Rashtriya Ati Pichhda Mahasabha ने राजनीति में बढ़ती भागीदारी पर किया मंथन

लव इंडिया, मुरादाबाद। राष्ट्रीय अति पिछड़ा महासभा की एक अहम बैठक का आयोजन 14 दिसंबर 2025 को हनुमान मूर्ति के निकट स्थित प्रिन्स बैंक्वेट हॉल, देहरी गांव में किया गया। बैठक में अति पिछड़ा समाज की राजनीतिक, सामाजिक और संगठनात्मक स्थिति पर गहन चर्चा हुई और एकजुट होकर संघर्ष तेज करने का आह्वान किया गया।


बैठक का उद्देश्य

इस महासभा का मुख्य उद्देश्य अति पिछड़ा समाज की राजनीति में घटती भागीदारी, सामाजिक उपेक्षा और प्रतिनिधित्व की कमी पर गंभीर विमर्श करना रहा। वक्ताओं ने कहा कि संख्या में बहुल होने के बावजूद अति पिछड़ा वर्ग को आज भी निर्णायक स्थान नहीं मिल पा रहा है।


अध्यक्षता और प्रमुख अतिथि

बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष जयपाल सिंह सैनी ने की। मुख्य संरक्षक एवं अतिथि के रूप में डॉ. श्रोत्रिय सिंह उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर बृज प्रकाश सैनी (मेरठ) ने कार्यक्रम को संबोधित किया।


कार्यक्रम संचालन

कार्यक्रम का संचालन संगठन महामंत्री डॉ. राजकुमार कश्यप द्वारा किया गया। उन्होंने समाज को संगठित होकर राजनीतिक चेतना बढ़ाने पर जोर दिया।


मुख्य वक्ताओं के विचार

मुख्य वक्ता राकेश सैनी (बिजनौर) और मदन पाल (मुरादाबाद) ने कहा कि अति पिछड़ा समाज को केवल वोट बैंक समझा गया है। अब समय आ गया है कि समाज अपने अधिकारों के लिए खुलकर आगे आए।


राजनीति में उपेक्षा पर चिंता

वक्ताओं ने कहा कि आज की राजनीति जातिगत समीकरणों पर आधारित है, लेकिन अति पिछड़ा वर्ग को उसका वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा। इस स्थिति को बदलने के लिए समाज को शिक्षित, संगठित और जागरूक होना होगा।


एकजुट संघर्ष का संकल्प

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अति पिछड़ा महासभा के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकजुट होकर समाज के हक की लड़ाई लड़ेंगे और राजनीतिक दलों पर दबाव बनाएंगे।


बैठक में मौजूद प्रमुख पदाधिकारी

बैठक में डाॅ. सीपी सिंह, अमित प्रजापति, नेम सिंह बौद्ध, विनोद कुमार सैनी, राधा रानी सैनी, अमित सैनी, रामप्रताप कुशवाहा, महिपाल प्रजापति, आरके सैनी, हुकुम सिंह सैनी, ईडी संजीव सैनी, वेद प्रकाश सैनी, राजू सैनी, डॉ. अशोक सैनी, अनिल सैनी (नौगांव मेरठ) सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।


भविष्य की रणनीति

बैठक में यह भी तय किया गया कि आने वाले समय में जिला और मंडल स्तर पर इसी तरह की बैठकें आयोजित कर समाज को राजनीतिक रूप से मजबूत किया जाएगा।


समाज अपने अधिकारों को लेकर चुप नहीं बैठेगा

राष्ट्रीय अति पिछड़ा महासभा की यह बैठक सामाजिक न्याय और राजनीतिक हिस्सेदारी की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। संगठन ने स्पष्ट किया कि अब अति पिछड़ा समाज अपने अधिकारों को लेकर चुप नहीं बैठेगा।


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