संभल के हरिहर मंदिर को लेकर यूपीभर में शिवसेना के कई नेता नजरबंद, फिर भी जगह-जगह महाआरती

शिवसेना के प्रदेश नेतृत्व ने आज “भगवा दिवस” के अवसर पर संभल के हरिहर मंदिर विवाद को केंद्र में रखते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में एक साथ महाआरती का व्यापक आयोजन किया। प्रशासन ने संभावित तनाव को देखते हुए कई जिलों में शिवसेना नेताओं को उनके घरों और कार्यालयों में ही नजरबंद कर दिया। बावजूद इसके, शिवसैनिकों ने योजनाबद्ध तरीके से शहर के प्रमुख मंदिरों में पहुँचकर शंखनाद और सामूहिक महाआरती का आयोजन किया। कई जगह स्थानीय लोगों की बड़ी भागीदारी दिखाई दी, जिससे माहौल धार्मिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर अत्यधिक सक्रिय रहा।

🟧 भगवा दिवस का ऐलान और आंदोलन की पृष्ठभूमि

शिवसेना ने कई सप्ताह पहले ही घोषणा कर दी थी कि 6 दिसंबर को प्रदेशभर में भगवा दिवस मनाते हुए संभल के हरिहर मंदिर की “मुक्ति” की मांग को प्रमुख रूप से उठाया जाएगा। संगठन का कहना है कि यह केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनरुद्धार का आंदोलन है, जिसे दबाने के प्रयास लंबे समय से किए जा रहे हैं। इसी अभियान का हिस्सा बनाकर महाआरती कार्यक्रम को पूरे प्रदेश में एक साथ आयोजित किया गया ताकि संदेश अधिक व्यापक रूप से पहुंचे।
🟧प्रशासन का सतर्क रुख और सुरक्षा तैयारियाँ

शिवसेना की घोषणा के बाद से ही पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर थे। कई जिलों में धारा 144 जैसे कदमों पर भी विचार किया गया और संवेदनशील इलाकों में बल को पहले से तैनात कर दिया गया। प्रशासन को आशंका थी कि बड़ी भीड़ एकत्र होने से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है, इसलिए मंदिरों और शिवसेना के जिला कार्यालयों के आसपास विशेष पुलिस तैनाती की गई। सुबह से ही कई स्थानों पर पुलिस की मूवमेंट देखी गई।
🟧 जिला प्रमुख वीरेंद्र अरोड़ा को सुबह से नजरबंद किया गया
कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही संभल और मुरादाबाद मंडल के कई वरिष्ठ शिवसेना नेताओं को घरों में नजरबंद कर दिया गया। जिला प्रमुख वीरेंद्र अरोड़ा को सुबह से ही पुलिस ने घर में रोक दिया और बाहर सुरक्षा कर्मी तैनात कर दिए। प्रशासन का तर्क था कि अरोड़ा के बाहर निकलने से शिवसैनिक इकठ्ठा होंगे और कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती है।
🟧 बिलारी उपप्रमुख राजीव सक्सेना भी नजरबंद
बिलारी के जिला उपप्रमुख राजीव सक्सेना के घर पर भी सुबह से पुलिस तैनात रही। उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई। शिवसेना के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया और प्रशासन पर विपक्ष को रोकने का आरोप लगाया। सक्सेना के आवास के बाहर भी शिवसैनिक एकत्र होने लगे, जिन्हें पुलिस ने समझाकर वापस भेजा।
🟧 ठाकुरद्वारा ब्लॉक प्रमुख सोमपाल पर विशेष निगरानी

ठाकुरद्वारा में शिवसेना ब्लॉक प्रमुख सोमपाल के आवास और कार्यालय के आसपास पुलिस बल तैनात किया गया। बताया जा रहा है कि सोमपाल स्थानीय स्तर पर काफी सक्रिय हैं, इसलिए प्रशासन ने एहतियातन उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने से रोका। शिवसेना का आरोप है कि पुलिस का यह कदम आंदोलन को कमजोर करने की सोची-समझी रणनीति है।
🟧 शिवसेना जिला कार्यालय पर भारी पुलिस बल
शाम होते-होते शिवसेना जिला कार्यालय के बाहर पुलिस बल की संख्या काफी बढ़ा दी गई। किसी भी भीड़ या रैली के प्रयास को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर दी गई और एंट्री-एग्जिट पॉइंट्स पर निगरानी बढ़ा दी गई। कई शिवसैनिकों को कार्यालय के अंदर घुसने से रोका गया जिससे माहौल में तनाव पैदा हुआ।
🟧 शिवसैनिकों की योजनाबद्ध रणनीति ने पुलिस के अनुमान बदले
नेताओं की नजरबंदी के बावजूद शिवसैनिकों ने पहले से तैयार की गई रणनीति के तहत एक साथ कई मंदिरों में पहुँचकर आरती का कार्यक्रम शुरू कर दिया। पुलिस ने जिस बड़े समूह के एकत्र होने को रोकने की तैयारी की थी, उसकी जगह छोटी-छोटी टुकड़ियां अलग-अलग मंदिरों में पहुंच गईं। इससे प्रशासन कुछ समय के लिए असमंजस की स्थिति में आ गया।
🟧 हाथीवाला मंदिर में पहली आरती से शुरू हुआ कार्यक्रम

