आवास विकास परिषद के अपर आयुक्त व सहकारिता अधिकारी पर गंभीर आरोप

लव इंडिया मुरादाबाद। मुरादाबाद में अपना दल कमेरावादी के मंडल अध्यक्ष डॉ रामेश्वर दयाल तुरैहा ने मुरादाबाद के मंडलायुक्त को पत्र लिखकर आवास विकास परिषद के अपर आयुक्त विनय कुमार मिश्रा और सहकारिता अधिकारी सतीश कुमार द्विवेदी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

आरोप

  • डॉ रामेश्वर दयाल तुरैहा ने आरोप लगाया है कि सतीश कुमार द्विवेदी अपने पद का दुरुपयोग कर मुरादाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़, बरेली और बनारस की सहकारी समितियों में अवैध रूप से दखल दे रहे हैं और गरीब लोगों से धन उगाही कर रहे हैं।
  • उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि अपर आयुक्त विनय कुमार मिश्रा के पास आय से अधिक संपत्ति है और उनके पास लखनऊ में लगभग 200 करोड़ रुपये का होटल बन रहा है।
  • डॉ रामेश्वर दयाल तुरैहा ने आयुक्त से अनुरोध किया है कि सतीश कुमार द्विवेदी को मुरादाबाद मंडल से हटाने के आदेश दिए जाएं और दोनों की आय से अधिक संपत्ति की जांच कराई जाए।

आवास विकास परिषद की जांच

गौरतलब है कि हाल ही में मुरादाबाद में आवास विकास परिषद की एक समिति में करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला सामने आया था, जिसमें आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीनों की रजिस्ट्री करा ली थी। वहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण ने भी 9 सहकारी आवास समितियों को दी गई जमीन की जांच के आदेश दिए हैं।

यह है मायानगर सहकारी आवास समिति का जमीन घोटाला

मुरादाबाद की मायानगर सहकारी आवास समिति में एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में समिति के अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदाधिकारियों पर फर्जीवाड़ा कर एक अरब रुपये की जमीन बेचने का आरोप है। कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह की रिपोर्ट के बाद शासन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।

जांच और कार्रवाई

  • कमिश्नर की रिपोर्ट के बाद अपर आवास आयुक्त विनय कुमार मिश्रा ने डीएम अनुपा सिंह को पत्र भेजकर वृहद जांच के लिए टीम गठित करने और लैंड आडिट कराने की बात कही।
  • डीएम ने एडीएम प्रशासन गुलाच चंद, एसडीएम सदर डा रागमोहन और सहकारी अधिकारी आवास सतीश कुमार की तीन सदस्यीय एसआइटी गठित की है।
  • एसआइटी लाकड़ी फाजलपुर और अन्य स्थानों के लैंड आडिट के साथ हुए फर्जीवाड़े की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

आरोप और जांच

  • आरोप है कि समिति के पदाधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मूल सदस्यों की जमीन गैर सदस्यों को बेच दी।
  • जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि प्रकरण गंभीर प्रकृति का है और समिति के पदाधिकारियों ने नियम विरुद्ध काम किया है।
  • कमिश्नर ने शासन को भेजी रिपोर्ट में वर्तमान प्रबंध कमेटी को भंग कर प्रशासनिक कमेटी के गठन की सिफारिश की है।

अगली कार्रवाई

  • एसआइटी की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
  • समिति की संपत्तियों का लैंड आडिट कराया जाएगा और लेखा-जोखा का स्पेशल आडिट भी कराया जाएगा।
  • समिति के सदस्यों के हित में प्रशासनिक कमेटी के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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