Railway Officer पर पति ने लगाया शोषण का आरोप, कहा- आत्महत्या के लिए किया मजबूर

लव इंडिया मुरादाबाद। Railway Officer पर पति ने 16 साल तक शोषण करने का आरोप लगाया है। कहा है कि पत्नी ने आत्महत्या के लिए मजबूर किया। इस संबंध में पति ने आईआरजीएस पर शिकायत दर्ज कराई है।
आईआरजीएस पर यह शिकायत दर्ज कराई है प्रवीण कुमार पुत्र प्रेम कुमार चौबे ने जो वर्तमान में पता माधव ग्रीन लखनऊ का निवासी हैं। शिकायत में कहा गया है कि विगत 20 नवंबर 2024 तक मैं अपनी बेटी की माँ अन्जू सिंह, पता एनसी 102 रेलवे कॉलोनी मुरादाबाद मनोकामना मंदिर के सामने, जो कि थाना सिविल लाइन के अंतर्गत है, के सरकारी आवास पर अपनी बेटी,अंजू सिंह और उसके परिवार के साथ रहता था।

मेरा अपनी पत्नी अंजू सिंह मुरादाबाद डिवीजन रेलवे मंडल में सीनियर DOM के साथ प्रथम शादी साल 2013 के बाद पारिवारिक कलह के चलते हुऐ पहले तलाक़ साल 2016 के उपरांत अंजू व उसके परिवार के लगातार मानसिक भावनात्मक दबावों के कारण साल 2017 में पुनः दुबारा विवाह हुआ जिसके चलते मैं इस प्रेम विवाह को निभाने की कोशिश में लगातार मानसिक, शारीरिक आर्थिक शोषण का शिकार होता रहा। क्योंकि, मेरे माता-पिता से मुझे दूर करवा दिया गया। ये भी बताता चलूँ आदरणीय कि पहले तलाक़ का कारण भी मेरे माँ-बाप के साथ मारपीट क्लेश व अंजू का अपने परिवार को घर पर रखना और बाहर खुद कई सम्बन्ध बनाना एवं अत्यधिक महत्वकांक्षा आदि रहा था। परन्तु दूसरे विवाह के बाद भी स्थिति बल्कि और ख़राब हो गयी। मेरे माँ पिता भाई को हमेशा के लिये दूर करवा दिया गया मुझसे ,
दूसरे विवाह से एक 5 वर्ष की पुत्री भी है। जिसकी क़सम दे दे कर माँ-बाप से दूर और खुद के परिवार के नज़दीक रहने को हमेशा मुझ पर दबाव रहा। मैने यह भी निभाया। मुझे हर बार हर जगह जाट कहने को कहा गया,जबकि हमारी शादी विजातीय थी। मेरा नाम पहचान तक बदलवाने की कोशिशें हुई। मुझ पर जादूटोना तक करवाया। मुझे कब्रीस्तान भेज कर पशु बलि करवाई गयी। नींबू-मीर्च ना जाने क्या क्या। हे प्रभु! सब कुछ सहा प्रेम विवाह की मजबूरी में,शुरू में अंजू की पढ़ाई पूरी करवाने के लिये खुद को गिरवी रखने तक की नौबत को झेल कर भी मैने अंजू की पढ़ाई से लेकर उसके पिता की धमकियों के चलते उसके भाई-बहन तक का खर्चा उठाया, जो अंजू के अधिकारी बनते ही आये दिन मुझे उसके पद की धमकी देकर अपने काम करवाने से लेकर पैसे की माँग करने लगे क्योंकि पूरा परिवार अंजू का हमारे घर ही पड़ा रहता था।
इसी बीच मैं कवि सम्मेलनों में निकला ,तो पता चला अंजू किसी अभिनय व निशान्त के साथ घूमना-फिरना व मेरी ग़ैर मौजूदगी में सबको घर बुलाया करती हैं। मैं कई बार खुद अंजू के कहने पर कई लोगों से उसके रिश्वत रूपी पैसे लेने गया। वो सब क्या था पता नहीं पर जब भी घर आया तो कोई घर में रहता था,हद तो तब हो गई जब निशान्त की पत्नी ने रोते रोते फ़ोन किया और कहा कि मुझे पर कृपा कर मेरा घर टूटने से बचा लिजिये, अपनी पत्नी को मेरे पति से दूर करिये,तब मैने खुलकर इन मुद्दों पर बात करनी चाही अजूं से कि वह यह सब करके खुद का और परिवार का भविष्य ख़राब कर रही क्योंकि घर में एक छोटी बच्ची भी है,बस यही कहना था की हमेशा की तरह मेरे साथ मारपीट गाली गलौज उसके भाई परिवार द्वारा शुरू हो गया। दिनांक 21 नवंबर को सुबह 5 से 5:30 बजे मेरी पत्नी ने मुझे फिर से गंदी-गंदी गालियां देते हुये मानसिक रूप से पहले कई अवसरों की तरह प्रताड़ित किया। धमकाना शुरू हुआ कि इस घर में रहना है तो जैसा अंजू चाहेगी वैसा होगा वरना सामान और तुझकों बाहर फिकवा दूगीं और समाज में मेरी इतनी ऊँची पावर है कि तुझे मुँह दिखाने लायक़ नहीं छोड़ूँगी इतना बदनाम करवा दूगीं तुझे और तेरे परिवार को ज़हर खाने की नौबत ला दूगीं तो कोई काम-धंधा करने लायक़ नहीं रहेगा समाज में,एक औरत का दुबारा और ज़्यादा घिनौना रूप देखने के बाद मैंने जब अजूं और उसकी मां दोनों को हाथ जोड़ते हुए कई बार समझाने की कोशिश करी कि तुम्हारे अवैध संबंधों व अमर्यादित व्यवहार व रिश्वत लेने वाली भ्रष्टाचार अधिकारी जैसी कई चर्चायें कई जगह फैल रही है जिससे मुझे मानसिक व सामाजिक पीढ़ा झेलनी पड़ रही है, हमारे भविष्य को लेकर चितां हो रही है। तुम्हारे संबंध अभिनय चौधरी जिसको तुम मेरे सामने भईया कहती थी और एक एम्पलाई जो तुम्हारे ऑफिस में काम करता है, उसकी पत्नी का तुम्हें समझाने के लिए कई बार कॉल मुझे आता रहा है।इन लोगों से तुम्हारे संबंधों की चर्चा सरेआम हो गई है। तुम पहले भी हमारे पहले तलाक़ के बाद इन सब चीज़ों को ना करने की माफ़ी माँग चूकी थी पर फिर वही सब हो रहा है,पर अब हमारी एक बच्ची भी है,इसलिये इन सब ग़लत कामों से दूरी बना लो, ऐसा कहने पर अंजू व उसकी माँ ने मुझे मां बहन की भद्दी भद्दी गालियां दी। उसके भाई बहन पिता ने हमेशा की तरह मुझसे हाथापाई की।अतंतः उसने कई बार घर से निकल जाने को कहाँ,तो मैने खुद को समेटते हूये,रोते हूये बेटी को याद करते हुए,जब मैंने उससे कहा कि ठीक ख़ुश रहना मैं तुम्हें छोड़कर जा रहा हूं,मुझे मेरा कुछ तो सामान लेकर जाने दो और मैंने कुछ सामान लिया ही था कि उसने मेरा समान छीनते हुए ये कहा कि तु इस घर से एक सुई की नोक भर भी कुछ नहीं लेकर जा सकता और जान प्यारी है तो चुपचाप निकल जा,जान से मारने की धमकी भी दी।इनके पिता ने गोली से उड़ा देने तक की बात कह दी उस रात मुझकों अंजू सिंह और उसकी मां ने बुरा भला कहते हुए धमकीयां देते हूये,जबरन मेरे गले से सोने की चेन तोड़ ली और फिर मैंने अपने बडें कमरे की तरफ़ भागते हूये वह अटैची उठाई,जिसमें मेरी प्रॉपर्टी के काग़ज़ थे,वह उठाई ही थी लेकिन मेरे हाथ से उसके भाई ने वह अटैची छिन ली,जिसमें मेरे कई कागजात मेरे स्वामित्व वाले उन तीन जमीन के प्लेटो की रजिस्ट्री है जो क्रमशः
1.जोया स्थित अपना किला की जमीन,जिस पर अंजू सिंह ने जमीन विवादास्पद भी लिखवाया था।
2.मोदी नगर स्थित,एक मकान
3.मोदी नगर स्थित,लगभग 200 से 250 गज जमीन
4.अंजू और मेरे नाम पर एक दो bhk फ्लैट ग्रीन आर्किड सोसायटी मुरादाबाद में,जिसमें संभवतः आजकल अभिनय चौधरी रह रहा है।

