बीएलओ/शिक्षक सर्वेंद्र सिंह की मौत पर परिवार का आरोप—“प्रशासनिक दबाव ने ले ली जान”, बहनों ने कहा–भाभी को नौकरी और बच्चियों की शादी के लिए 5 करोड़ दिए जाएं

सिकंदरपुर स्थित कॉम्पोजिट विद्यालय के शिक्षक ने तीन पेज के नोट में लिखा–‘लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहा हूं, बच्चों मुझे माफ करना…’ परिजन बोले–एसआई/एबीएसए के दबाव में टूट गया भाई


मुरादाबाद में कॉम्पोजिट विद्यालय जाफ़रपुर के शिक्षक सर्वेंद्र सिंह की संदिग्ध हालात में मौत ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि बीएलओ और विद्यालयीय कार्यों के लक्ष्य पूरे न कर पाने के कारण प्रशासनिक दबाव बढ़ता गया, जिससे मानसिक तनाव में आकर उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया। तीन पेज के नोट में उन्होंने विभागीय दबाव, विद्यालयीय जिम्मेदारियों और अपने परिवार की चिंता का ज़िक्र किया। वहीं बहनों ने भाभी को सरकारी नौकरी व बच्चियों की शादी के लिए 5 करोड़ रुपये की मांग की है।


रात में मिला शिक्षक का शव

सर्वेंद्र सिंह रविवार देर रात बेहोशी की हालत में मिले, अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।


तीन पेज का सुसाइड नोट परिवार को मिला

परिजन को कमरे की तलाशी में तीन पेज का नोट मिला जिसमें उन्होंने अपनी मानसिक स्थिति व दबाव का ज़िक्र किया।


बहनों का आरोप—भाई को सिस्टम ने मारा

बहनों का कहना है कि रोज़ के बढ़ते काम, लक्ष्य और अधिकारियों के दबाव ने भाई को टूटने पर मजबूर कर दिया।


मांग—भाभी को नौकरी दी जाए

परिवार की पहली मांग है कि मृतक की पत्नी को तत्काल सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।


बेटियों की शादी को 5 करोड़ की भरपाई की माँग

परिजनों का आरोप है कि भाई की मौत ने भविष्य अनिश्चित कर दिया, इसलिए 5 करोड़ की सहायता की ज़रूरत है।


पत्नी बोली—रात 12 बजे तक रोते थे

मृतक की पत्नी ने बताया कि रात 12 बजे तक वे रोते हुए कहते थे कि “काम पूरा नहीं होगा, सब मुझ पर गिर पड़ेगा।”


विभागीय नोटिसों ने बढ़ाया तनाव

परिवार का कहना है कि बीते दिनों उन्हें कई बार नोटिस और लक्ष्य पूरे करने के लिए दबाव मिला था।


बीएलओ कार्य उनके बस से बाहर होता जा रहा था

चुनावी कार्य में डाटा अपडेट, सर्वे, फील्ड वेरिफिकेशन जैसे काम उन्हें मानसिक रूप से थका रहे थे।


विद्यालय में 202 बच्चों की जिम्मेदारी

प्रधानाध्यापिका ने बताया कि विद्यालय में 202 बच्चे पढ़ते हैं और सात शिक्षक कार्यरत हैं, सर्वेंद्र हमेशा जिम्मेदार शिक्षक रहे।


एबीएसए की नाराज़गी भी तनाव का कारण

सूत्रों के अनुसार हाल में हुए निरीक्षण में कुछ कमियाँ दर्ज की गई थीं।


क्षेत्रीय अधिकारियों ने दी प्रतिक्रिया

अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी, और किसी पर जिम्मेदारी साबित हुई तो कार्रवाई होगी।


बच्चों के लिए आखिरी संदेश—“तुम्हें बहुत प्यार करता हूं”

नोट में उन्होंने लिखा, “मेरे प्यारे बच्चों, मुझे माफ कर देना… मैं टूट गया हूं।”


विद्यालय स्टाफ में शोक

विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि वे पिछले कुछ दिनों से बेहद चुप और परेशान दिखते थे।


पड़ोसियों ने बताया—रोज़ देर रात तक जागते थे

नजदीकी लोगों ने कहा कि वे पिछले हफ्ते से ठीक से सो नहीं रहे थे।


परिजन बोले—प्रशासन का डर सता रहा था

बहनों ने कहा कि भाई डर के कारण हर फोन कॉल पर काँप जाता था।


गांव में तनाव का माहौल

घटना के बाद गाँव में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा है, कई लोग मौके पर जुट गए।


सुसाइड नोट में कई विभागों का जिक्र

उन्होंने शिक्षा विभाग के साथ चुनावीय कार्यों का अलग से उल्लेख किया।


पत्नी ने कहा—“मैंने उनसे नौकरी छोड़ने को कहा”

पत्नी ने बताया कि कई बार कहा कि नौकरी छोड़ दें, लेकिन वे घर के भविष्य को लेकर उलझे रहते थे।


अंतिम कार्य—‘लक्ष्य पूरा न कर पाने’ का भय

नोट में लिखा, “लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहा हूं… सब ओर से दबाव है…”


परिवार का आरोप—मानसिक उत्पीड़न

परिजनों ने इसे सीधा मानसिक उत्पीड़न बताया है।


बहन बोली—“हमारा भाई इतना कमजोर नहीं था”

बहन ने कहा कि भाई मजबूत व्यक्ति थे, सिस्टम ने उन्हें तोड़ दिया।


मृतक 15 साल से सेवा में थे

सर्वेंद्र लंबे समय से कॉम्पोजिट विद्यालय में तैनात थे और रिकॉर्ड हमेशा संतोषजनक रहा था।


पोस्टमार्टम के बाद तनाव और बढ़ा

पोस्टमार्टम की प्रक्रिया में भी परिवार ने अधिकारियों पर नाराजगी जताई।


डीएम को ज्ञापन देने की तैयारी

परिवार जिला प्रशासन से मुआवजे और नौकरी की औपचारिक मांग करेगा।


विद्यालय के बच्चों ने दी श्रद्धांजलि

सोमवार को बच्चों ने उनकी फोटो के सामने मोमबत्ती जलाई।


सोशल मीडिया पर मामला ट्रेंड

स्थानीय फेसबुक पेजों पर ‘Justice for Servendra Singh’ ट्रेंड होने लगा।


विपक्षी दलों ने भी उठाया मुद्दा

विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकारी कर्मचारी दबाव में काम नहीं कर पा रहे।


शिक्षक संगठन भी नाराज

शिक्षक संगठनों ने कहा कि बीएलओ और विभागीय कार्यों का बोझ लगातार शिक्षकों की जान ले रहा है।


जांच टीम गठित होने की संभावना

सूत्रों ने बताया कि प्रशासन जल्द जांच अधिकारी नियुक्त कर सकता है।


परिवार की अंतिम अपील—“दोषियों पर FIR हो”

परिवार चाहता है कि सम्बन्धित अधिकारियों पर FIR दर्ज हो और भाभी को तुरंत नौकरी दी जाए।



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