संभल के श्री हरिहर मंदिर में जलाभिषेक के लिए जाते शिव सैनिकों को रोका, 350 गिरफ्तार


लव इंडिया मुरादाबाद। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शिवसेना ने संभल स्थित हरिहर मंदिर पर जल अभिषेक करने जाने की कोशिश करि पर शिव सैनिकों को मुरादाबाद में एकत्रित होकर हरिहर मंदिर जलाभिषेक अभियान भाग लेने से रोकने के लिए मेरठ, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, बागपत, गाजियाबाद, अलीगढ़, अमरोहा और मुरादाबाद शिवसेना के वरिष्ठ पदाधिकारियों की नजरबंदी कर दी गई।

मुरादाबाद स्थित जिला कार्यालय की भी और जिला प्रमुख के आवास की भी नजरबंदी कर दी गई थी। जिससे कई जिलों के कार्यकर्ता मुरादाबाद नहीं पहुंच पाए। परंतु शिवसेना पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रमुख धर्मेंद्र तोमर और जिला प्रमुख वीरेंद्र अरोड़ा के नेतृत्व में जिला कार्यालय के निकट से लगभग 500 शिव सैनिक हरिहर मंदिर के लिए रवाना हुए, बुध बाजार स्थित जिला कार्यालय को चारों तरफ से भारी पुलिस बल ने घेरकर बैरिकेडिंग कर दी गई।

कार्यालय के निकट स्थित होटल अजंता पर शिव सैनिकों की पुलिस से नोक झोंक हुई जिसमें शिव सैनी कौन है बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ गए इसके बाद पुलिस ने अतिरिक्त बल लगाकर के चार बसों में बिठाकर शिव सैनिकों को गिरफ्तार कर लिया। जल चढ़ाएंगे या जेल जाएंगे’ का नारा लगाते हुए सभी शिव सैनिको को बसों में बैठाया गया। शिव सैनिकों को वहां से कोतवाली ले जाया गया, वह 1 घंटे बाद मजिस्ट्रेट द्वारा लिस्ट बनाकर रिहा कर दिया गया।
अपना रोष प्रकट करते हुए धर्मेंद्र तोमर ने कहा पहले भी सरकारें गिरफ्तारियां करती थीं पर संभल के निकट चौराहे, अब यह सरकार घरों व कार्यालयों में गिरफ्तारियां कर रही है पर शिव सैनिक हरिहर मंदिर की आजादी के लिए संकल्पबद्ध हैं और इसके लिए राष्ट्रीय नेतृत्व के आदेशानुसार लड़ते रहेंगे।

आज के कार्यक्रम में धर्मेंद्र तोमर, वीरेंद्र अरोड़ा, कमल सिंह राव, विपिन भटनागर, मुदित उपाध्याय, शिबू पांडे, राजीव राठौर, अरुण ठाकुर, विशाल सैनी, भारत अरोरा, आकाश सिंह, राहुल कुमार, उमेश ठाकुर, सुरेश सैनी, हरि सिंह,सोनू, राजपाल, जितेंद्र पासी, बादाम सिंह आदि 350 शिव सैनिकों ने लिखित गिरफ्तारी दी।
META IA के मुताबिक
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित श्री हरिहर मंदिर एक विवादित स्थल है, जिसे वर्तमान में जामा मस्जिद के नाम से जाना जाता है। यह मस्जिद संभल शहर के केंद्र में ऊंचे टीले पर मोहल्ला कोट पूर्वी के भीतर स्थित है। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह स्थल पहले भगवान विष्णु के अवतार कल्कि के हरिहर मंदिर के रूप में जाना जाता था, जिसे 1529 में बाबर द्वारा तोड़कर मस्जिद में बदल दिया गया था।
विवाद के मुख्य बिंदु:

- हिंदू पक्ष का दावा: हिंदू पक्ष का मानना है कि जामा मस्जिद वास्तव में हरिहर मंदिर है, जिसे बाबर ने तोड़कर मस्जिद में बदल दिया था। उन्होंने इसके प्रमाण के रूप में बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी का उल्लेख किया है, जिसमें हरिहर मंदिर होने की पुष्टि होती है।
- मुस्लिम पक्ष का दावा: मुस्लिम पक्ष का दावा है कि हिंदू पक्ष का दावा बेबुनियाद है और यह मस्जिद बाबर द्वारा बनवाई गई थी। वे सुप्रीम कोर्ट के 1991 के आदेश का हवाला देते हैं, जिसमें कहा गया था कि 15 अगस्त 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस भी स्थिति में हैं, वो अपने स्थान पर बने रहेंगे।
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की भूमिका: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की 1879 की एक सर्वे रिपोर्ट में भी इसके हिंदू मंदिर होने के सबूत मिले थे। एएसआई के अनुसार, मस्जिद के गुंबद का जीर्णोद्धार हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान के शासनकाल में हुआ था।
वर्तमान स्थिति:

सामाजिक तनाव: इस विवाद के चलते संभल में तनाव उत्पन्न हो गया है, जिसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है ।
न्यायिक प्रक्रिया: इस विवाद पर न्यायिक प्रक्रिया जारी है, जिसमें हिंदू पक्ष ने अदालत में याचिका दायर कर सर्वेक्षण की मांग की है। अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए एडवोकेट कमीशन गठित करने के निर्देश दिए हैं।