श्रीराम लीला मंचन के दौरान शूपर्णखा संवाद ने युवाओं को अच्छे-बुरे के बारे में सोचने को किया मजबूर


लव इंडिया, संभल। नगर पालिका परिषद, संभल में श्री रामलीला कमेटी, संभल द्वारा आयोजित भव्य एवं दिव्य आदर्श श्री रामलीला में सर्वप्रथम भगवान गणेश जी का अतिथियों द्वारा पूजन करने के उपरांत भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की आरती की गई।

पूजन और आरती के उपरांत आज की रामलीला मंचन का शुभारम्भ समस्तीपुर दरभंगा बिहार से आए योग्य कलाकारों द्वारा किया गया। जिसमें व्यास जी ने बताया कि शूपर्णखा संवाद रामायण के अरण्यकाण्ड का एक महत्वपूर्ण और लोकप्रिय प्रसंग है। इसमें रावण की बहन शूर्पणखा का भगवान राम और लक्ष्मण के साथ पंचवटी में हुआ संवाद और उसके बाद की घटनाओं को दर्शाया जाता है।


तदुपरांत मंचन प्रारंभ होता है। जिसमें पंचवटी में शूपर्णखा राम और लक्ष्मण को देखती है और उनके सौंदर्य से मोहित हो जाती है। वह एक सुंदर स्त्री का रूप धारण करके राम के पास जाती है और उनसे विवाह का प्रस्ताव रखती है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम उसकी बातों को सुनकर मुस्कुराते हैं और कहते हैं कि वह तो विवाहित हैं और सीता उनकी धर्मपत्नी हैं।


राम उसे लक्ष्मण के पास भेज देते हैं। शूपर्णखा फिर लक्ष्मण के पास जाती है और उनसे भी विवाह का प्रस्ताव रखती है।
लक्ष्मण उसे अपनी दासी बनाने की बात कहते हुए राम के पास वापस भेज देते हैं। दोनों भाई उसे एक दूसरे के पास बार-बार भेजते हैं। जिससे वह क्रोधित होकर वह अपने राक्षसी रूप में आ जाती है और सीता पर हमला करने का प्रयास करती है। इससे लक्ष्मण अत्यधिक क्रोधित हो जाते हैं और उसकी नाक काट देते हैं।


अपनी नाक कटने पर शूर्पणखा दर्द से चिल्लाती है और अपने भाई खर-दूषण को जाकर सारी घटना बताकर उसे राम और लक्ष्मण से बदला लेने के लिए भड़काती है।
खर-दूषण का वध हो जाने के बाद, वह रावण के पास जाती है और उसे सीता के हरण के लिए उकसाती है, जिससे रामायण की कहानी आगे बढ़ती है। आज के मंचन की विशेषता यह रही कि इसमें हास्य और परिहास का प्रयोग किया गया। खासकर राम और लक्ष्मण द्वारा शूर्पणखा को एक-दूसरे के पास भेजने के दौरान श्रद्धालुओं ने हास्य का आनंद लिया।


श्री रामलीला कमेटी के प्रबंधक वैभव गुप्ता ने रामायण के महत्व को बताते हुए कहा कि शूपर्णखा संवाद रामायण का एक ऐसा भाग है जो न केवल मनोरंजन प्रदान करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे एक छोटी सी घटना रामायण के युद्ध का कारण बनती है। जो हमें ज्ञान देती है कि हमें कोई भी कार्य बिना सोचे समझे नहीं करना चाहिए। जिस प्रकार रावण और उसके अन्य भाइयों ने शूपर्णखा की बातों में आकर किया।


आज के कार्यक्रम में अतिथिगणों के रूप में इतिहास संकलन समिति के प्रान्त अध्यक्षडॉ०अशोक रुस्तगी, प्रो० बीना रुस्तगी, डॉ० आनंद सिंह, डॉ० यू० सी० सक्सेना, डॉ० अरविन्द गुप्ता,सरदार कुलवीर सिंह, प्रधानाचार्य शिवशंकर शर्मा, गरीब और निर्धन की पुकार के प्रधान संपादक दिलीप गुप्ता, अरुण गोयल, अशोक सर्राफ आदि उपस्थित रहे ।

कमेटी के अध्यक्ष अनंत अग्रवाल द्वारा समस्त अतिथियों को सम्मान प्रदान करते हुए पटका पहनाकर स्वागत व अभिनन्दन किया गया। इस दौरान उज्ज्वल सक्सेना, उमेश सैनी, अभिषेक गुप्ता, अभिलाष शुक्ला, पिंकू त्यागी,अभिनन्दन शर्मा, साहिल गांधी, गौरव, पंकज, विकास वर्मा, अतुल शर्मा आदि उपस्थित रहे।


इतिहास संगठन समिति के प्रांत अध्यक्ष डॉ. अशोक रूस्तगी ने उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष ओर उनकी समिति को सफल कार्यक्रम की बहुत-बहुत बधाई देते हुए प्रशंसा की। कार्यकारी प्रबंधक अनुराग गुप्ता सर्राफ एवं वैभव गुप्ता ने रामलीला में उमड़े जनसमूह की व्यवस्था भली-भांति संभाली।


मंच से महिला कलाकारों द्वारा धार्मिक भजनों व आदर्श नृत्य के माध्यम प्रस्तुतियां दी गई जिस पर श्रोतागणों ने आनंद लेते हुए खूब प्रशंसा की। मंच संचालन एड. उमेश शर्मा द्वारा किया गया।

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