Corona से हुई मौत को पुरानी बीमारी बता इंकार कर दिया था, अब देने होंगे इंश्योरेंस कंपनी को 50 लाख रुपए ब्याज समेत


लव इंडिया, संभल। कोरोना से हुई मौतों को भी बीमा कंपनियों ने मजाक बना कर रख दिया है और पुरानी बीमारी बताकर बीमा दावा निरस्त करने का प्रचलन भी बना लिया है। ऐसे ही एक मामले में जिला उपभोक्ता आयोग, संभल ने बीमा कंपनी को आईना दिखाते हुए 50 लाख रुपए ब्याज सहित अदा करने के आदेश दे दिएl


संभल जिले के चंदौसी तहसील क्षेत्र की कैथल गेट निवासिनी मीनाक्षी अपने पति सत्यप्रकाश के साथ ग्रेटर नोएडा में रहती थी। उनके पति ने 13 अक्टूबर 2020 को पॉलिसी बाजार के माध्यम से केनरा एच एस बी सी ओरिएंटल बैंक ऑफ लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (Canara HSBC Oriental Bank of Life Insurance Company) से एक दस वर्षीय टर्म बीमा पॉलिसी (Term Insurance Policy) खरीदी थी जिसकी बीमा धनराशि 50 लाख थी।

बीमा कंपनी ने पॉलिसी जारी करने से पहले बीमा धारक के समस्त मेडिकल चेकअप भी कराए थे लेकिन 27 अप्रैल 2021 को बीमा धारक को अचानक बुखार, सांस लेने में परेशानी, गले में खरांस, कफ़ बनने जैसी परेशानी होने लगी। क्षेत्रीय डॉक्टर्स को दिखाया। टेस्ट कराए तो पता चला कि बीमित कोरोना पीड़ित हो गया है। परिजनों ने काफी इलाज कराया, लेकिन बीमित की 11 मई 2011 को कोरोना से मृत्यु हो गई और घर में अकेले होने के कारण बीमा धारक की पत्नी अपने भाई के घर चंदौसी आ गई l

पारस वार्ष्णेय, युवा अधिवक्ता

पति की कोरोना से हुई मृत्यु की सूचना बीमा कंपनी को दी लेकिन बीमा कंपनी ने नोमानी के बीमा दावे को यह कहकर निरस्त कर दिया कि बीमा धारक डिसलिपिडेमिया व हाइपरटेंशन से पीड़ित थे। बावजूद इसके, उपभोक्ता ने हार नहीं मानी और युवा अधिवक्ता पारस वार्ष्णेय (Advocate Paras Varshney) के माध्यम से उपभोक्ता आयोग संभल में वाद योजित कर बीमा धनराशि दिलाने का अनुरोध किया लेकिन मुकदमे निर्णय आने से पूर्व ही वादी बीमा धारक की नॉमिनी पत्नी की भी मृत्यु हो गई और माता पिता की मृत्यु के उपरांत उनके बेटे ध्रूव व बेटी अर्चना ने मामले में पैरवी की l

अधिवक्ता पारस वार्ष्णेय ने बहस के दौरान बीमा कंपनी द्वारा की गई सेवाओं में कमी व लापवाही को उजागर किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला उपभोक्ता आयोग, संभल (District Consumer Commission, Sambhal) ने केनरा एच एस बी सी ओरिएंटल बैंक ऑफ लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया कि वह रुपए 50 लाख रुपए व उस पर वाद योजित करने से 7% वार्षिक ब्याज दो माह के अंदर अदा करें अन्यथा ब्याज की दर 9% होगी।

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