानी इस शोभा यात्रा की परंपरा सन 1939 में पड़ी थी रंग एकादशी की शोभायात्रा ने शहर में रंगों का आगाज किया रंग एकादशी परंपरा को निभानेवाली यह शोभायात्रा शहर की पुरानी परंपरा की संवाहक है। शहर के दिवंगतं श्री विशंभर नाथ टंडन के परिवारजन एवं अन्य आज भी इस परंपरा को निभा रहे हैं।

इस परंपरा के आरंभ में टेसू के फूलों से रंग बनाकर एवं उसमें गुलाब जल मिलाया जाता था इसके बाद उसे रंग को बेगी में रखकर उन घरों में रंग छिड़का जाता था। जहां परिस्थिति वश कोई अपना दिवंगत हो गया है। इस परंपरा के बाद ही उस घर में खुशी के कारज शुरू हो जाते थे। समय के साथ-साथ शोभा यात्रा के स्वरूप में परिवर्तन हो गया है।

शोभा यात्रा में राजेंद्र कुमार टंडन रवि मेहरोत्रा विजय कुमार टंडन राकेश कुमार टंडन सुधीर पाठक अनुभव मेहरोत्रा पार्षद, विजय सारस्वत वरुण टंडन राजेश खन्ना कृष्ण मुरारी त्रिपाठी मुकेश टंडन सचिन टंडन दिलीप कुमार दिवाकर गोपाल टंडन शिवम टंडन एडवोकेट, नितिन टंडन एडवोकेट, हर्षितअरोड़ा दिनेश कपूर सुनील खन्ना, कमल अरोरा, पं. जगदम्बा प्रसाद, महेन्द्र कुमार मेहरोजा, संजीव टंडन, श्याम खन्ना, दिनेश टण्डन, राजीव 2051, वीरेन्द्र गुप्ता, मनोज शर्मा आदि मौजूद रहे।