आदेश को रद्दी की टोकरी में फेंकने पर Government of India के Railway Secretary और station master की गिरफ्तारी के आदेश

लव इंडिया, संभल। देरी से चल रही ट्रेन के संबंध में रेलवे ने गलत जानकारी दी।14 घंटे देरी से चल रही ट्रेन टिकट की धनराशि वापस भी नहीं की। यात्री को ट्रेन के स्थान पर हवाई मार्ग से दिल्ली आना पड़ा। बाद में परेशान यात्री ने जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद योजित किया। परिवाद निर्णीत हुआ लेकिन आदेश का पालन नहीं हुआ जिस पर जिला उपभोक्ता आयोग ने भारत सरकार के रेल सचिव, स्टेशन मास्टर मनमाड़ महाराष्ट्र के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर गिरफ्तारी के आदेश दिए।

संभल जनपद के सरायतरीन के बाजार गंज निवासी परमानंद वार्ष्णेय पुत्र ओमप्रकाश ने दिनांक 14 सितंबर 2023 को ऑनलाइन एक टिकट खरीदी जिसमें उन्हें अपने परिवार के साथ दिनांक 3 जनवरी,2024 को मनमाड़ से मथुरा जाना था। मनमाड़ से ट्रेन को मध्यरात्रि 12 बजकर 10 मिनट पर चलना था। यात्री ट्रेन पकड़ने के लिए 2 जनवरी 2024 को रात्रि 10 बजे मनमाड़ रेलवे स्टेशन पर आ गया लेकिन 3 घंटे के इंतजार के बाद ट्रेन नहीं आई। रेलवे द्वारा कोई सूचना भी नहीं दी गई। यात्री को रात भर ट्रेन का इंतजार करना पड़ा। 3 जनवरी को प्रातः 7 बजकर 50 मिनट पर बताया गया गया कि ट्रेन आने वाली है लेकिन ट्रेन नहीं आई। इस पर यात्री द्वारा ट्रेन टिकट कैंसिल वापस करने का अनुरोध किया लेकिन रेलवे की ओर से टिकट की धनराशि वापस नहीं की गई जिससे यात्री को हवाई मार्ग से वापस दिल्ली आना पड़ा।

यात्री ने रेलवे की लापरवाही को जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष उठाया जिसमें आयोग ने 29 अगस्त 2024 को रेलवे मंडल वाणिज्य प्रबंधक भुसावल को आदेश दिया था कि वह टिकट की धनराशि 2,257 व हवाई जहाज किराया राशि रुपए 18,912/- कुल धनराशि 21,169/ दो माह के अंदर वापस करे साथ ही रेल सचिव व स्टेशन मास्टर मनमाड़ को 5 हजार वाद व्यय व 5 हजार आर्थिक हानि अदा करने के भी आदेश दिए लेकिन रेलवे व उसके अधिकारियों ने उपभोक्ता आयोग के आदेश का पालन नहीं किया।
अधिवक्ता पारस वार्ष्णेय ने बताया कि जिला आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए भारत सरकार के रेल सचिव, स्टेशन मास्टर मनमाड़ व वाणिज्य प्रबंधक भुसावल के विरुद्ध वारंट जारी का गिरफ्तारी के आदेश दे दिए हैं।