सबसे पहले हाथीवाला मंदिर में शिवसैनिकों ने शंखनाद कर भगवा दिवस की शुरुआत की। यहां स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और मंदिर परिसर में धार्मिक माहौल बन गया। पुलिस ने दूरी बनाकर स्थिति को नियंत्रित रखा।
🟧 झारखंडी मंदिर में बढ़ी भीड़ और धार्मिक उत्साह

झारखंडी मंदिर में शिवसैनिकों की पर्याप्त संख्या देखी गई। शाम के समय मंदिर के प्रांगण में लगातार भक्तों का आना-जाना जारी रहा और महाआरती में भारी भीड़ शामिल हुई। कई लोगों ने इसे “हरिहर मंदिर मुक्ति” के समर्थन का प्रतीक बताया।
🟧हनुमान मूर्ति मंदिर में शिवसैनिकों की ऊँची आवाज़ में घोष

हनुमान मूर्ति मंदिर में शिवसैनिकों ने ऊँचे स्वर में घोष किए और कार्यक्रम को जोशपूर्ण माहौल में आगे बढ़ाया। पुलिस भी यहां मौजूद रही लेकिन किसी तरह की रुकावट नहीं डाली।
🟧 मनोकामना मंदिर में आरती के दौरान स्थानीय समर्थन बढ़ा

मनोकामना मंदिर में आयोजित महाआरती में बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी भी शामिल हुए। यहां शिवसेना की उपस्थिति ने धार्मिक रंग में राजनीतिक संदेश भी जोड़ दिया, जिससे भीड़ में खास उत्साह दिखा।
🟧 चौरासी घंटा मंदिर में घंटों की गूंज से माहौल गूंजा
चौरासी घंटा मंदिर में आरती के दौरान लगातार बजते घंटों की आवाज़ से पूरा परिसर गूंज उठा। शिवसैनिकों और स्थानीय समुदाय की उपस्थिति से मंदिर परिसर में एक विशाल धार्मिक सभा जैसा माहौल बन गया।

🟧 मालवीय नगर के गीता ज्ञान मंदिर में हुआ भव्य आयोजन
मालवीय नगर स्थित गीता ज्ञान मंदिर में भी महाआरती काफी भव्य तरीके से आयोजित की गई। यहां के कार्यक्रम की वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने लगीं, जिससे चर्चा और तेज हुई।
🟧 मंडी चौक हनुमान मंदिर बना प्रमुख केंद्र

सबसे अधिक भीड़ हनुमान मंदिर मंडी चौक पर देखी गई। यह कार्यक्रम शिवसेना के लिए एक बड़ा प्रदर्शन साबित हुआ, जहाँ सैकड़ों लोग एकत्र होकर हरिहर मंदिर की “मुक्ति” की मांग के समर्थन में खड़े दिखाई दिए।
🟧 प्रदेश उपप्रमुख महेश आहूजा को संभल पहुँचने से रोका गया

शिवसेना के प्रदेश उपप्रमुख महेश आहूजा को संभल जाने से मुरादाबाद पुलिस ने रोक दिया। पुलिस ने तर्क दिया कि उनकी मौजूदगी से कार्यक्रम के दौरान तनाव बढ़ सकता था। शिवसैनिकों ने इस कार्रवाई को राजनीतिक दबाव बताया।
🟧पुलिस और शिवसैनिकों के बीच नोकझोंक

महेश आहूजा और धर्मेंद्र तोमर को रोकने के दौरान पुलिस और शिवसैनिकों के बीच तीखी बहस हुई। कुछ स्थानों पर हालात टकराव की स्थिति में पहुंच गए, हालांकि पुलिस ने किसी बड़े संघर्ष को होने नहीं दिया।
🟧 “गिरफ्तारी देंगे, पर आरती नहीं रोकेंगे” — शिवसेना नेताओं का ऐलान

शिवसेना नेताओं ने साफ कहा कि वे गिरफ्तारी देने को तैयार हैं, लेकिन आरती किसी भी हाल में नहीं रोकेंगे। इस घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह और अधिक बढ़ गया।
🟧 प्रशासन ने 500 शिवसैनिकों को दुर्गा भवन ले जाकर आरती कराई

बेहद तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए पुलिस ने लगभग 500 शिवसैनिकों को सुरक्षा घेराबंदी में दुर्गा भवन मंदिर ले जाकर आरती कराई। यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आंदोलन को नियंत्रित रखने की रणनीति का हिस्सा बताया गया।
🟧 प्रशासन पर तानाशाही का आरोप, मुख्यमंत्री आवास घेराव की चेतावनी

महेश आहूजा ने कार्यक्रम के बाद प्रशासन पर तानाशाही और उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस पुलिस कार्रवाई के विरोध में शिवसेना जल्द ही मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन करेगी। इससे आंदोलन की आगे की रणनीति को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई।
🟧 सैकड़ों शिवसैनिकों और नेता मंच पर सक्रिय रहे

आज के कार्यक्रम में महेश आहूजा, विभिन्न भटनागर, वीरेंद्र अरोड़ा, कमल सिंह राव, मुदित उपाध्याय, शिबू पांडे, राजीव राठौर, अरुण ठाकुर समेत सैकड़ों शिवसैनिक मौजूद रहे। इनकी उपस्थिति ने इस अभियान को प्रदेश स्तर पर एक बड़ी राजनीतिक और धार्मिक गतिविधि बना दिया।