मैने जब अंजू से घर से निकलते वक्त अपने उक्त कागजात वापस मांगे तथा अपना अन्य जरूरी सामान भी अपनी गाड़ी में भरकर ले जाने के लिए कहा तो उसने चिल्लाते हुए कहा कि मेरे घर से कुछ भी नहीं ले जा सकता यहां से निकल जा और दोबारा इस घर तो क्या मुरादाबाद में भी कहीं नजर आए तो पता नहीं चलेगा कि कहां चला गया तू, जमीन खा गई या आसमान निगल गया। पुलिस क्या खाक तुझको ढूंढ पाएगी।मेरी पहुँच बहुत ऊपर तक है ,हर पुलिस प्रशासन का बड़ा अधिकारी मेरी मुट्ठी में है तु मेरा कुछ नहीं कर पायेगा ,रोता हुआ आयेगा।तो इस तरह से आदरणीय मैं 21 नव 2024 सुबह अंजू से अलग होकर नये जीवन की शुरुवात कर चूका हूँ,जिसके चलते मैंने अंजू पर तलाक़ व 156 की क़ानूनी कार्यवाही करते हूये अंजू ,उसके परिवार,उसके दोस्तों से अपनी व अपने परिवार की रक्षा की गुहार लगाते हूये खुद को उससे मुक्ति पाने का विनम्र निवेदन किया है,जिसके बदले अंजू ने मेरे और मेरे परिवार पर झूठे आरोप लगाते हूये fIR करवाई,कई बार हमले भी करवाये,मेरी सामाजिक छवि धूमिल कर रही है ,मेरे हाथ पैर तोड़कर जान से मरवाने की धमकी भी लोगों द्वारा मुझे दी गयी है,एक आम नागरिक होने के नाते मैं आप से अपने व अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार करता हूँ एवं पुलिस प्रसाशन से निष्पक्ष न्याय की उम्मीद करते हुए अंजू व उसके परिवार के खिलाफ उचित कार्यवाही की माँग करता हूँ।
फिलहाल, इस संबंध में रेलवे अधिकारी अंजू सिंह से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया और पक्ष नहीं मिल पाया अगर उनका पक्ष आता है तो हम उसे भी अपने पाठकों के समक्ष रखेंगे।