आशा- आशा संगिनी का अंबेडकर पार्क से जुलूस, कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस से नोकझोंक
उमेश लव लव इंडिया मुरादाबाद। प्रोत्साहन राशि समेत 12 विभिन्न मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन के बैनर आशा और आशा संगिनी ने एकत्रित होकर अंबेडकर पार्क से जुलूस निकाला और कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और एसीएम को ज्ञापन दिया। इस दौरान आशा और आशा संगिनी की पुलिस से नोक झोंक भी हुई।

उत्तर प्रदेश में आशा वर्कर्स ने सरकार के खिलाफ एक दिन की हड़ताल कर दी है। उनका आरोप है कि सरकार ने उनके साथ किए गए समझौतों को लागू नहीं किया है, जिससे उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

हड़ताल के कारण
- सरकार द्वारा वादाखिलाफी
- कई माह से आधार भुगतान नहीं किया गया
- राज्य प्राप्त भत्ते और प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया
- राष्ट्रीय अभियानों पर भी सरकार का प्रतिफल बकाया
- न्यूनतम वेतन, ईपीएफ, ग्रेच्युटी, ईएमआई, मातृत्व अवकाश, जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा नहीं दिया जा रहा

आंदोलन की चेतावनी
आशा वर्कर्स ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगी। इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.

आशा और आशा संगिनी की मांगें
- सरकारी कर्मचारी का दर्जा: आशा और आशा संगिनी को सरकारी कर्मचारी के रूप में वर्गीकृत किया जाए और न्यूनतम वेतन लागू किया जाए।
- ईपीएफ और ईएसआई: आशा और आशा संगिनी को ईपीएफ और ईएसआई का सदस्य बनाया जाए।
- ग्रेच्युटी: सेवा निवृत्ति पर ग्रेच्युटी दी जाए।
- स्वास्थ्य और जीवन बीमा: 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा और 50 लाख का जीवन बीमा सुनिश्चित किया जाए।
- न्यूनतम वेतन: न्यूनतम वेतन लागू होने तक आशा कर्मियों को आधारभूत मानदेय 21,000 रुपये और आशा संगिनी को 28,000 रुपये किया जाए।
- प्रोत्साहन राशि: जननी सुरक्षा से जुड़े बुनियादी कार्य के अलावा अन्य कार्यों की प्रोत्साहन राशियों का निर्धारण कर नियमित और पारदर्शी ढंग से भुगतान किया जाए।

- भ्रमण भत्ता: आशा संगिनी कर्मियों को भ्रमण भत्ता दिया जाए या एकमुश्त उनके आवागमन के लिए स्कूटी उपलब्ध कराई जाए।
- मोबाइल और इंटरनेट: आशा और आशा संगिनी को उच्च गुणवत्ता वाले 5जी मोबाइल और तेज इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी के सिम उपलब्ध कराए जाएं।
- गोल्डन आयुष्मान कार्ड: गोल्डन आयुष्मान कार्ड और आधार परिचय पत्र के सृजन में किए गए योगदान के सापेक्ष बकाया भुगतान एकमुश्त किया जाए।
- मृतक आशा और आशा संगिनी के परिजनों को सहायता: वर्ष 2018 से 2025 तक विभिन्न दुर्घटनाओं में मृतक आशा और आशा संगिनी के परिजनों को अनुमन्य बीमित राशि और क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जाए।
- बकाया भुगतान: दशकों से बकाया विभिन्न प्रोत्साहन राशियों और केंद्र व राज्य प्रदत्त अनुग्रह राशियों का भुगतान तत्काल सुनिश्चित किया जाए।
- लैंगिक उत्पीड़न पर रोक: सभी जिलों में लैंगिक उत्पीड़न पर रोक लगाने के लिए जीएसकैश का गठन किया जाए और कमेटियों में आशा और संगिनी को प्रतिनिधित्व दिया जाए।

जिलाध्यक्ष निर्मला पाल, जिला सचिव नीतू गोस्वामी, लता सागर,परवीन जहां, मेहताब, अर्चना, अनीता, दीक्षा, प्रीति, राजरानी ,पुष्पा, मिथिलेश,मोहनी, पूनम, निगहत परवीन व रोहताश कुमार राजपूत आदि रहे।

