Tmu के कर्मी शामिल थे ऑनलाइन सट्टेबाजी और फर्जी ट्रांजेक्शन में, चार पुलिस हिरासत में

उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। लव इंडिया नेशनल ने 28 जून को तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के तीन कर्मचारियों ने ही यूनिवर्सिटी के खाते से लाखों रुपए की सेंधमारी कर ली अर्थात गलत तरीके से खाते से रुपए निकाल लिए… शीर्षक से खबर को अपडेट किया था तो हड़कंप मच गया था। फिलहाल पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज के बाद जांच की तो कुछ नए पहलू सामने आए हैं और अब तक की जांच में यह आवाज सामने आई है कि इस मामले में नामजद किए गए टीएमयू के कर्मचारी ऑनलाइन सट्टेबाजी और फर्जी ट्रांजेक्शन में शामिल हैं। फिलहाल, यह कर्मचारी पुलिस हिरासत में हैं।

13 जून 2025 को जयपुर निवासी एक व्यक्ति के साथ बड़ी ऑनलाइन ठगी हुई, जिसमें से 50 हजार रुपए की राशि विशेष कुमार के खाते में ट्रांसफर कराई गई। इसके बाद 16 जून 2025 को विशेष ने विश्वविद्यालय की स्वैप मशीन का इस्तेमाल करते हुए 2,500 रुपए का ट्रांजेक्शन टीएमयू के खाते में किया, जिससे मामला संदिग्ध हो गया। साइबर सेल द्वारा टीएमयू प्रशासन को सूचित किया गया कि संस्थान का 18.29 रुपए होल्ड पर है। एंकाउंट निदेशक गौरव अग्रवाल की सूचना पर न्यू वायज हस्टल फैकल्टी ब्लाॅक रूम नं- 412 के सुरक्षाधिकारी अवनेश सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें डेंटल कॉलेज की ओपीडी के नितिन और जसवरी तथा बिशेष को आरोपित किया गया था। लव इंडिया नेशनल ने अपने ऑनलाइन पाठकों को सबसे पहले इस मामले से अवगत कराया तो हड़कंप मच गया था।

फिलहाल, तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय (टीएमयू) प्रशासन और साइबर फ्रॉड सेल की अब तक की संयुक्त जांच में इस मामले में कई पहलू सामने आए हैं। इसमें सबसे खास बात यह है की एक और तमो कर्मचारी इस मामले में शामिल होना सामने आ रहा है और इसका नाम दीपक बताया जा रहा है। जांच के अनुसार, डेंटल कॉलेज का कर्मचारी दीपक ऑनलाइन सट्टेबाजी में लिप्त पाया गया। वह सट्टा खेलने के लिए अपने बैंक खाते का इस्तेमाल करता था, जबकि सट्टा जीतने पर रुपए को कॉलेज के ही एक अन्य कर्मचारी विशेष के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता था। इसमें दीपक और विशेष के अलावा दो अन्य कर्मचारी नितिन सैनी और जसवीर भी शामिल पाए गए हैं। ये दोनों नकद में मरीजों से इलाज का पैसा वसूलते थे और बाद में उसे फर्जी UPI ट्रांजेक्शन के माध्यम से जमा दिखाते थे। यह बात जांच में सामने आई है कि इन चारों कर्मचारियों ने डेंटल कॉलेज के खातों में कई बार संदिग्ध UPI ट्रांजेक्शन किए हैं। फिलहाल टीएमयू विश्वविद्यालय प्रशासन के सहयोग से पुलिस लगातार इस मामले में तथ्य जुटा रही है और जल्द ही एक पूरे प्रकार का खुलासा हो सकता है क्योंकि चारों आरोपियों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। यह अलग बात है कि पुलिस ने अभी इस मामले में किसी को भी हिरासत में लेने की पुष्टि नहीं की है।

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